यहूदी नरसंहार के स्मृति दिवस 08 अप्रैल को इस्राएल के छात्र एवं प्राध्यापक यहूदी नरसंहार के स्मृति दिवस 08 अप्रैल को इस्राएल के छात्र एवं प्राध्यापक  

नोस्त्रा एतातेः कलीसिया की सामीवाद विरोधी प्रतिबद्धता पर प्रकाश

वाटिकन राज्य और शहर के विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष पौल रिचर्ड गालाघेर ने गुरुवार को प्रकाशित एक विडियो सन्देश में यहूदियों के विरुद्ध असहिष्णुता के खिलाफ़ कलीसिया की प्रतिबद्धता की पुनरावृत्ति की।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 9 अप्रैल 2021 (रेई,वाटिकन रेडियो): वाटिकन राज्य और शहर के विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष पौल रिचर्ड गालाघेर ने गुरुवार को प्रकाशित एक विडियो सन्देश में यहूदियों के विरुद्ध असहिष्णुता के खिलाफ़ कलीसिया की प्रतिबद्धता की पुनरावृत्ति कर उदार एवं सम्मानजनक वार्ताओं से सामीवाद विरोधी भावनाओं को दूर करने का आह्वान किया।      

इस वर्ष काथलिक कलीसिया ग़ैर-काथलिक धर्मों के साथ सम्बन्धों पर द्वितीय वाटिकन महासभा द्वारा जारी दस्तावेज़ नोस्त्रा एताते की 55 वीं वर्षगाँठ मना रही है। इसी के सन्दर्भ में रोम स्थित इस्राएली राजदूतावास द्वारा सामीवाद विरोधी भावनाओं को परास्त करने हेतु आरम्भ मीडिया अभियान के तहत ही उक्त सन्देश जारी किया गया।

नोसात्रा एताते का महत्व

महाधर्माध्यक्ष पौल गालाघेर ने सन्देश में कहा कि नोस्त्रा एताते इसलिये महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दस्तावेज़ ख्रीस्तीय विश्वास के यहूदी मूल का स्मरण दिलाता है और साथ सब तरह से सामीवाद विरोधी भावनाओं का खण्डन करता है।   

महाधर्माध्यक्ष ध्यान आकर्षित कराते हैं कि ख्रीस्तीय एवं यहूदी दोनों धर्मों की सामान्य धार्मिक विरासत की बात करते समय "नोस्त्रा एताते" दस्तावेज़ उनके बीच "पारस्परिक ज्ञान और सम्मान" की सिफारिश करता है, जो "बाइबिल और धर्मशास्त्रीय अध्ययनों और साथ ही भ्रातृ-प्रतिमानों" से उपलब्ध किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस सन्दर्भ में विगत वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। धर्मशास्त्रीय, सामाजिक एवं राजनैतिक स्तरों पर परस्पर ज्ञान तथा इस्राएल एवं परमधर्मपीठ के बीच कूटनैतिक सम्बन्धों के तहत द्विपक्षीय समझौतों से आपसी समझदारी की दिशा में सराहनीय विकास हुआ है।

महाधर्माध्यक्ष गालाघेर ने इस बात पर बल दिया कि फलप्रद वार्ता के लिये दोनों पक्षों की ओर से "उदार और सम्मानजनक" सम्वाद की नितान्त आवश्यकता है, जिसमें अन्यों के जीने के अधिकार से लेकर शारीरिक अखण्डता, मूलभूत स्वतंत्रता अर्थात् अन्तःकरण, विचार, अभिव्यक्ति एवं धर्मपालन की स्वतंत्रता का अधिकार शामिल है।      

यहूदी विरोधी भावना का खण्डन

महाधर्माध्यक्ष पौल गालाघेर ने कहा कि "नोस्त्रा एताते" दस्तावेज़ में सामीवाद विरोधी भावनाओं की हर प्रकार से एवं हर समय निन्दा की गई है। उन्होंने कहा, "कलीसिया यहूदियों के विरुद्ध किसी भी प्रकार के भेदभाव को सहन नहीं कर सकती क्योंकि सुसमाचारी उदारता उसे ऐसा करने से मना करती है और साथ इसलिये कि जहाँ तक धार्मिक विरासत का सवाल है ख्रीस्तीयों एवं यहूदियों की साझेदारी है।"  

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि सामान्य विरासत के चलते तथा मानवता के नाम पर ही काथलिक कलीसिया के कूटनीतिज्ञों ने द्वितीय विश्व युद्ध के समय यहूदियों की सुरक्षा का बीड़ा उठाया था। महाधर्माध्यक्ष ने कहा, "धर्म का मतभेद किसी को भी दूसरे के खिलाफ हिंसा की अनुमति नहीं देता। यह सिद्धान्त सभी के प्रति लागू होता है क्योंकि भिन्न धर्म के नाते अन्यों के विरुद्ध हिंसा, कानून एवं न्याय के खिलाफ़ तथा मानवता के खिलाफ़ है।"  

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

09 April 2021, 11:06