वाटिकन में सन्त पापा फ्राँसिस के साथ आध्यत्मिक साधना वाटिकन में सन्त पापा फ्राँसिस के साथ आध्यत्मिक साधना 

महामारी ने जीवन की अस्थिरता को किया है रेखांकित, वाटिकन उपदेशक

वाटिकन में इन दिनों जारी आगमन कालीन आध्यात्मिक साधना का नेतृत्व कर रहे फादर रानियेरो कान्तालामेस्सा ने साधना शुक्रवार को सन्त पापा फ्रांसिस एवं परमधर्मपीठ के धर्माधिकारियों को दिये उपदेश में कहा कि कोविद-19 महामारी ने इस तथ्य को रेखांकित किया है कि मानवीय अस्तित्व चिरकालिक नहीं है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 11 दिसम्बर 2020 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन में इन दिनों जारी आगमन कालीन आध्यात्मिक साधना का नेतृत्व कर रहे फादर रानियेरो कान्तालामेस्सा ने साधना शुक्रवार को सन्त पापा फ्रांसिस एवं परमधर्मपीठ के धर्माधिकारियों को दिये उपदेश में कहा कि कोविद-19 महामारी ने इस तथ्य को रेखांकित किया है कि मानवीय अस्तित्व चिरकालिक नहीं है।

सत्य पर चिन्तन का आग्रह

फादर कान्तालामेस्सा ने कहा कि कोविद महामारी ने सब वस्तुओं की अस्थिरता एवं क्षणभंगुरता को सतह पर ला दिया है तथा हमें अनन्त सत्य पर चिन्तन हेतु अभिमुख किया है। उन्होंने कहा, "सब कुछ क्षणभंगुर है: धन, अच्छा स्वास्थ्य, सौंदर्य, शारीरिक शक्ति आदि सब अस्थायी है किन्तु हम सामान्य तौर पर इस पर विचार नहीं करते हैं। जबकि, महामारी ने हमारा ध्यान जीवन की अस्थिरता तथा मानव जीवन में अहं महत्व रखने वाली सभी चीज़ों की क्षणभंगुरता के प्रति आकर्षित कराया है।"    

प्रवचनकर्त्ता फादर कान्तालामेस्सा ने कहा, "साधारणतः, जो कुछ अब तक हम मानते चले थे उसके नाज़ुक पक्ष को महामारी ने हमें दर्शाया है। ठीक उसी प्रकार जैसे बर्फ के एक फलक पर आप खुशी से स्केटिंग कर रहे हैं और अचानक बर्फीली ज़मीन आपके नीचे से खिसक जाती है, या फलक टूट जाता है और आप बर्फीले पानी में डूबने लगते हैं।"

अनन्त कभी गुज़रता नहीं

विगत पास्का महापर्व के अवसर पर रोम एवं सम्पूर्ण विश्व के नाम सन्त पापा फ्राँसिस के सन्देश के शब्दों को उद्धृत कर उन्होंने कहा, "तूफान हमारी भेद्यता को उजागर कर रख देता है, साथ ही वह उन झूठी एवं सतही निश्चित्तताओं को धराशायी कर देता है जिनके चारों ओर हमने अपने दैनिक कार्यक्रम, अपनी परियोजनाएँ, अपनी आदतें और अपनी प्राथमिकताओं का निर्माण कर रखा है।"

फादर कान्तालामेस्सा ने धर्माधिकारियों से आग्रह किया कि वे अनन्त जीवन पर चिन्तन करें तथा अपने लोगों को भी इस पर चिन्तन हेतु प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि सब कुछ गुज़र जाता है, केवल अनन्त काल नहीं कभी गुज़रता है।

धर्मों का योगदान

प्रवचनकर्त्ता फादर कान्तालामेस्सा ने कहा, "हम इस धरती के परे, लौकिक जीवन के परे, अनन्त जीवन पर चिन्तन करें। धर्मों द्वारा यह एक महान योगदान हो सकता है कि वे अपने अनुयायियों को जीवन की क्षणभंगुरता एवं मरणोपरान्त अनन्त जीवन पर चिन्तन हेतु अभिमुख करें, जिससे वे सांसारिक वस्तुओं की आसक्ति में न लगें।" उन्होंने कहा, "इस प्रकार धर्माधिकारी एक बेहतर एवं भ्रातृत्वपूर्ण विश्व के निर्माण में योगदान देंगे। ऐसे विश्व में जहाँ नस्ल, जाति और राष्ट्रीयता का कोई भेदभाव नहीं होगा।"       

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

11 December 2020, 11:51