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 फ्रांस में एव्री आपराधिक अदालत में पहरा देते हुए पुलिसकर्मी फ्रांस में एव्री आपराधिक अदालत में पहरा देते हुए पुलिसकर्मी 

क्योटो काँग्रेस:अपराध रोकथाम व आपराधिक न्याय हेतु वैश्विक सहयोग

आपराधिक कानून व्यवस्था, वास्तव में, बुनियादी मानव अधिकारों और स्वतंत्रता पर किसी भी अतिक्रमण को रोकने के लिए सावधानी के सिद्धांत को लागू करती है और समर्थक समरूप सिद्धांत, जिसका उद्देश्य हमेशा मानव व्यक्ति की गरिमा की रक्षा करना है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

क्योटो, सोमवार 8 मार्च 2021 (रेई) : अपराध रोकथाम व आपराधिक न्यायालय पर संयुक्त राष्ट्र की 14वीं काँग्रेस में, वाटिकन विदेश सचिव ने भाग ले रहे हैं। इसमें टिकाऊ विकास लक्ष्य प्राप्ति व कोरोनावायरस महामारी से उबरने के प्रयासों में, अपराध के विरुद्ध वैश्विक सहयोग फिर से मज़बूत करने का आहवान किया गया है। यह जापान के क्योटो में, रविवार को शुरू हुई और 12 मार्च तक चलेगी। महामारी की रोकथाम के लिये लागू उपायों के मद्देनज़र, परम्परागत और वर्चुअल मंचों के मिले-जुले रूप में आयोजित किया गया।

इस काँग्रेस के उदघाटन सत्र को जापान की राजकुमारी ताकामादो, प्रधानमन्त्री यशीहीदे सूगा, न्यायामन्त्री योको कामीकावा, यूएन महासचिव एंतोनीयो गुटेरेश और यूएन महासभा अध्यक्ष वोल्कान बोज़किर और संयुक्त राष्ट्र के अपराध रोकथाम व ड्रग्स सम्बन्धित कार्यालय (यूएनऔडीसी) की कार्यकारी निदेशक ग़ादा वॉली ने सम्बोधित किया।

वाटिकन विदेश सचिव का संदेश

वाटिकन विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष पॉल गलाघर ने ऑन लाइन कॉग्रेस में शिरकत की। उन्होंने कोविद -19 महामारी के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान इस कॉग्रेस के आयोजन और मेजबानी में अपने अथक प्रयासों के लिए, जापान के लोगों और जापान सरकार के साथ-साथ यूएनओडीसी के कर्मचारियों को धन्यवाद दिया।।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि परमधर्मपीठ का दृढ़ विश्वास है कि कानून के शासन में अपराध की रोकथाम और आपराधिक न्याय को साथ-साथ जाना चाहिए। एक सच्चे अभिन्न मानव विकास को प्राप्त करने के लिए कानून के शासन का कार्यान्वयन आवश्यक है, इस प्रकार  इसे न केवल कानून प्रवर्तन अधिकारियों के प्रयासों की आवश्यकता है, बल्कि बड़े पैमाने पर समाज से जुड़ने की भी आवश्यकता है। आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम और प्रतिक्रिया राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर, सार्वभौमिक मानवाधिकारों के लिए सम्मान और संरक्षण के साथ निकट संबंध है।

हम अच्छी तरह से जानते हैं कि अपराध आर्थिक और सामाजिक असमानताओं से, साथ ही भ्रष्टाचार से, विशेष रूप से कमजोर परिस्थितियों में जीने वाले पीड़ितों को आकर्षित करता है। एक ओर महामारी ने इस स्थिति को बदतर बना दिया है। दूसरी ओर, अपराध की रोकथाम के दंडात्मक पहलुओं को कम नहीं करना चाहिए। जैसा कि संत पापा फ्राँसिस ने उल्लेख किया है: “सच्चा न्याय केवल अपराधियों को दंडित करने से संतुष्ट नहीं होता है। व्यक्ति को सुधारने, सहारा देने और शिक्षित करने का हर संभव प्रयास करना और आगे बढ़ाना आवश्यक है।” आपराधिक कानून व्यवस्था, वास्तव में, बुनियादी मानव अधिकारों और स्वतंत्रता पर किसी भी अतिक्रमण को रोकने के लिए सावधानी के सिद्धांत को लागू करती है और समर्थक समरूप सिद्धांत, जिसका उद्देश्य हमेशा मानव व्यक्ति की गरिमा की रक्षा करना है। वास्तव में इन दो सिद्धांतों का पालन करने से एक भयावह आपराधिक न्याय प्राप्त करना संभव हो पाएगा।

उन्होंने संत पापा फ्राँसिस की अपील को दोहराते हुए अपना संदेश समाप्त किया, "मानवीकरण, न्याय में सामंजस्य स्थापित करना, एक न्याय जो अपराधी  को पुनर्वास और समुदाय में पुनर्निवेश की ओर ले जाता है।"

क्योटो घोषणा-पत्र

यूएन समाचार अनुसार रविवार को स्वीकृत क्योटो घोषणा-पत्र में, देशों के बीच, अपराधों की रोकथाम, आपराधिक न्याय प्रणालियों, विधि के शासन और अन्तरराष्ट्रीय सहयोग जैसे मामलों में ठोस कार्रवाई किये जाने पर सहमति हुई है।

संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश, इसी तरह के संकल्प, अपराध रोकथाम और आपराधिक न्याय आयोग के, मई 2021 में वियेना में होने वाले 30वें सत्र में, भी आगे बढ़ाएंगे।

संयुक्त राष्ट्र के ड्रग्स व अपराध निरोधक कार्यालय के सहयोग से आयोजित यह क्योटो काँग्रेस, अपराध रोकथाम और आपराधिक न्याय मुद्दे पर, देशों, अन्तरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय संगठनों, सिविल सोसायटी, विशेषज्ञों और विद्वानों की विशाल सभा का प्रतिनिधित्व करती है।

विशाल महफ़िल

यूएनओडीसी के अनुसार, कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र, क्योटो काँग्रेस में कड़े व उच्च दर्जे के सुरक्षा प्रबन्ध किये गए, जिनमें प्रतिभागियों की सीमित शारीरिक मौजूदगी के साथ-साथ, भारी संख्या में, प्रतिनिधियों ने, डिजिटल माध्यमों से शिरकत की।

इसमें लगभग 5 हज़ार 600 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, और उनमें से लगभग 4 हज़ार 200 ने ऑनलाइन शिरकत के लिये पंजीकरण कराया.

प्रतिभागियों में, 152 देशों, 37 अन्तर-सरकारी संगठनों, 114 ग़ैर-सरकारी संगठनों, 600 निजी विशषज्ञों और संयुक्त राष्ट्र के अनेक संगठनों व अंगों के प्रतिनिधियों ने क्योटा काँग्रेस में शिरकत की है।

14वीं अपराध रोकथाम व आपराधिक न्याय काँग्रेस, मूल रूप में, अप्रैल 2020 में होनी थी लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था।

13वीं काँग्रेस क़तर की राजधानी दोहा में हुई थी।

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08 March 2021, 15:47