वाटिकन की चरनी वाटिकन की चरनी 

वाटिकन की चरनी का संदर्भ

वाटिकन के संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में स्थापित चरनी की चीनी मिट्टी से बनी आदम कद प्रतिमाएँ एक सांस्कृतिक धरोहर हैं जो येसु के जन्म की कहानी बताती हैं किन्तु नजरों को तुरन्त अपनी ओर आकर्षित नहीं कर पा रही हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 15 दिसम्बर 20 (रेई)- संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में चीनी मिट्टी की विशाल मूर्तियों से बनी चरनी का उद्घाटन शुक्रवार को किया गया। उसे येसु के जन्म की कहानी को दर्शाने के लिए निर्मित किया गया है। देवदूत प्रार्थना के दौरान संत पापा ने याद दिलाया था कि आगमन काल में हम जिस प्रतीक्षा का अनुभव करते हैं वह ख्रीस्तीय कहानी के मध्य में एक आनन्दमय घटना है। इसी आनन्द को संत पेत्रुस प्राँगण में स्थापित चरनी प्रस्तुत करती है किन्तु यह चरनी दूसरी कहनी को भी बयाँ करती है जिसको एक नजर में देखा नहीं जा सकता।

शायद इसी छिपी कहानी के कारण कुछ दर्शकों ने नकारात्मक टिप्पणी की है कि यह येसु के जन्म के दृश्य से बिलकुल अलग दिखाई पड़ता है।

प्रतिमाएँ

यह चरनी वास्तव में थोड़ा अलग है जो आदम कद में चिनी मिट्टी से बना 52-टुकड़ों के संग्रह का एक हिस्सा है जिसको इटली में कस्टेली की विशिष्ट शैली में बनायी गयी है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी चीनी मिट्टी की कलाकृति के लिए जानी जाती है। 1965 से 1975 तक शहर के एफ.ए. ग्रुवे कला संस्थान के छात्रों और शिक्षकों को पूरा संग्रह बनाने और पूरा करने में दस साल लगे।

एक खास आकृति को कुछ लोगों ने आंतरिक्ष यात्री के रूप में जिक्र किया है जिसने कई सवाल खड़े किये हैं क्योंकि यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह क्या दर्शाता है।

सभी के लिए स्थान

2019 के दिसम्बर में प्रकाशित अपने पत्र अदमिराबिले सेन्युम में संत पापा फ्राँसिस ने लिखा है कि "यह हमारी प्रथा है कि हम चरनी में कई प्रतीकात्मक आकृतियों को जोड़ते हैं...और सबसे अधिक बच्चे किन्तु बड़े लोग भी चरनी में सुसमाचार से अलग चीजों को जोड़ना पसंद करते हैं। फिर भी, ये सभी चीजें अपने आपमें दर्शाती हैं कि येसु ने नयी दुनिया का उद्घाटन किया है जहाँ उन सभी के लिए स्थान है जो मानवीय हैं एवं ईश्वर द्वारा सृष्ट किये गये हैं।"

चरनी और क्रिसमस ट्री का उद्घाटन कोरोना वायरस महामारी के कारण सीमित लोगों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। महामारी को ध्यान में रखते हुए संत पापा ने कहा था कि क्रिसमस के प्रतीक इस समय, रोमवासियों एवं तीर्थयात्रियों के लिए पहले से कहीं अधिक आशा के चिन्ह हैं।

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15 December 2020, 15:37