कार्डिनल मिगेल एंजेल अयूसो गिक्सोत और मोहम्मद अबदूल एल सलाम कार्डिनल मिगेल एंजेल अयूसो गिक्सोत और मोहम्मद अबदूल एल सलाम  

हमें शांति एवं समावेश की संस्कृति के लिए कार्य करना है, कार्डिनल अयूसो

मानव बंधुत्व के लिए प्रथम अंतरराष्ट्रीय दिवस के पूर्व, अंतरधार्मिक वार्ता हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष ने जरूरतमंद लोगों की आवश्यकताओं पर गौर किया है एवं उम्मीद जतायी है कि मानव भ्रातृत्व पर 2021 जायेद पुरस्कार, मानवता की सेवा में "विभिन्न आस्था के लोगों के लिए सहयोग का एक फलप्रद चिन्ह प्रकट करेगा।" 4 फरवरी को मानव बंधुत्व पर प्रथम अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाएगा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 2 फरवरी 21 (रेई)- पहल को संयुक्त राष्ट्र का समर्थन प्राप्त है और अबू धाबी में संत पापा फ्राँसिस एवं अल अजहर के ग्रैंड ईमाम अहमद अल ताय्येब द्वारा मानव बंधुत्व के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के दो साल बाद जारी की गई है। अंतरधार्मिक वार्ता हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल मिगेल एंजेल अयूसो गिक्सोत के अनुसार यह अवसर, शांति की संस्कृति के लिए काम करने की चाह उत्पन्न करेगा क्योंकि जब कोविड-19 महामारी से उत्पन्न संकट समाप्त हो जाएगा, तब हम भाईचारा एवं एकात्मता हेतु पुनःनिर्माण करने तथा दूसरों तक पहुँच बढ़ाने के लिए बुलाये जायेंगे।

कार्डिनल के लिए, विश्व पत्र फ्रतेल्ली तूत्ती में दिये गये मार्गदर्शन महत्वपूर्ण है, क्योंकि दस्तावेज हमें "व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों जिम्मेदारियों, नए रुझानों और अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य पर जरूरतों का सामना करने" के लिए प्रोत्साहित करता है।"

पिछले साल 21 दिसम्बर को, संयुक्त राष्ट्रसंघ की महासभा की 75वीं सत्र में 4 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मानव बंधुत्व दिवस के रूप मे मनाये जाने की घोषणा की गई थी। यूएन द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि इस संकल्प को लेने के द्वारा महासभा, सदस्य राष्ट्रों को निमंत्रण देता है कि वे इस दिवस को मनायें ताकि अंतरधार्मिक एवं अंतर-सांस्कृतिक वार्ता को प्रोत्साहन दिया जा सके। संकल्प पत्र में आशा व्यक्त की गई है कि जब विश्व कोरोना वायरस महामारी के कारण अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है एकता, एकात्मता और नए सिरे से बहुपक्षीय सहयोग पर आधारित एक वैश्विक उत्तर की खोज की जायेगी। इस बात को समझते हुए कि हम अपने आप से बच नहीं सकते, संकल्प हमें निमंत्रण देता है कि हम अंतरधार्मिक एवं अंतर-सांस्कृतिक वार्ता को बढ़ावा देने का हर संभव प्रयास करें।

पूरी मानवता के हित को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि 4 फरवरी की घटना शांति की संस्कृति के लिए काम करने की इच्छा को बढ़ायेगी जो उन विभिन्न अंतराष्ट्रीय समुदायों एवं विभिन्न धार्मिक परम्पराओं का पालन करनेवालों के प्रयासों का समर्थन करेगी जो सहिष्णुता, समावेश, समझदारी और एकात्मता के लिए समर्पित हैं, खासकर, महामारी से उत्पन्न संकट के समय में। जब यह संकट समाप्त हो जाएगा तब हम पुनःनिर्माण एवं भाईचारा, एकात्मता एवं शांति को बढ़ावा देने हेतु दूसरों से संबंध बढ़ाने के लिए निमंत्रित किये जायेंगे। इस महामारी से बाहर निकलते हुए हमें पुनः जन्म लेना है, पहले से बेहतर बनना है और व्यक्तिगत स्तर पर ही सीमित नहीं रहना है।

सवाल- संत पापा की आवाज कई बार गूँजती है कि हमारे जीवन, हमारे समुदाय के जीवन को दूसरों से अलग नहीं किया जा सकता। हम एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं। इसमें धर्म की क्या भूमिका है?

उत्तर- सभी धर्म एक मूल भूमिका अदा करते हैं। हम जानते हैं कि अपने प्रशासन के शुरू से ही संत पापा फ्राँसिस ने विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के बीच संबंध के महत्व पर जोर दिया है, उनके बीच आपसी मित्रता एवं सम्मान की आवश्यकता पर बल दिया है। विभिन्न धार्मिक परम्परा के विश्वासी अंतरधार्मिक वार्ता के रास्ते पर एक साथ चलते हुए जिस समाज में रहते हैं वैश्विक भाईचारा को सच्चा सहयोग दे सकते हैं। निश्चय ही, विश्वासी मूल्यों के साक्षी एवं वाहक हैं जो अधिक न्यायपूर्ण एवं स्वस्थ समाज के निर्माण को बड़ा योगदान दे सकते हैं। धार्मिकता, निष्ठा, सार्वजनिक वस्तुओं के लिए प्रेम, दूसरों के प्रति सहानुभूति, खासकर जो जरूरतमंद हैं, भलाई एवं करुणा आदि विभिन्न धर्मों के आध्यात्मिक हथियार हैं। यह दूसरे धर्मों के लोगों और सद्भावना के लोगों के साथ मिलकर ठोस कदम उठाने की बात है। उम्मीद यह है कि हम सभी शांति के वाहक और समुदाय के निर्माता बनने के लिए बुलाये गये महसूस करेंगे, और यह घोषणा करेंगे कि आज का समय बंधुत्व के लिए है, विशेष कर उनके लिए जो संघर्ष, विभाजन और बंद होने का विरोध करते हैं।  

सवाल- 27 मार्च 2020 की शाम को संत पापा के शब्दों को कौन याद नहीं करता?

उत्तर -"हमने महसूस किया है कि हम सभी एक ही नाव पर सवार हैं, हम सभी कमजोर और दिशाहीन हैं किन्तु साथ ही, महत्वपूर्ण एवं आवश्यक है कि हम एक पंक्ति पर बुलाये गये हैं, हम प्रत्येक जन की जरूरत है कि हम दूसरों को आराम प्रदान करे।" पोप फ्रांसिस ने इन शब्दों के साथ घबराहट की भावना व्यक्त की, क्योंकि महामारी ने ख्रीस्तियों और अन्य सभी विश्वासियों को पीड़ित किया।

ईश्वर सभी के और सब कुछ के सृष्टिकर्ता हैं अतः हम एक ही परिवार के सदस्य हैं और हमें अपनी पहचान उसी तरह बनाये रखना है। यह मूलभूत मानदंड है कि विश्वास हमें सहिष्णुता से भाईचारा पूर्ण सह-अस्तित्व तक ले जाता है, हमारे बीच मौजूद मतभेदों एवं हिंसा को दूर करते हुए भाई-बहन के रूप में जीने के लिए प्रेरित करता है।

सवाल- पिछले अक्टूबर को संत पापा फ्रांसिस ने भाईचारा एवं सामाजिक मित्रता पर एक विश्व पत्र प्रकाशित किया। असीसी में हस्ताक्षरित यह दस्तावेज अंतरराष्ट्रीय दिवस जिसको हम मनाने वाले हैं किस तरह जुड़ा हुआ है।

उत्तर- प्रेरितिक पत्र फ्रतेल्ली तूत्ती भाईचारा एवं सामाजिक मित्रता के लिए एक ठोस निमंत्रण है जो सभी पुरूषों एवं स्त्रियों, विश्वासियों और अविश्वासियों से जुड़ा है। विश्व पत्र को पढ़ते हुए हम व्यक्तिगत एवं सामूहिक रूप से एक जिम्मेदारी के लिए निमंत्रित महसूस करते हैं। जैसा कि मैंने पहले कहा है, अंतरराष्ट्रीय दिवस जिसको हम मनाने वाले हैं मानव बंधुत्व पर दस्तावेज में की गई उम्मीद का फल है जिसमें प्रेरितिक पत्र का मसौदा तैयार करने हेतु संत पापा ने कई संदर्भ लिये हैं। विश्व पत्र एवं अंतरराष्ट्रीय पहल के बीच सीधा संबंध है जैसा कि संयुक्त राष्ट्र का उद्देश्य है, भाईचारा के संदेश को बढ़ावा देना। संत पापा भी फ्रतेल्ली तूत्ती में हमें आह्वान देते हैं कि हम भाईचारापूर्ण समाज का निर्माण करें जो कथित "कट्टरपंथी व्यक्तिवाद" के वायरस का सामना करने हेतु वार्ता की शिक्षा को प्रोत्साहित करेगा (न. 105) और सभी लोगों को अपना उत्तम देने के लिए प्रेरित करेगा, साथ ही, प्रतिष्ठा के साथ जीने के अधिकार पर जोर देगा जिससे कि कोई भी वंचित न रहे। चूँकि अधिकार की कोई सीमा नहीं होती कोई भी बहिष्कृत नहीं हो सकता, चाहे वह कहीं भी जन्मा क्यों न हो। और यह पूरी तरह मानव बंधुत्व ही है जो प्रत्येक व्यक्ति को इस अमानवीय दुनिया के पुनः निर्माण की अनुमति देगा। यह सचमुच अच्छा है कि हम कम से कम साल में एक बार याद करेंगे कि हम सभी भाई और बहन हैं।

सवाल- मानव बंधुत्व पर 2021 जायेद पुरस्कार 4 फरवरी को प्रदान किया जाएगा। इस पुरस्कार का क्या अर्थ है और क्या इसे पहली बार प्रदान किया जा रहा है?

उत्तर- मानव बंधुत्व पर जायेद पुरस्कार की घोषणा संयुक्त अरब अमीरात के संस्थापक शेख जायेद बिन सुलतान अल नहयान के सम्मान में 2019 में की गई थी। संत पापा फ्रांसिस एवं अल अजहर के ग्रैंड ईमाम अहमद एल ताय्येब को पहली बार यह पुरस्कार प्रदान किया गया था, जिन्होंने 2019 में मानव बंधुत्व पर दस्तावेज में हस्ताक्षर किया था। बाद में, पुरस्कार को नामांकन के लिए खोला गया जिसके लिए उन लोगों को व्यक्तिगत अथवा सामूहिक रूप से चुना जाता है जो शांतिपूर्ण सहअस्तित्व को बढ़ावा देने के प्रयास के लिए सच्चाई से समर्पित हैं। इसका उद्देश्य है मानवीय संबंध को मजबूत करना, वार्ता के सेतु के निर्माण को बढ़ावा देना एवं राष्ट्रों के बीच समझदारी और सहयोग बढ़ाना। उम्मीद यह भी है कि पुरस्कार समारोह, विभिन्न धर्मों के लोगों के द्वारा मानवता की सेवा में निष्ठापूर्ण सहयोग का चिन्ह बनेगा।  

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02 February 2021, 15:47