बोज़निया में 1995 में 8000 बोज़नियाई पुरुषों की हत्याकाण्ड के बाद शर्णार्थियों की दशा बोज़निया में 1995 में 8000 बोज़नियाई पुरुषों की हत्याकाण्ड के बाद शर्णार्थियों की दशा 

शरणार्थियों की जीवन रक्षा हेतु ठोस समाधान का आग्रह

जिनिवा में शरणार्थियों के पुनर्वास पर संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वाधान में, इस सप्ताह, आयोजित एक बैठक में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक एवं वाटिकन के वरिष्ठ महाधर्माध्यक्ष आयवन यूरकोविट्स ने शरणार्थियों के जीवन एवं उनकी प्रतिष्ठा के सम्मान का आग्रह किया।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

जिनिवा, शुक्रवार, 10 जुलाई 2020 (रेई, वाटिकन रेडियो): जिनिवा में शरणार्थियों के पुनर्वास पर संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वाधान में, इस सप्ताह, आयोजित एक बैठक में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक एवं वाटिकन के वरिष्ठ महाधर्माध्यक्ष आयवन यूरकोविट्स ने शरणार्थियों के जीवन एवं उनकी प्रतिष्ठा के सम्मान का आग्रह किया।  

"पुनर्वास और पूरक रास्ते" शीर्षक से शरणार्थी सम्बन्धी संयुक्त राष्ट्र संघीय उच्चायुक्त यू.एन.एच सी.आर. द्वारा प्रकाशित दस्तावेज़ पुनर्वास और पूरक मार्गों को "और अधिक समान बोझ एवं  ज़िम्मेदारी साझा करने हेतु मूर्त तंत्र" के रूप में पहचानता है।

तीसरा देश समाधान

महाधर्माध्यक्ष यूरकोविट्स ने बैठक में शामिल राष्ट्र के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए तीसरे देश समाधान को सघन करने की शरणार्थी सम्बन्धी संयुक्त राष्ट्र संघीय उच्चायुक्त के प्रयासों को स्वीकार किया तथा प्रथम "ग्लोबल रिफ्यूजी फोरम" 2019 के संदर्भ में इस रणनीति को हासिल करने हेतु किए गए वादों का भी स्वागत किया।  

इस सन्दर्भ में महाधर्माध्यक्ष ने सन्त पाप फ्राँसिस की चिन्ताओं को अभिव्यक्ति प्रदान करते हुए कहा कि उनकी आशा है कि अधिकाधिक देश निजी और सामुदायिक प्रायोजन कार्यक्रमों को अपनाएंगे तथा शरणार्थियों के लिए मानवीय गलियारे खोलेंगे।

"लाभ में साझेदारी"

इस बात पर बल देते हुए कि शरणार्थियों का स्वागत करने वाले देश "लाभ भी साझा करते" हैं, महाधर्माध्यक्ष यूरकोविट्स ने कहा कि शरणार्थियों के "सामाजिक और व्यावसायिक समावेश" को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शरणार्थियों की क्षमताओं को उचित रूप से स्वीकार किया जाये तथा उन्हें महत्व दिया जाये, ताकि उनके लिये "रोजगार, भाषा निर्देश और सक्रिय नागरिकता" की संभावनाएँ उत्पन्न हो सकें।

मानवीय गलियारे

लिबिया में शरण ले रहे शरणार्थियों की ख़तरनाक स्थिति के प्रति ध्यान आकर्षित कराते हुए उन्होंने स्मरण दिलाया कि सन्त पापा फ्राँसिस ने लिबिया के हिरासत शिविरों को खाली किये जाने तथा मानवीय गलियारों को खोले जाने हेतु विचारशील प्रयासों की अपील की है, विशेष रूप से, उन्होंने कहा कि लिबिया में कष्ट भोग रहे बच्चों, महिलाओं एवं रोगियों को उन शिविरों से बाहर निकाला जाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिये।  

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10 July 2020, 10:57