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कोलम्बिया के बोगोटा में थियेटर एवं सर्कस उत्सव पर कला का प्रदर्शन करते कलाकार               कोलम्बिया के बोगोटा में थियेटर एवं सर्कस उत्सव पर कला का प्रदर्शन करते कलाकार  

सर्कस के "शुद्ध आनंद का धमाका" जल्द वापस आएगा, वाटिकन

11वें विश्व सर्कस दिवस पर वाटिकन ने सर्कस के सभी कलाकारों एवं कर्मचारियों को शुभकामनाएँ दी हैं तथा महामारी से बुरी तरह प्रभावित संगठन के प्रति अपना आध्यात्मिक सामीप्य व्यक्त किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 17 अप्रैल 2021 (रेई)- वाटिकन के समग्र मानव विकास हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल पीटर टर्कसन ने 11वें विश्व सर्कस दिवस पर सर्कस जगत के संघ के अध्यक्ष डॉ. हेलमट ग्रोसकर्थ को एक पत्र भेजकर सर्कस के कलाकारों एवं कर्मचारियों को प्रोत्साहन दिया। विश्व सर्कस दिवस 17 अप्रैल को मनाया जाता है।

कार्डिनल टर्कसन ने संदेश में सर्कस के कलाकारों एवं कर्मचारियों के प्रति अपना आध्यात्मिक सामीप्य प्रकट की तथा संत पापा फ्राँसिस की याद दिलाते हुए उन्हें "सुन्दरता के सच्चे शिल्पकार" कहा है।

घावों की चंगाई के लिए एकजुटता जरूरी

कार्डिनल ने महामारी के कारण सर्कस की गंभीर स्थिति पर नजर डालते हुए कहा कि पिछले साल महामारी के कारण, यूरोपीय सर्कस कम्पनियों को जो लाखों कलाकारों को नौकरियाँ एवं हजारों जानवरों को अपने पास रखते हैं, आपातकाल की लम्बी अवधि एवं भीड़ पर प्रतिबंध ने सर्कस उद्योग के अस्तित्व एवं व्यवसाय को ही खतरे में डाल दिया है। इस कला की रक्षा हेतु जिसने 250 वर्षों तक अपनी कला का प्रदर्शन किया है, वयस्कों एवं बच्चों सभी के लिए मनोरंजन का स्रोत रहा है, उसे यूरोपीय संघ एवं प्रत्येक देश से आर्थिक सहयोग की आवश्यकता है।

कार्डिनल ने कहा कि संत पापा फ्रांसिस ने परिषद को कोविड-19 पीड़ितों को ध्यान में रखने के लिए कहा है। यह विश्व की स्थानीय कलीसियाओं को सुनने एवं सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। धर्माध्यक्षों ने महामारी के कारण शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक पीड़ा पर गौर किया है जिससे बचने के लिए आवश्यक उपाय अपनाये गये जबकि यह समाज की अस्त-व्यस्तता का कारण बन गया है। इन घावों को चंगा करने में लम्बा समय लगेगा एवं काफी कठिनाई होगी, जिसके लिए हम सभी एकजुट होने के लिए बुलाये गये हैं।

वाटिकन का सामीप्य

कार्डिनल टर्कसन ने उदार संगठनों की सराहना करते हुए कहा कि पल्लियों और धर्मप्रांतों में कारितास एवं उदार संगठनों के माध्यम से इन घावों पर उदारता के मरहम लगाये जा चुके हैं। संत पापा फ्राँसिस ने 27 मार्च 2020 को संत पेत्रुस महागिरजाघर के खाली प्राँगण में बारिश के बीच कहा था, "महामारी ने हमें याद दिलाया है कि हम सभी एक ही नाव पर हैं, हम सभी कमजोर एवं दिशाहीन हैं किन्तु साथ ही महत्वपूर्ण एवं आवश्यक, हम सभी एक पंक्ति में खड़े होने, एक दूसरे को सांत्वना देने के लिए बुलाये गये हैं।" परीक्षा की इस घड़ी में जिसने हमें पुनः दिखाया है कि कोई भी अकेला बच नहीं सकता और हमारे तूफान के बीच प्रभु हमें पुनः जागृत होने एवं एकात्मकता को अपनाने का निमंत्रण देते हैं, जब सबकुछ बिगड़ने के समान लग रहा है शक्ति, समर्थन और अर्थ द्वारा हमें आशा प्रदान करना है।  

कार्डिनल ने कहा कि इस कारण मैं सर्कस के कलाकारों से आग्रह करता हूँ जो महामारी से बहुत अधिक पीडित हैं पीड़ित बच्चों और बुजुर्गों के लिए अपनी कला को जितनी जल्दी हो सके प्रस्तुत करें। अक्सर दादा-दादी और नाती-पोते सर्कस के दर्शक होते हैं जिन्हें महामारी की ऊंची कीमत चुकानी पड़ रही है।

विश्व सर्कस संघ

विश्व सर्कस संगठन एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। इसका मुख्य उद्देश्य है सर्कस की कला एवं संस्कृति को विश्व स्तर पर बढ़ावा देना। इसकी स्थापना मोंते कार्लो में 2008 में, मोनाको की राजकुमारी स्टेफ़नी की मानद अध्यक्षता एवं संरक्षण में हुई थी।

2010 में संघ ने विश्व सर्कस दिवस की स्थापना की जिसको हरेक साल अप्रैल के तीसरे शनिवार को मनाया जाता है। इस दिन संघ सभी साझेदारों, हर प्रकार के सर्कस, सर्कस मित्रों, स्कूलों एवं अन्य संस्थाओं से आग्रह करती है कि वे विश्व सर्कस दिवस के कार्यक्रम की योजना और मेजबानी करने के लिए एक साथी खोजे।

आधुनिक सर्कस की उत्पति 1768 में हुई है। 2018 को इसने अपनी कला एवं मनोरंजन की 250वीं वर्षगाँठ मनायी।

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17 April 2021, 15:47