इस्राएल के खिलाफ भयानक, घृणित हमले की कार्डिनल परोलिन ने की निंदा
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 10 अक्टूबर 2023 (रेई) : कार्डिनल पीयेत्रो पारोलिन ने पिछले शनिवार, 7 अक्टूबर से इजराइल पर हो रहे हमले की निंदा की है, इसे "भयानक और घृणित" कृत्य बताया है जिससे पोप को दुःख हुआ है जिन्होंने हिंसा की नवीनतम लहर के कारण सभी मृतकों और घायलों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।
वाटिकन के राज्य सचिव ने परमधर्मपीठीय ग्रेगोरियन विश्वविद्यालय में सोमवार से शुरू हुए तीन दिवसीय सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण के दौरान अपनी बातें कहीं, जिसकी विषयवस्तु थी "पोप पीयुस 12वें के परमाध्यक्षीय काल से नए दस्तावेज और यहूदी-ईसाई संबंधों के लिए उनके अर्थ।"
कार्डिनल परोलिन ने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि आज मैं अपना भाषण इज्राएल में जो कुछ हो रहा है उसपर कल व्यक्त किए गए पोप के दुःख को साझा करने और व्यक्त करने के कर्तव्यपरायण, दुखद दायित्व के साथ शुरू करूँगा। दो दिन पहले, शनिवार को, सिमचट तोरह के पर्व पर, तोरह की खुशी के अवसर पर, इज्राएल में, कई इज्राएली भाइयों और बहनों को एक भयानक और घृणित हमले के साथ जागना पड़ा। हम पीड़ितों के परिवारों, हजारों घायलों, लापता और अपहृत लोगों के करीब हैं,जो इस समय गंभीर खतरे में हैं।"
संत पापा की चिंता
राज्य सचिव ने आश्वासन दिया कि "परमधर्मपीठ गहरी और गंभीर चिंता के साथ उस युद्ध पर नजर रख रही है जिसे भड़काया गया है, जिसमें गाजा में कई फिलिस्तीनी अपनी जान गंवा रहे हैं और कई विस्थापित और घायल हो गए हैं।"
इसके बाद उन्होंने उनके परिवारों और सभी नागरिकों, जो "पूरी तरह से निर्दोष हैं" के प्रति भी परमधर्मपीठ की "निकटता और प्रार्थना" दोहराया।
देवदूत प्रार्थना में संत पापा के शब्दों को याद करते हुए कार्डिनल परोलिन ने कहा, "युद्ध हमेशा गरिमा की हार और किसी समाधान तक न पहुंचने का अवसर होता है।"
कार्डिनल पारोलिन ने कहा कि, "दुर्भाग्य से, आतंकवाद, हिंसा, बर्बरता और उग्रवाद फिलिस्तीनियों और इजरायलियों की वैध आकांक्षा को कमजोर करते हैं। मुझे उम्मीद है कि इज्राइल और फिलिस्तीन में हथियारों को शांत किया जाएगा और तर्क प्रबल होगा और शांति प्राप्त करने के सही तरीके पर विचार किया जाएगा।”
शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के लिए एक फाउंडेशन
कार्डिनल परोलिन ने सम्मेलन के ठीक पहले रोम के ग्रेगोरियन यूनिवर्सिटी के बाहर पत्रकारों से बातें कीं।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कूटनैतिक साधन के माध्यम से समाधान खोजने का आह्वान किया ताकि फिलिस्तीनियों और इजरायलियों के बीच सह-अस्तित्व की चुनौती को संबोधित करने की "नींव डाली" जा सके।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “जब तक उस समस्या का समाधान नहीं हो जाता, जब तक शांति के लिए कोई रोडमैप नहीं मिल जाता, तब तक इन चीजों के दोहराए जाने का जोखिम हमेशा बना रहेगा और हमेशा अधिक उग्रता के साथ होता रहेगा।''
‘इतिहास ने हमें कुछ नहीं सीखाया’
उन्होंने पत्रकारों के साथ इस "दुखद समय" में दुनिया में हो रही उथल-पुथल पर अपनी चिंता व्यक्त की, जो पवित्र भूमि के "इस वास्तविक युद्ध" के साथ अधिक गंभीर हो गई है।
कार्डिनल पारोलिन ने इस बात पर दुःख व्यक्त किया कि इतिहास खुद को कैसे दोहराता दिख रहा है। "हमने सोचा था कि 1900 के दशक में हुई त्रासदियाँ अतीत की बात थीं, कि उन्हें फिर कभी नहीं दोहराया जाएगा। इसके बजाय, बड़े दुःख और घबराहट के साथ, हम देखते हैं कि हम अतीत की सभी गलतियों को दोहरा रहे हैं। इतिहास ने हमें कुछ भी नहीं सिखाया है ...।"
कूटनीति का हर रास्ता
वर्तमान स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता खोजने में, कार्डिनल ने कहा कि "निश्चित रूप से इस संघर्ष को रोकने के लिए पहले हर किसी की प्रतिबद्धता की आवश्यकता है जो पूरी तरह से आश्चर्यजनक तरीके से छिड़ गया है। कम से कम हमारी ओर से, किसी ने नहीं सोचा था कि जो हुआ वह होगा। अतः कूटनीति के सभी उपकरणों को नियोजित करने की आवश्यकता है।"
सबसे पहले, कार्डिनल पारोलिन ने रेखांकित किया, हमें इस शुरुआती झटके से उबरने की जरूरत है जिसमें "चीजों के बारे में सोचना मुश्किल है क्योंकि हम सभी जो हो रहा है उसके भावनात्मक प्रभाव में फंस गए हैं।"
इस समय सब कुछ "बहुत कठिन" लग रहा है, लेकिन "अलग करने का क्षण" आएगा, और वहां, कार्डिनल ने कहा, हमें "एक साथ चिंतन करना शुरू करना होगा।"
न्याय के साथ जीना
अंततः कार्डिनल परोलिन ने अपील की कि "हमें ऐसी स्थितियाँ ढूँढनी चाहिए जो हमें न्याय के साथ जीने की अनुमति दें," क्योंकि जैसा कि पोप पीयुस 12वें ने अतीत में कहा था "शांति न्याय का फल है।"
इसलिए, हमें चाहिए कि हम "न्याय के आधार पर, फिलिस्तीनियों और इजरायलियों के बीच संबंधों की इस दुखद समस्या का हल करने का रास्ता खोजें। सिर्फ यही, दोनों लोगों के बीच एक स्थिर शांति और शांतिपूर्ण और उपयोगी सह-अस्तित्व सुनिश्चित कर सकता है।"
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