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युद्ध से भागनेवाले शरणार्थियों को मलाकल ले जाने वाली नाम में यात्रा तरते कार्डिनल परोलिन युद्ध से भागनेवाले शरणार्थियों को मलाकल ले जाने वाली नाम में यात्रा तरते कार्डिनल परोलिन 

मलाकल के धर्माध्यक्ष : कार्डिनल परोलिन की दक्षिण सूडान यात्रा हमारे लिए आशा लाई

मलाकल के धर्माध्यक्ष स्टीफन न्योधो अडोर माईवोक ने वाटिकन राज्य सचिव के धर्मप्रांत में आगमन पर उनका हार्दिक स्वागत किया, जहाँ कार्डिनल ने सूडान में युद्ध से भाग रहे शरणार्थियों से मुलाकात की, और उन लोगों की ओर से अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की, जिनके पास "कुछ भी नहीं बचा है।"

वाटिकन न्यूज पत्रकार

दक्षिण सूडान, बृहस्पतिवार, 17 अगस्त 23 (रेई) : मलाकल के धर्माध्यक्ष स्टीफन न्योधो अडोर माईवोक ने वाटिकन राज्य सचिव के धर्मप्रांत में आगमन पर उनका हार्दिक स्वागत किया, जहाँ कार्डिनल ने सूडान में युद्ध से भाग रहे शरणार्थियों से मुलाकात की, और उन लोगों की ओर से अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की, जिनके पास "कुछ भी नहीं बचा है।"

मलाकल धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष न्योधो अडोर माईवोक के अनुसार, वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीएत्रो पारोलिन की दक्षिण सूडानी शहर मलाकल की यात्रा "हमारे लिए वास्तव में महत्वपूर्ण है।"

वाटिकन न्यूज़ के साथ एक साक्षात्कार में, धर्माध्यक्ष ने बताया कि कैसे कार्डिनल की यात्रा आशा देती है और पीड़ित लोगों के साथ काथलिक कलीसिया के प्यार, निकटता और एकात्मता को प्रदर्शित करती है।

उन्होंने कहा, कार्डिनल पारोलिन की यात्रा से लोगों को यह समझने में मदद मिलेगी कि विभिन्न समुदायों के बीच मिलकर काम करने से उन्हें आगे बढ़ने, अपने देश, अपने राज्य और अपने धर्मप्रांत का निर्माण करने के लिए बहुत ताकत मिलेगी।

धर्माध्यक्ष न्योधो ने उस आशा के बारे कहा जिसको धर्मप्रांत ने वाटिकन राज्य सचिव की यात्रा के बाद व्यक्त किया है।

बुधवार की सुबह, कार्डिनल ने सूडान में चल रहे युद्ध से भागकर आए शरणार्थियों का स्वागत किया तथा मलाकल में, उन्होंने मंगलवार को महागिरजाघर में ख्रीस्तयाग अर्पित किया।

करीब 42,000 से अधिक शरणार्थी मलाकल पहुँचे हैं जो दक्षिण सूडान के उत्तरपूर्वी क्षेत्र में पड़ता है। धर्माध्यक्ष न्योधो के धर्मप्रांत में ऊपरी नील, जोंगलेई और यूनिटी स्टेट्स शामिल हैं जहां लगभग 35,000 लोगों को पुनर्स्थापित किया गया है, खासकर, उन जगहों पर जहां उनके परिवार के सदस्य हैं। अधिकांश शरणार्थी वास्तव में दक्षिण सूडान के हैं जो पिछले कुछ वर्षों में खार्तूम चले गए थे। कुल मिलाकर, डेढ़ मिलियन दक्षिण सूडानी सूडान में हैं, लेकिन कई लोग अब चल रहे युद्ध से बचने के लिए दक्षिण की ओर लौट रहे हैं।

अनुमानतः 2 लाख लोग दक्षिण सूडान लौटे हैं। जब शरणार्थी पहुँचते हैं तो वे अक्सर लुटेरों के शिकार बनते हैं जो उनसे सब कुछ छीन लेते हैं।

कई लोग सीमा पर पहुंचते हैं और धर्मप्रांत की मालवाहक नाव में मलाकल की यात्रा करते हैं जो आम तौर पर अनाज ले जाती है लेकिन अब इसका उपयोग लोगों को ले जाने के लिए किया जाता है।

दो से तीन दिनों तक चलनेवाली यात्रा में 400 से 800 लोग नाव से यात्रा करते हैं। कार्डिनल पारोलिन बुधवार को उन नावों में से एक पर सवार हुए। इस विधि से अब तक तीन हजार लोगों को पहुँचाया जा चुका है।

शांति और मेल-मिलाप की आवश्यकता

धर्माध्यक्ष न्योधो अडोर माईवोक ने वाटिकन न्यूज़ को बताया कि धर्मप्रांत प्राकृतिक आपदाओं से सबसे अधिक प्रभावित है और युद्ध से भी नष्ट हो गया है। अब धर्मप्रांत में, सूडान में युद्ध से भाग रहे हजारों लोग आ रहे हैं, जिससे चुनौतियाँ बढ़ गई हैं।

उन्होंने बताया कि कैसे मलाकल धर्मप्रांत शरणार्थियों को सूडान की सीमा से मलाकल तक लाने के लिए एक पुल बनाकर मदद करनेवाले पहले लोगों में से एक बन गया है। जैसा कि पोप ने फरवरी 2023 में कहा था, "यहां के लोगों को शांति और मेल-मिलाप की जरूरत है, उन्हें एकता की जरूरत है।"

धर्माध्यक्ष न्योधो ने कहा कि कार्डिनल पारोलिन की यात्रा हर किसी के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि वे एकजुट होने की आश्यकता, आगे बढ़ने की ताकत को लेकर आये हैं, भले ही यह आसान न हो, क्योंकि ये वही लोग हैं जो आपस में एक दूसरे से लड़ते थे।

उन्होंने कहा कि उन्हें एक साथ लाने में काफी समय लगेगा। उन्होंने पोप फ्रांसिस की यात्रा को याद किया जिसने नील नदी के लोगों के बीच मेल-मिलाप के लिए बहुत ताकत और आशा दी, जो बहुत महत्वपूर्ण है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील

धर्माध्यक्ष ने कहा, “यहां कुछ भी नहीं बचा है, आप इस स्थिति में आनेवाले लोगों की मदद कैसे कर सकते हैं?"

उन्होंने समझाया कि विनाश और लूटपाट के साथ युद्ध ने शरणार्थियों के संघर्ष को लाया है जो भागने की कोशिश कर रहे हैं। सीमा से मलाकल तक लोगों को ले जाने की सिर्फ एक यात्रा में ईंधन के लिए सात से आठ हजार डॉलर का खर्च आता है, जिसके बाद भोजन एवं आश्रय प्रदान किया जाना है, और अब बीमारी भी फैल रही है।

धर्माध्यक्ष ने कहा, “हम बैठे नहीं रह सकते। यही कारण है कि हम आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, हम जो कर सकते हैं उसे कर रहे हैं।” उन्होंने इस बात पर भी गौर किया कि कैसे वहां बारिश का मौसम तकलीफें बढ़ा रहा है, क्योंकि "लोगों के पास खुद को ढकने के लिए पर्याप्त सामान नहीं हैं, और बच्चों एवं बुजुर्गों को बहुत मदद की जरूरत है।"

अंत में, धर्माध्यक्ष न्योधो ने अंतरराष्ट्रीय समुदायों, सहायता संगठनों और सद इच्छा रखनेवाले सभी लोगों से  मदद की अपील की, क्योंकि यहाँ की परिस्थिति भली इच्छा रखनेवाले लोगों की मांग करती है, इसे विनम्र लोगों की जरूरत है कि वे लोगों को जीवित रहने और उनके जीवन के पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान कर सकें।

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17 August 2023, 17:04