परमधर्मपीठ ने दोहराया कि दो-राज्य समाधान ही शांति का एकमात्र रास्ता है
वाटिकन न्यूज़
न्यूयॉर्क, शुक्रवार, 27 अक्टूबर 2023 : युद्ध सदैव पराजय है, यह मानव भाईचारे का विनाश है। भाइयों, युद्ध रोको! रोको!" पवित्र भूमि में शांति और हिंसा की समाप्ति के लिए संत पापा फ्राँसिस के मार्मिक शब्द रविवार, 22 अक्टूबर को देवदूत प्रार्थना के दौरान संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में दृढ़ता से गूंज उठे।
नागरिकों की पीड़ा का "निंदनीय" स्तर
ये शब्द इस सप्ताह न्यूयॉर्क में गाजा पट्टी पर लगातार जवाबी बमबारी और नाकाबंदी, संघर्ष के बढ़ने के ठोस खतरों और बढ़ते अंतरराष्ट्रीय तनाव के बीच संकट पर संयुक्त राष्ट्र में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक द्वारा सुरक्षा परिषद को संबोधित एक बयान में दोहराए गए थे।
उन्होंने हिंसा की चिंताजनक वृद्धि पर प्रकाश डाला, जिसके परिणामस्वरूप नागरिकों को "दुखद पीड़ा" का सामना करना पड़ा और फिर से याद दिलाया कि "युद्ध हमेशा मानवता के लिए एक हार है" क्योंकि "यह मानव परिवार के भाईचारे के जन्मजात आह्वान में बाधा डालता है।"
बंधकों की रिहाई के लिए आह्वान
इसके बाद महाधर्माध्यक्ष गाब्रिएल कैसिया ने अपना हस्तक्षेप तीन बिंदुओं पर केंद्रित किया।
सबसे पहले, उन्होंने 7 अक्टूबर को इज़राइल के लोगों के खिलाफ हमास और अन्य सशस्त्र समूहों द्वारा किए गए आतंकवादी हमले की परमधर्मपीठ की "पूर्ण और स्पष्ट निंदा" से अवगत कराया।
"जैसा कि संत पापा फ्राँसिस ने स्पष्ट रूप से कहा, आतंकवाद और उग्रवाद घृणा, हिंसा और प्रतिशोध को बढ़ावा देते हैं और केवल आपसी पीड़ा का कारण बनते हैं", उन्होंने जोर देते हुए कहा कि "ये अपराध मानव जीवन के लिए पूरी तरह से अवमानना प्रदर्शित करते हैं और ये अनुचित हैं।"
इसलिए महाधर्माध्यक्ष कैसिया ने गाजा में रखे गए सभी 222 इजरायली बंधकों की तत्काल रिहाई की अपील को फिर से शुरू किया, जिसे संत पापा फ्राँसिस ने बुधवार को अपने आम दर्शन समारोह के दौरान दोहराया था।
अब तक, हमास ने केवल चार बंदियों को रिहा किया है, जिनमें एक अमेरिकी नागरिक और उसकी बेटी और दो बुजुर्ग महिलाएं शामिल हैं, बंधकों की रिहाई के लिए बातचीत में कतर अमीरात (जो संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ सुरक्षा संबंध बनाए रखते हुए हमास के साथ संबंध रखता है) ने इसमें एक प्रमुख राजनयिक भूमिका निभाई है।
आतंकवाद के लिए आपराधिक ज़िम्मेदारी कभी भी सभी आम नागरिकों को नहीं दी जा सकती। प्रेरितिक राजदूत द्वारा उजागर किया गया दूसरा बिंदु यह था कि आतंकवादी कृत्यों के लिए आपराधिक जिम्मेदारी "कभी भी पूरे देश या नागरिकों को नहीं दी जा सकती।"
उन्होंने जोर देकर कहा, "प्रत्येक संघर्ष में आत्मरक्षा का अधिकार हमेशा आनुपातिकता के सिद्धांत सहित अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना चाहिए।"
गजा में मानवीय तबाही की चिंता
अंत में, महाधर्माध्यक्ष कैसिया ने परमधर्मपीठ की ओर से "गाजा में जारी मानवीय आपदा के लिए गंभीर चिंता व्यक्त की, जिसने हजारों लोगों की जान ले ली है और सैकड़ों हजारों लोगों को विस्थापित कर दिया है।"
पट्टी पर इज़राइल द्वारा लगाई गई "संपूर्ण घेराबंदी" के कारण भोजन, पानी, ईंधन और चिकित्सा आपूर्ति की कमी के कारण लोग बेहद पीड़ा में है, जिसमें कई बच्चे भी शामिल हैं।
इसलिए, उन्होंने "मानवीय गलियारों की सुविधा और निरंतरता" का आह्वान किया, ताकि सहायता सभी गाजा आबादी तक पहुंच सके।
शांति के लिए प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने हेतु 'साहस' की आवश्यकता
प्रेरितिक राजदूत ने इज़राइल राज्य और फिलिस्तीन राज्य दोनों से "दोनों पक्षों की वैध आकांक्षाओं के लिए न्याय और सम्मान पर आधारित शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने के लिए साहस प्रदर्शित करने" की अपील करते हुए अपना हस्तक्षेप समाप्त किया।
इस संबंध में, उन्होंने पुष्टि की कि "परमधर्मपीठ आश्वस्त है कि दो-राज्य समाधान अभी भी ऐसी शांति की आशा प्रदान करता है।"
“बढ़ती हिंसा के बीच, इज़राइल राज्य और फिलिस्तीन राज्य के अधिकारियों के लिए न्याय और दोनों पक्षों की वैध आकांक्षाओं के सम्मान पर आधारित शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने के लिए साहस प्रदर्शित करना अनिवार्य है। हालाँकि बातचीत का रास्ता वर्तमान में संकीर्ण प्रतीत होता है, यह हिंसा के चक्र के स्थायी अंत के लिए एकमात्र व्यवहार्य विकल्प है जिसने उस भूमि को अपनी चपेट में ले लिया है, जो ख्रीस्तियों, यहूदियों और मुसलमानों को बहुत प्रिय है।
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