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आपका भाई कहाँ है? लम्पेदूसा से कोविद तक, भाईचारे की चुनौती

लम्पेदूसा द्वीप की अपनी यात्रा के सात साल बाद, संत पापा फ्राँसिस की अपील ने हमें उस अवसर पर सुनने और देखने के लिए एक-दूसरे को भाइयों के रूप में उठाया और भी अधिक जरूरी है। महामारी के बाद के युग में, अपने आप को बचाने की कोई संभावना नहीं है, भाईचारा ही भविष्य के निर्माण का एकमात्र तरीका है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 8 जुलाई 2020 (वाटिकन न्यूज) : ईश्वर कहते हैं, "तुम्हारा भाई कहाँ है? उसके खून की आवाज़ मुझे पुकार रही है," यह दूसरों के लिए संबोधित सवाल नहीं है, यह मेरे लिए, आप में से प्रत्येक के लिए है। संत पापा फ्राँसिस की लम्पेदूसा यात्रा को सात साल बीत चुके हैं। संत पापा ने द्वीप के खेल मैदान में मनाए गए पवित्र मिस्सा बलिदान में मानवता को इसी सवाल को लेकर संबोधित किया था। एक यात्रा जो कुछ घंटों तक चली। वहाँ, यूरोप के दक्षिणी सिरे में, संत पापा फ्राँसिस ने "आउटगोइंग चर्च" याने ‘बाहर जाने वाली कलीसिया’ का सही अर्थ समझाया। उन्होंने कहा था कि केंद्र की अपेक्षा उपनगरों से वास्तविकता बेहतर दिखाई देती है। युद्ध और दुख से भागे प्रवासियों के बीच, उन्होंने "गरीब कलीसिया" का स्पर्श किया।

दूसरी ओर, काईन और हाबिल के बारे में बात करते हुए, उन्होंने लम्पेदूसा में भाईचारे के प्रश्न को भी सामने लाया। यह हमारे समय के लिए या शायद हर समय के लिए एक मौलिक प्रश्न है।

भाईचारे की चुनौती

संत पापा फ्राँसिस की परमाध्यक्षीय कार्य विधियाँ भाईचारे की धुरी पर घूमती है। उन्होंने 13 मार्च, 2013 की शाम परमाध्यक्ष के रूप में पहली बार विश्वासियों को ‘भाईयो-बहनो,’ के रुप में संबोधित किया। हम एसा कह सकते हैं कि संत पापा के डीएनए में भ्रातृत्व का आयाम है। परमाध्यक्ष के रुप में उनहोंने असीसी के गरीब फ्राँसिस का नाम चुना। फ्राँसिस असीसी जो केवल एक छोटा "तपस्वी", "भ्राता", "भाई" की उपाधि चाहता था।

संत पापा फ्राँसिस सेवा निवृत संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें को भी भाई कहकर संबोधित करते हैं। मानव भ्रातृत्व दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने के बाद, संत पापा फ्राँसिस की यह विशेषता निश्चित रूप से सभी को स्पष्ट दिखाई देती है। फिर भी, संत पापा फ्राँसिस के सात वर्षों के कार्यकाल पर हम गौर करें तो पाएंगे कि उनके रास्ते पर कई मील के पत्थर मिलते हैं, जो उन्हें 4 अप्रैल 2019 को अबू धाबी में ऐतिहासिक दस्तावेज पर अल-अजहर के ग्रैंड इमाम के साथ हस्ताक्षर करने के लिए नेतृत्व किया। अरब मिट्टी पर घटना निश्चित रूप से न केवल आगमन का एक बिंदु थी, बल्कि एक नई शुरुआत भी थी। और यह पथ अब जारी है।

लम्पेदूसा के प्रश्नः तुम्हारा भाई कहाँ है? संत पापा ने एक और अत्यधिक प्रतीकात्मक यात्रा में फिर से वही शब्द उठाए - जब उन्होंने सितंबर 2014 को प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत के शताब्दी वर्ष पर रेडिपुग्लिया के मिलिट्री श्राइन का दौरा किया था। अपने भाई हाबिल की हत्या के बाद, ईश्वर और काईन के बीच हुए संवाद फिर से गूंजने लगे। "मैं क्यों परवाह करूँ? क्या मैं अपने भाई का रखवाला हूँ? ” (उत्पत्ति 4: 9)।

संत पापा फ्राँसिस के लिए, खुद को अपने भाई के रक्षक के रूप में मानने से इनकार करना, मानवता को हिला देने वाली सभी बुराइयों की जड़ है। यह दृष्टिकोण, "येसु जो सुसमाचार में हमसे पूछते हैं, उसके बिल्कुल विपरीत है"। “जो कोई भी अपने भाई या बहन की देखभाल करता है वह प्रभु के आनंद में प्रवेश करता है, जो नहीं करता है, वह बाहर रहता है।”

भ्रातृत्व का संकेत

संत पापा फ्राँसिस ने इजरायल और फिलिस्तीनी दोनों नेता शिमोन पेरेस और अबू माजेन के साथ वाटिकन गार्डन में प्रार्थना और शांति बैठक में अपने भाइयों की तरह बातें की। उन्होंने कहा "आपकी उपस्थिति भ्रातृत्व का एक बड़ा संकेत है, जिसे आप अब्राहम के बच्चों के रूप में पूरा करते हैं और इतिहास के ईश्वर में विश्वास की एक ठोस अभिव्यक्ति है, जो आज ईश्वर हमें भाइयों के रूप में देखते हैं और वे अपने मार्ग पर हमारा नेतृत्व करना चाहते हैं।" कुछ साल पहले, भाईचारे के नाम पर, मसीह में एक आम विश्वास द्वारा प्रवर्तित, मास्को के प्राधिधर्माध्यक्ष के साथ मुलाकात रोम के धर्माध्यक्ष के लिए अकल्पनीय थी। कॉन्स्टेंटिनोपल के प्रधिधर्माध्यक्ष बार्थोलोम प्रथम के साथ दोनों भाईयों की मुलाकात एक सुखद घटना थी।

शक्तिशाली शब्द भाईचारा

क्यूबा में, संत पापा फ्राँसिस और प्राधिधर्माध्यक्ष किरिल ने एक संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसने अपने शुरुआती शब्दों में, इस बात पर जोर दिया: "खुशी के साथ, हम एक दूसरे के भाई के रूप में ईसाई धर्म में विश्वास करते हैं जो 'ऊंची आवाज में बोलते हैं'। ‘भाईचारा’ वह मूल शब्द है जो परमाध्यक्ष को सबसे मजबूत और आश्चर्यजनक कामों को करने हेतु प्रेरित करता है: उन्होंने दक्षिण सूडान के नेताओं को एक आध्यात्मिक साघना के लिए शांतिपूर्ण स्थान वाटिकन बुलाया। संत पापा ने घुटने टेकते हुए नेताओं पैर का चुंबन किया और हार्दिक शब्दों में कहा "आप तीनों ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया, मैं आपसे एक भाई के रूप में पूछता हूँ, आप शांति से रहें। मैं आप सभी से दिल से कहता हूँ। आइये, हम मिलकर आगे बढ़ें।”

कोरोना वायरस ने नाटकीय रूप से दिखाया है कि राष्ट्रों के बीच विकास के स्तर और राष्ट्रों के बीच आय में कोई फर्क नहीं पड़ता है, हम सभी कमजोर हैं। हम एक ही नाव के भाई-बहन हैं, एक तूफान की लहरों से हिलते हैं जो हर किसी पर अंधाधुंध हमला करता है। 27 मार्च को बारिश में संत पेत्रुस महागिरजाघर के खाली प्रांगण में संत पापा फ्राँसिस ने कहा था।

आज से  ठीक सात साल पहले लम्पेदूसा में, संत पापा हमें बताते हैं कि हमें दूसरा रास्ता नहीं देखना चाहिए, क्योंकि अगर हम वास्तव में खुद को भाइयों और बहनों के रूप में मानते हैं, तो दूसरे पक्ष के सदस्य मौजूद नहीं हैं। दूसरा पक्ष हम ही हैं।

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08 July 2020, 15:30