दक्षिण अफ्रीका में देशव्यापी लॉकडाऊन के दौरान एक युवक दक्षिण अफ्रीका में देशव्यापी लॉकडाऊन के दौरान एक युवक 

वाटिकन कोविड-19 आयोग द्वारा अफ्रीकी देशों की ऋण माफी को समर्थन

वाटिकन के कोविड-19 आयोग ने एक वेबिनार के माध्यम से ऋण माफ करने के अभियान का समर्थन करते हुए अफ्रीकी देशों के ऋण को माफ कर दिया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 10 अप्रैल 2021 (वीएनएस)- समग्र मानव विकास हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद ने 8 अप्रैल को एक बयान जारी कर कहा कि वह वाटिकन कोविड-19 आयोग के साथ मिलकर "अफीकी देशों के लिए ऋण माफी के अभियान का समर्थन कर रहा है।"   

इस पहल को बुधवार 7 अप्रैल को एक वेबिनार में जारी किया गया जिसका आयोजन समग्र मानव विकास हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद एवं वाटिकन कोविड-19 आयोग ने कारितास अफ्रीका, अफ्रीका एवं मडागास्कर काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन, अफ्रीका एवं मडागास्कर के जेस्विट सम्मेलन और पूर्वी तथा मध्य अफ्रीका की महिला धर्मसमाजियों के संघ के सहयोग से किया था।  

समग्र मानव विकास हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद के उप-सचिव सिस्टर अलेसांद्रा ने गौर किया कि "यह अभियान कोविड-19 के कारण अधिक आवश्यक हो गया है जो   अफ्रीका के उन क्षेत्रों में फैल रहा है जहाँ स्थानीय कलीसिया ने नागरिक समाज में व्यापक मांग को आकार दिया है।"

देखना, जाँच करना, कार्य करना

घाना में कुमासी के महाधर्माध्यक्ष एवं कारितास अफ्रीका के अध्यक्ष गाब्रिएल जस्टिस याओ अनोक्या ने सत्र की शुरूआत करते हुए कहा, "यह समय गरीबों एवं कमजोर लोगों की ओर से देखने, जाँचने और काम करने का है। कठिनाई और संकट की घड़ी में हम एकजुटता में ईश्वर के हाथ को देखते हैं।" एसइसीएएम के महासचिव हेनरी अकाबियम ने कहा, "हम कदम उठाने से पीछे नहीं हट सकते क्योंकि यदि अफ्रीका ऋण में जी रहा है तो पूरा विश्व ऋणी रहेगा। यदि अफ्रीका प्रगति करेगा तो पूरा विश्व प्रगति करेगा।"   

न्याय का सवाल

परिषद के सचिव एवं वाटिकन कोविड-19 आयोग के सदस्य फादर अगुस्तो जम्पिनी ने कहा, "यह सिर्फ तकनीकी या एकजुटता का सवाल नहीं है बल्कि उससे बढ़कर है यह न्याय का सवाल है। यह अंतर-पीढ़ी के न्याय का सवाल है क्योंकि हम अपने बच्चों एवं भावी पीढ़ी को हमारी गलतियों और आध्यात्मिक न्याय के प्रभावों की कीमत चुकाने के लिए मजबूर नहीं कर सकते।"  

एसी डब्ल्यू के महासचिव सिस्टर हेल्लेन ए. बंदितो एस टीएच ने कहा, "ऋण और गरीबी एक-दूसरे के चचेरे भाई-बहन के समान हैं।" जेसीएएम के न्याय एवं पर्यावरण विभाग के निदेशक फादर चार्ली किलूफ्या ने कहा, "यह निश्चिय ही एक नैतिक मामला है बल्कि उससे बढ़कर है। मुद्दा यह है कि दुनिया के सुदूर क्षेत्रों में महामारी का बना रहना, साधन की कमी के कारण, सभी के स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकता है।"  

वैश्विक न्याय

जाएम एतिएंजा ने उन सभी शक्तियों के बीच आपसी संबंध पर ध्यान आकृष्ट किया जो संकट की स्थिति को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं। उन्होंने कहा, "हम ऐसे समय में हैं जब अर्थव्यवस्था को सामाजिक न्याय की ओर लेने की जरूरत है।"

हमारे भाइयों और बहनों के संरक्षक

अंततः समग्र मानव विकास हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल पीटर टर्कसन ने कहा कि जैसा कि कलीसिया की सामाजिक शिक्षा सिखलाती है, व्यक्ति की एक प्रतिष्ठा होती है जिसके साथ समझौता नहीं किया जा सकता ˸ अन्याय के कारण किसी को भी पीछे नहीं छोड़ा जा सकता है। हम अपने भाइयों एवं बहनों के संरक्षक बनने के लिए बुलाये गये हैं ˸ यही हमारी एकजुटता का केंद्रविन्दु है।"

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10 April 2021, 14:32