नोबेल पुरस्कार विजेता मानव भ्रातृत्व के आह्वान में शामिल हुए
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, मंगलवार 13 जून 2023 (वाटिकन न्यूज) : करीब 30 नोबेल पुरस्कार विजेताओं के एक समूह ने शनिवार को घोषणा की, "हर पुरुष हमारा भाई है, हर महिला हमारी बहन है।" "हम चाहते हैं कि सभी भाइयों और बहनों के रूप में पृथ्वी के बगीचे में एक साथ रहें। भ्रातृत्व का बगीचा सभी जीवन के लिए शर्त है।"
नोबेल पुरस्कार विजेता मानव भ्रातृत्व के विश्व दिवस में भाग ले रहे थे, जो संत पापा फ्राँसिस के विश्व पत्र फ्रतेल्ली तुत्ती: भाईचारा और सामाजिक मित्रता से प्रेरित था।
दुनिया गलत रास्ते पर है
बांग्लादेशी सामाजिक उद्यमी मुहम्मद यूनुस, जिन्होंने ग्रामीण बैंक द्वारा, आर्थिक और सामाजिक विकास के अपने प्रयासों के लिए 2006 का नोबेल शांति पुरस्कार जीता, विश्व बैठक के महत्व पर प्रकाश डाला, यह तर्क देते हुए कि दुनिया गलत रास्ते पर जा रही है।
"तो किसी को आवाज उठानी होगी कि हम गलत रास्ते पर जा रहे हैं," उन्होंने शनिवार के कार्यक्रम के मौके पर वाटिकन रेडियो से कहा। "हमें फिर से डिजाइन करने की जरूरत है और हमें अपने गंतव्य को बदलना होगा, शांति लाने और एक नई दुनिया बनाने के लिए जिसे हमने आज बनाया है।"
लोगों से अपनी आवाज उठाने की उनकी पुकार अंतिम घोषणा में प्रतिध्वनित हुई: "हम भाईचारे के नाम पर दुनिया को कहना चाहते हैं: फिर कभी युद्ध नहीं! यह शांति, न्याय, समानता ही है जो समस्त मानव जाति के भाग्य का मार्गदर्शन करती है। डरने की नहीं, यौन और घरेलू हिंसा की नहीं! सभी सशस्त्र संघर्ष समाप्त होने चाहिए। हमारा कहना है कि अब और परमाणु हथियार नहीं और कोई बारूदी सुरंग नहीं। अब जबरन पलायन, जातीय सफाई, तानाशाही, भ्रष्टाचार और गुलामी नहीं। आइए, हम प्रौद्योगिकी और एआई के हेरफेर को रोकें, हम तकनीकी विकास से पहले भाईचारे को रखें, ताकि यह इसमें व्याप्त हो सके।
धर्म की भूमिका
यह पूछे जाने पर कि इतने प्रतिस्पर्धी हितों वाली दुनिया में साझा आधार कैसे खोजा जाए, यूनुस ने कहा कि विश्व बैठक बहस के लिए मुद्दों को उठाने का एक अवसर है। उन्होंने कहा कि अपने आप से यह पूछना आवश्यक है कि " जिस आत्मघाती रास्ते पर हम जा रहे हैं, क्या हम इस रास्ते पर चलना चाहते हैं और इस प्रक्रिया में हम एक तरह के डायनासोर बन जाते हैं जो इस ग्रह से गायब हो जाते हैं - क्योंकि हम इसी रास्ते पर जा रहे हैं।"
उसने दोहराया, “देखिए, यह एक गलत रास्ता है। हमें नया स्वरूप देना होगा। हमें पुनर्विचार करना होगा और एक अलग दिशा में जाना होगा। इसलिए यह भूमिका वाटिकन बहुत, बहुत तेजी से निभा सकता है।" उन्होंने कहा कि "धर्म मानव जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं" और यह कि सभी धर्मों को भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए काम करना चाहिए," उन्होंने आगे कहा, "हम इस दिशा में संत पापा फ्राँसिस की नेतृत्वकारी भूमिका की प्रतीक्षा कर रहे हैं।"
"मानव बंधुत्व का समर्थन करना और उसके लिए काम करना एक कर्तव्य है:"
शनिवार के कार्यक्रमों में भाग लेने वाली पत्रकार और कार्यकर्ता तवाक्कोल कर्मन भी थीं, जो 2011 में, नोबेल पुरस्कार जीतने वाली पहली यमनी बनी - एक पुरस्कार जो उन्होंने लेमाह गॉबी और एलेन जॉनसन शिरलीफ के साथ साझा किया था। यह पुरस्कार उन्हें "महिलाओं की सुरक्षा के लिए और महिलाओं के शांति-निर्माण कार्य में पूर्ण भागीदारी के अधिकारों हेतु उनके अहिंसक संघर्ष के लिए मिला था।
उन्होंने वाटिकन न्यूज को बताया, "मानव भाईचारे का समर्थन करना और उसके लिए काम करना हमारा कर्तव्य है और यही कारण है कि हम विश्व दिवस के लिए यहां एकत्रित हुए हैं।"
कर्मन ने कहा, "मुझे भाईचारे का नारा पसंद है, हमें शांति को एक और अर्थ देना चाहिए, जिसका अर्थ है एक-दूसरे के साथ रहना, एक-दूसरे के साथ काम करना, एक-दूसरे का समर्थन करना।"
विशेष रूप से पत्रकारों की भूमिका के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा कि "एक व्यक्ति के रूप में, एक मानवाधिकार रक्षक के रूप में, एक पत्रकार के रूप में, उन लोगों के लिए अधिक मजबूत आवाज़ बनने की जिम्मेदारी है जो दमन शासन के तहत, सत्तावादी शासन के तहत जी रहे हैं।” यह संत पापा फ्राँसिस सहित विश्व के नेताओं के लिए भी एक जिम्मेदारी है और "उन सभी के लिए जो खुद को एक मंच पर रखते हैं और इसके अर्थ, इस मूल्यों को फैलाते हैं। इसका अर्थ है कि उन्हें अपने समाजों को विभाजित करने वाले, अपने समाजों को मारने वाले अत्याचारों को कोई वैधता नहीं देनी चाहिए। तो यह हमारा काम है।
स्वतंत्रता और न्याय के लिए संघर्ष करने वालों का समर्थन करना
उन्होंने आगे कहा, मानव भ्रातृत्व के लिए विश्व दिवस, "बहुत महत्वपूर्ण" मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने हेतु "एक बहुत ही महत्वपूर्ण सभा" है जो "मानव परिवार पर हमला कर रहे हैं।" उसने जोर देकर कहा, "यह केवल संदेश फैलाना नहीं है," बल्कि "संदेशों को बढ़ाना" है।
"और हम ऐसा कैसे कर सकते हैं," उसने पूछा, एक ऐसी दुनिया में "जो संघर्षों से, नस्लवाद से, युद्धों से, अत्याचारों से पीड़ित है?"
उन्होंने कहा, "इन मुद्दों का सही मायने में सामना करने के लिए, उन लोगों का समर्थन करना बहुत महत्वपूर्ण है जो बलिदान कर रहे हैं, स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहे हैं, न्याय के लिए, लोकतंत्र के लिए, शांति के लिए, उन नेताओं का नहीं जो इन मूल्यों पर हमला कर रहे हैं।"
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here