धर्मसभा हॉल में संत पापा फ्राँसिस के नए विश्वपत्र की प्रस्तुति धर्मसभा हॉल में संत पापा फ्राँसिस के नए विश्वपत्र की प्रस्तुति 

"फ्रातेल्ली तुत्ती" की प्रस्तुति की मुख्य विशेषताएं

विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के विभिन्न लोगों ने रविवार को वाटिकन के नए धर्मसभा हॉल में संत पापा फ्राँसिस के नए विश्वपत्र "फ्रातेल्ली तुत्ती" (हम सभी भाई-बहनें हैं) को प्रस्तुत किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 05 अक्टूबर 2020 (वाटिकन न्यूज)  :  संत पापा फ्राँसिस के नये विश्व पत्र "फ्रातेल्ली तुत्ती"  (हम सभी भाई-बहनें हैं) की प्रस्तुति के दौरान कई लोगों ने रविवार सुबह वाटिकन के नए सिनॉड हॉल में बातें कीं। पैनल में उपस्थित थे -  वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन,  अंतरधार्मिक वार्ता हेतु बनी परमधर्मपीठीय समिति के प्रीफेक्ट कार्डिनल मिगुएल अयुसो, मानव भाईचारे के लिए बनी उच्च समिति के महासचिव  न्यायाधीश मोहम्मद महमूद अब्देल सलाम, काथलिक समाज विचार और अभ्यास के प्रोफेसर एना रॉलैंड्स,  डरहम (यूके) विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और संत इजीदियो समुदाय के संस्थापक और समकालीन इतिहास के प्रोफेसर एंड्रिया रिकार्दी।

कलह के बीच में सहमति का संदेश

मानव भाईचारे के लिए बनी उच्च समिति के महासचिव जज मोहम्मद महमूद अब्देल सलाम ने कहा, "हालांकि मैं पिछले एक दशक में मानव भाईचारे की यात्रा के विभिन्न चरणों में संत पापा और इमाम के साथ था, जब मैंने भाईचारा और सामाजिक मित्रता पर इस विश्वपत्र को पढ़ा, तो मैंने पूरी दुनिया में मानव भाईचारा के विषय पर एक परिष्कृत स्वाद, एक संवेदी संवेदनशीलता और व्यक्त करने की क्षमता की पहचान की। यह कलह की दुनिया में सहमति करने की अपील है, साथ ही साथ ब्रह्मांड, दुनिया और जीवन के नियमों के साथ व्यक्तिगत और सामूहिक सद्भाव दोनों के पक्ष में एक स्पष्ट संदेश है। यह धारणा एक स्पष्ट तर्क पर निर्भर करती है जो सत्य में निहित है और वास्तविक जीवन और वास्तविक दुनिया में व्यावहारिक है।"

“प्रतिष्ठित मेहमान, शरीयत (कानून), इस्लाम और उसके विज्ञान के एक युवा मुस्लिम विद्वान के रूप में, मैं खुद को पाता हूँ – संत पापा के साथ बहुत प्यार और उत्साह के साथ - और हर शब्द जो उसने विश्वपत्र में लिखा है, उसे मैं संतुष्टि और आशा के साथ साझा करता हूँ। उनके सभी प्रस्ताव मानव भाईचारे के पुनर्जन्म की भावना को आगे बढ़ाते हैं।”

'प्यार और ध्यान' के बारे में "फ्रातेल्ली तुत्ती"

प्रोफेसर अन्ना रोलैंड्स ने कहा,“विश्वपत्र फ्रातेल्ली तुत्ती" प्यार और ध्यान के बारे में है - जिस तरह का ध्यान एक टूटी हुई और रक्तस्रावी दुनिया को स्वास्थ्य में वापस लाता है। यह भले समारी पर एक सामाजिक ध्यान है, जो पूर्वप्रतिष्ठित लॉ के रूप में प्यार और ध्यान को पहचानता है और हमारे लिए रचनात्मक सामाजिक मित्रता का मॉडल है।"

"संत पोपा फ्राँसिस हमें इसी तरह दुनिया पर टकटकी लगाने के लिए कहते हैं, जिससे कि हम सभी चीजों और लोगों के मूल, अपरिहार्य संबंध को देख सकें। सरल शब्दों में, ‘फ्रातेल्ली तुत्ती’ हमारे पारिस्थितिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक जीवन के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है। ।

शांति के रक्षक

प्रोफेसर एंड्रिया रिकार्दी ने कहा, "विश्वपत्र हमें दिखाता है कि हम सभी शांति के संरक्षक हैं। संस्थानों का काम 'शांति की वास्तुकला' को फिर से दिखाना है। हालाँकि, हम, सामान्य लोग, अपने आप को दर किना नहीं रख सकते। शांति को बनाये रखना हर किसी का काम है: हमें युद्ध के खिलाफ हर दिन साहस और रचनात्मक विद्रोह में संलग्न होना चाहिए। अगर कई युद्ध कर सकते हैं, तो सभी शांति के कारीगर हो सकते हैं।”

“इसलिए धर्मों की भूमिका। संत पापा ने धर्मों के बीच संवाद और इमाम अल-तैयब के साथ मुलाकात को संदर्भित किया, जब उन्होंने कहा: 'धर्मों को युद्ध के लिए कभी भी उकसाना नहीं चाहिए'। अगर वे ऐसा करते हैं, तो वे अपनी असली भूमिका का दुरुपयोग करते हैं।”

प्रोफेसर एंड्रिया ने कहा,“मैंने ‘फ्रातेल्ली तुत्ती’ को पढ़ा, मैं न केवल युद्ध की निंदा करता हूँ, बल्कि यह भी आशा करता हूँ कि शांति संभव है। मुझे संत पापा जॉन पॉल द्वितीय का वह निमंत्रण याद आया जब उन्होंने 1986 में असीसी में अन्य धार्मिक नेताओं के साथ मिलकर कहा था: 'शांति अपने भविष्यवक्ताओं... इसके निर्माताओं की प्रतीक्षा कर रही है शांति एक कार्यशाला है, यह न केवल विशेषज्ञों, जानकार और रणनीतिकारों  के लिए बल्कि सभी के लिए खुली है और यह दैनिक जीवन में एक हजार छोटी कृत्यों में आता है। बिरादरी के पुरुष और महिलाएँ शांति के कारीगर हैं।”

उनहोंने अंत में कहा,“संत पापा फ्राँसिस ने वैश्विक दुनिया के लिए सच्चे सपनों का प्रस्ताव दिया है जो महान मूल्यों और आदर्शों का प्रकाशस्तंभ है। मैं उनमें से सिर्फ एक को याद करता हूँ-शांति- सब कुछ इस पर निर्भर करता है।”  

भ्रातृत्व की सेवा में

अंतरधार्मिक वार्ता हेतु बनी परमधर्मपीठीय समिति के प्रीफेक्ट कार्डिनल मिगुएल अयुसो ने कहा,"मैं संत पापा फ्राँसिस को सार्वजनिक रूप से धन्यवाद देना चाहता हूँ, उन्होंने अपने परमाध्यक्षीय काल की शुरुआत से ही अंतरधार्मिक संवाद को प्रोत्साहन दिया है।"

"मैं भावना के बिना विश्वपत्र नहीं पढ़ सकता, विशेष रूप से अध्याय आठ," हमारी दुनिया में भाईचारे की सेवा में धर्म। "मैंने संत पापा फ्राँसिस के साथ उनके परमाध्यक्षीय काल की शुरुआत से, यानी लगभग आठ साल से सहयोग किया है। मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूँ कि कई कठिनाइयों के बीच, यहां तक ​​कि सबसे हालिया कोविद-19 की वजह से होने वाली महामारी के समय भी बहुत सारे काम संपन्न किये गये।"

अंतरधार्मिक संवाद वास्तव में संत पापा फ्रांसिस के चिंतन और कार्यों में है। वास्तव में, जैसा कि फ्रातेल्ली तुत्ती कहता हैं, 'सच्चे दिल से ईश्वर की तलाश करने का प्रयास, हमें एक-दूसरे को यात्रा करने वाले साथियों, सही मायने में भाइयों और बहनों के रूप में पहचानने में मदद करता है' बशर्ते कि यह कभी भी वैचारिक या आत्म-सेवा के उद्देश्य से नीरस न हो।" ( 274)  

"सम्मान और मित्रता को दो मौलिक दृष्टिकोणों के रूप में देखते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने एक और दरवाजा खोला है, ताकि भाईचारे का ऑक्सीजन विभिन्न धार्मिक परंपराओं के व्यक्तियों के बीच, विश्वासियों और गैर-विश्वासियों के बीच, और भली इच्छा वाले सभी व्यक्तियों के बीच संवाद में प्रवेश कर सके।"

"हम फिर से संत पापा फ्राँसिस को धन्यवाद देते हैं क्योंकि ‘फ्रातेल्ली तुत्ती’ हम सभी को मसीह और कलीसिया के प्यार के करीब महसूस कराता है और यह हमें इस विश्व-बंधूत्व की सेवा में खुद को, सभी को एक साथ रखने के लिए प्रोत्साहित करता है।"

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05 October 2020, 15:18