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झारखंड के धर्माधय्क्ष झारखंड के धर्माधय्क्ष 

ख्रीस्तीय गैरसरकारी संस्थाओं पर भेदभाव

काथलिक धर्माध्यक्षों ने झारखंड के राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा। जाँच, मदर तेरेसा की धर्म बहनों द्वारा एक नवजात शिशु को बेचने के आरोप में शुरू किया गया था। भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के महासचिव के लिए सरकार द्वारा इस प्रकार की जाँच यह दिखाने का प्रयास है कि ख्रीस्तीय संस्थाओं के अधिकारी आतंकवादी हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

राँची, मंगलवार, 31 जुलाई 2018 (एशियान्यूज)˸ झारखंड के ख्रीस्तीय गैरसरकारी संगठन न तो अवैध हैं और न ही आतंकवादी मांद। उक्त बात भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन द्वारा झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मूर्मू को सौंपे गये ज्ञापन में कही गयी है।

अनाथालय चलाने वाली मिशनरीस ऑफ चैरिटी की धर्मबहनों पर एक शिशु को बेचने के आरोप के बाद मिशनरीस ऑफ चैरिटी की धर्मबहनों की सभी गतिविधियों की जाँच की गयी और अब सभी ख्रीस्तीय गैरसरकारी संगठनों पर राज्य के अधिकारियों की कड़ी निगरानी हो रही है। 

धर्माध्यक्षों की शिकायत

धर्माध्यक्षों ने शिकायत की है कि जाँच की यह प्रक्रिया केवल ख्रीस्तीय संस्थाओं पर की जा रही है जो उन्हें भेदभाव के कटघरे पर खड़ा कर दिया है, "सिर्फ इसलिए कि वे ख्रीस्तीय हैं।" झारखंड के धर्माध्यक्षों ने ज्ञापन को 29 जुलाई को एक प्रेस सम्मेलन में जारी किया। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राँची के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल तेलेस्फोर पी. टोप्पो ने की।  

राज्यपाल को सौंपा गया  ज्ञापन 

राज्यपाल को सौंपे गये ज्ञापन में, धर्माध्यक्षों ने ख्रीस्तीय गैरसरकारी संस्थाओं पर, अपराध जांच विभाग द्वारा हिंसक हमले और झूठे आरोप की शिकायत की है। धर्माध्यक्षों ने कहा है कि सभी ख्रीस्तीय गैरसरकारी संस्थाएँ विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम के द्वारा पंजीकृत हैं और संघीय गृह मंत्रालय को ऑडिट रिपोर्ट जमा कर चुके हैं और नियमित रूप से आयकर भी भरते हैं, जिनके विवरण सरकारी वेबसाइटों पर उपलब्ध हैं।

ज्ञापन में कहा गया है कि यह आश्चर्य की बात है कि राज्य सीआईडी ने  संघीय सरकार की सभी खातों की पुष्टि और नवीनीकृत अनुमति के बाद भी ऐसी जांच शुरू की है। 

इसके अलावा, एनजीओ स्वायत्त निकाय हैं; इसलिए, सभी गैरसरकारी संगठनों की जांच केवल इसलिए कि वे ईसाई हैं, अन्यायपूर्ण, अनुचित, अवैध और प्राकृतिक न्याय के खिलाफ हैं।

ख्रीस्तीयों की मांग

धर्माध्यक्षों ने कहा है कि वे उनकी उत्कृष्टता का अनुरोध करना चाहते हैं कि एक शांतिप्रिय समुदाय जो हमेशा लोगों, देश और गरीबों की सेवा में समर्पित है, बिना किसी उत्पीड़न के अपने कामों को पूरा कर सके।

प्रेस सम्मेलन में काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के महसचिव धर्माध्यक्ष थेओदोर मसकरेनहास ने कहा कि आतंकवाद विरोधी दल (एटीएस) को सक्रिय करके, राज्य सरकार शायद यह दिखाने की कोशिश कर रही थी कि ईसाई संगठनों के अधिकारी आतंकवादी हैं। 

उन्होंने कहा, "ख्रीस्तीय संस्थाएँ केवल एफसीआरए के तहत विदेशी सहायता प्राप्त करने में अकेले नहीं हैं। अन्य गैरसरकारी संगठनों को क्यों बचाया गया है?"

 

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31 July 2018, 18:15