लूर्द में कार्डिनल परोलिन की यात्रा प्रोत्साहन का चिन्ह
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शनिवार, 15 अगस्त 2020 (वीएन)- कोरोना वायरस महामारी के कारण विश्वभर के लोगों को विगत कुछ महीनों से अलग जीवनशैली अपनानी पड़ रही है जिसका प्रभाव काम और प्रार्थना करने पर भी पड़ रहा है। इसके बावजूद लूर्द में चार दिवसीय फ्राँसीसी वार्षिक राष्ट्रीय तीर्थयात्रा को नहीं रोका गया है।
बुधवार को 147वें राष्ट्रीय तीर्थयात्रा का उद्घाटन संत बेर्नादेत्त गिरजाघर में ख्रीस्तयाग द्वारा किया गया।
12- 16 अगस्त तक चलनेवाले इस समारोह का आयोजन स्वर्गोदग्रहण धर्मसमाज ने किया है जिसकी विषयवस्तु है, "प्रेम के स्रोत की ओर बढ़ना।"
यद्यपि तीर्थयात्रा को नहीं रोका गया है तथापि सामाजिक दूरी बनाये रखने के कारण इस बार की तीर्थयात्रा में भारी भीड़ नहीं दिखाई पड़ेगी।
बीमार लोग अकेले नहीं हैं
फ्राँस के राष्ट्रीय तीर्थयात्रा के निदेशक फादर भिन्सेंट ने बतलाया कि महामारी के कारण परेशानियों के बावजूद, इस साल भी तीर्थयात्रा शानदार है जिसको वे बनाये रखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि इस साल तीर्थयात्रियों के करीब 500 प्रतिनिधि तीर्थस्थल पर उपस्थित होगा, जबकि बाकी तीर्थयात्री अपने ही घरों में ऑनलाईन जुड़कर समारोह में भाग लेंगे। इस तरह जो बीमार हैं वे भी रेडियो एवं टेलीविजन के माध्यम से इस समारोह में भाग ले पायेंगे।
राष्ट्रीय निदेशक ने कहा, "हम नहीं चाहते कि बीमार व्यक्ति अकेला महसूस करे और इसीलिए उन्हें डिजिटल माध्यमों द्वारा तीर्थस्थल से जोड़ा गया है।"
यद्यपि कोविड-19 ने इस मिलन समारोह के तरीके को बदल दिया है तथापि अभी भी चार दिनों के कार्यक्रमों की एक समृद्ध सरणी बनायी गई है। कार्यक्रमों में, रोजरी विन्ती, संगीत, शोभायात्रा, जागरण प्रार्थना और गवाही आदि शामिल हैं।
स्थान पर प्रतिबंध
स्वास्थ्य कारणों एवं शारीरिक और सामाजिक दूरी बनाकर रखने का सम्मान करते हुए इस समय तीर्थस्थल पर स्नान करना संभव नहीं है, किन्तु फादर कबानक ने कहा है कि स्नान करने के प्रतीक के रूप में लोग यहाँ आकर अपने चेहरे और हाथ धो सकेंगे।
कार्डिनल परोलिन का दौरा
15 अगस्त को माता मरियम के स्वर्गोदग्रहण महापर्व के उपलक्ष्य में कार्डिनल परोलिन लूर्द के तीर्थस्थल के दौरे पर हैं और जहाँ उन्होंने आज 10.00 बजे समारोही ख्रीस्तयाग अर्पित किया।
वाटिकन राज्य सचिव बनने के बाद कार्डिनल परोलिन की लूर्द में यह तीसरी यात्रा है। 2017 में उन्होंने विश्व रोगी दिवस के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस के प्रतिनिधि के रूप में तथा 2018 में संत फ्राँसिस डी सेल्स दिवस के अवसर पर तीर्थस्थल का दौरा किया था।
लूर्द के तीर्थस्थल पर कार्डिनल परोलिन की उपस्थिति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए फादर कबानक ने कहा, "यह हमारे लिए एक अत्यन्त महत्वपूर्ण चिन्ह है कि कार्डिनल ने यहाँ का दौरा किया है। अपनी उपस्थिति से उन्होंने हमें प्रोत्साहन दिया है कि हम विश्वस्त और विनम्र बने रहें।"
उन्होंने कहा कि कार्डिनल हमें प्रार्थना का एक महान संदेश दे रहे हैं न केवल फ्राँस के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए। मस्साबिल्ले के ग्रोटो में उनकी प्रार्थना और उनकी यात्रा हमारे लिए, फ्रांस और पूरी कलीसिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
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