खोज

Al Goreअल गोरे Al Goreअल गोरे 

संत पापा जलवायु संकट को हल करने के लिए 'नैतिक बल', अल गोरे

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और पूर्व अमेरिकी उपराष्ट्रपति अल गोरे ने संत पापा फ्रांसिस के प्रेरितिक उदबोधन, "लाउदातो सी" की प्रशंसा की और "स्थिरता क्रांति" की मांग की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 4 जुलाई 2018 (वाटिकन न्यूज) : नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और पूर्व अमेरिकी उपराष्ट्रपति, अल गोरे, पर्यावरण के दुनिया के सबसे प्रमुख रक्षकों में से एक हैं। उनकी 2007 की वृत्तचित्र फिल्म, "एक असुविधाजनक सत्य", ने ऑस्कर जीता और उनकी जलवायु रियलिटी प्रोजेक्ट ने हाल ही में बर्लिन में एक महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन की मेजबानी की।

वाटिकन न्यूज के साथ इस विशेष साक्षात्कार में, अल गोरे ने संत पापा फ्रांसिस के प्रेरितिक उदबोधन, "लाउदातो सी" की प्रशंसा की और "स्थिरता क्रांति" की मांग की।

वे पर्यावरण संरक्षण के लिए दुनिया के सबसे मजबूत आवाज हैं। इस "हरे रंग की लड़ाई" में उनके जुनून के बारे बूछे जाने पर उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि जीवन का उद्देश्य ईश्वर की महिमा करना है और यदि हम ईश्वर की सृष्टि की उपेक्षा और विनाश करते हैं, तो यह हमारे जीवन जीने के तरीके के साथ बेहद असंगत है। इसके अलावा, जलवायु संकट अब मानवता के अस्तित्व की सबसे बड़ी चुनौती है और दुनिया के जीवविज्ञानी के मुताबिक, केवल मानवता ही नहीं है जो जोखिम में है परंतु इस धरती को साझा करने वाली सभी जीवित प्रजातियों में से आधा हिस्सा इस शताब्दी के दौरान विलुप्त होने का खतरा है। ईश्वर ने जब नूह को अपने जहाज में हर प्रजातियों के जोड़े को इकट्ठा करने के निर्देश दिया जिससे कि उन्हें अपने साथ जीवित रख सके, तो मेरा मानना है कि निर्देश भी हमारे लिए है।

वर्तमान में, हम 110 मिलियन टन गर्मी-फंसे हुए मानव निर्मित ग्लोबल वार्मिंग प्रदूषण के लिए खुले सीवर के रूप में हमारे ग्रह के आस-पास के वातावरण के पतले खोल का उपयोग कर रहे हैं। उस अतिरिक्त गर्मी ऊर्जा के परिणाम स्पष्ट हैं: मजबूत तूफान, अधिक विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन, गहरे और लंबे सूखे, फसल विफलताओं, कई क्षेत्रों में पानी की कमी, जंगल की आग को मजबूत करना, बीमारी फैलाना, बर्फ पिघलना, और समुद्र स्तर की वृद्धि - विश्व महासागर के अम्लीकरण में वृद्धि इत्यादि।

अतः यहां वास्तव में कोई विकल्प नहीं है। हमें जलवायु संकट को हल करना है। जैसा कि संत पापा फ्रांसिस ने कहा है, "यदि हम सृष्टि को नष्ट करते हैं, तो सृष्टि हमें नष्ट कर देगी।"

मैं संकट के समाधान में योगदान देने के प्रयासों में अपने हर औंस ऊर्जा को डालने में सक्षम होने के लिए भाग्यशाली रहा हूँ और मैं दुनिया के लाखों कार्यकर्ताओं और नेताओं से प्रेरित हूँ जो स्वच्छ ऊर्जा विकास के लिए स्थिरता अंदोलन चला रहे हैं। इन कार्यकर्ताओं और नेताओं से असली जुनून और शक्ति मुझे मिलती है।

संत पापा फ्राँसिस का नेतृत्व दुनिया भर में हम सभी के लिए एक प्रेरणा रहा है, खासकर जब जलवायु संकट को हल करने के लिए अपनी बातों को सामने रखते और बार बार याद दिलाते हैं। मैं उनकी नैतिक शक्ति की स्पष्टता के लिए आभारी हूँ। वे हमारे बीच सबसे कमजोर लोगों के बारे में सबसे शक्तिशाली तरीके से भी बोलते है और यह समझने में मदद करते है कि जलवायु संकट से कैसे विशिष्ट रूप से गरीब प्रभावित होते हैं, विशेष रूप से, उनका प्रेरितिक उदबोधन “लाउदातो सी”।  पेरिस समझौते से पहले जलवायु संकट को संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध करने के लिए दुनिया की अगुवाई में काथलिक कलीसिया ने एक महत्वपूर्ण कदम चिन्हित किया है।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

05 July 2018, 14:31