महाधर्माध्यक्ष भिंचेंत्सो पालिया महाधर्माध्यक्ष भिंचेंत्सो पालिया  

महाधर्माध्यक्ष पालिया : महामारी द्वारा मानव परिवार को मन-परिवर्तन का अवसर

महाधर्माध्यक्ष भिंचेंत्सो पालिया ने जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय अकादमी द्वारा प्रकाशित एक नये दस्तावेज- कोविड-19 महामारी के समय मानव परिवार द्वारा सामना की जा रही कठिनाईयोँ एवं अवसर पर प्रकाश डाला।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 23 जुलाई 20 (वीएन) – जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय अकादमी ने बुधवार को एक दस्तावेज जारी किया, जिसका शीर्षक है, "महामारी के युग में मानव समुदाय: जीवन के पुनःजन्म पर असामयिक चिंतन।"

अकादमी के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष भिंचेंत्सो पालिया ने एक साक्षात्कार में, दस्तावेज के कई मूल विन्दुओं की व्याख्या की।

सवाल- हम शीर्षक की व्याख्या करें : महामारी के युग में मानव समुदाय (हूमाना कोम्मुनितास), इसका क्या अर्थ है?

हूमाना कोम्मुनितास (हूमाना कोम्मुनितास) संत पापा फ्राँसिस के एक पत्र का शीर्षक है जिसको उन्होंने 6 जनवरी 2019 को अकादमी की 25वीं वर्षगाँठ पर उन्हें भेजा था। पत्र में संत पापा ने उस संबंध पर चिंतन करने का आह्वान किया था जो मानव परिवार को एक साथ लाता एवं साझा मूल्यों, उद्देश्यों एवं पारस्परिकता को उत्पन्न करता है।

यह महामारी हमें असाधारण रूप से दो चीजों के प्रति सचेत करता है। एक ओर यह दिखलाता है कि हम किस तरह एक-दूसरे पर आश्रित हैं, दुनिया के किसी भी कोने में कोई घटना घटती है वह किस तरह समस्त विश्व पर प्रभाव डालती है, जबकि दूसरी ओर यह असमानता को बढ़ाती है, हम सब एक ही तूफान की चपेट में हैं किन्तु एक ही नाव पर नहीं हैं। उन लोगों के लिए जो अधिक कमजोर हैं नाव अधिक असानी से डूबती है।   

जीवन की नैतिकता वैश्विक है – क्या हम अपने आप को दूसरों से अधिक दूर कर बचा सकते हैं अथवा क्या आम दुर्बलता हमें अधिक मानवीय बनाती है? हमें इस सवाल का उत्तर देना होगा, इसी वक्त देना होगा, क्या यह अब भी मानव प्राणी की एक आम जिम्मेदारी है?  

सवाल- उप-शीर्षक कहता है : जीवन के पुनःजन्म पर आऊटडेटेड (पुराना) चिंतन, का क्या अर्थ है?

आऊटडेटेड एक ऐसा शब्द है जो दर्शनशास्त्रीय परम्परा से आता है। यहाँ हम इसका प्रयोग थोड़ी उत्तेजना, समुदाय की एक अवधारणा को खोजने की तात्कालिकता को इंगित करने के लिए करते हैं जो कि, जाहिरा तौर पर फैशनेबल नहीं है।

ऐसे समय में जब जीवन खतरे में है और हम प्रियजनों की मृत्यु एवं हमारे समाज के मूल बिंदुओं की हानि से प्रभावित होते हैं, हम स्वयं को मास्क या स्कूलों को फिर से खोलने की तारीख पर चर्चा करने मात्र तक सीमित नहीं रख सकते। हमें अवसर लेना और बाजार एवं शिक्षा को बदलने के लिए बेहतर परिस्थितियों पर चर्चा करने का साहस तलाशना होगा। क्या यह ध्वनि अतिरंजित दावे की तरह है? अब, यह वास्तव में "आउट ऑफ डेट" है।

सवाल- महामारी ने लोगों और समाज की दुर्बलता को दिखलाया है। यह वैश्विक संकट है जिसने विश्व के उत्तरी एवं दक्षिणी भागों को प्रभावित किया है एवं वैज्ञानिकों के पास अब भी निश्चित उत्तर नहीं है। क्या यह सचमुच एक नवीनता है?

अज्ञात वायरस के उद्भव में नवीनता इतनी नहीं है। वास्तव में, इस नुकसान को उसी क्षेत्र में सीमित और पराजित किया जा सकता था। पर अभूतपूर्व तथ्य है इसकी गति और चौड़ाई, जिसके साथ यह संबंधों और परिवहन के नेटवर्क से फैलता है। मीडिया की भूमिका भी नई है जिसने निर्णय लिया कि संकट के प्रति जागरूकता फैलायी जाए  और निश्चय ही इसके लिए बहुत अधिक बात की गई इसलिए नवीनता एक-दूसरे से बहुत अधिक जुड़े हुए समाजों के युग में खतरे के प्रतिनिधित्व के लिए प्रतिक्रियाओं द्वारा प्रेरित अनुरूपता और भ्रम के अजीब मिश्रण में निहित है: हालांकि, अति व्यक्तिवाद की स्थिति भी हैं। समुदाय की कमजोरी है कि इस खतरे की घड़ी में जब इसे हमें समर्थन और सुरक्षा प्रदान करना चाहिए, हमें हमारी अनिश्चितताओं एवं दुर्बलताओं में छोड़ दिया है।

सवाल – संकट की इस घड़ी में ख्रीस्तीय समुदाय की क्या भूमिका होनी चाहिए?

ख्रीस्तीय समुदाय सबसे पहले संकट को समझने में मदद दे सकता है न केवल एक संगठनात्मक तथ्य के रूप में, जिसे दक्षता में सुधार करके दूर किया जा सकता है बल्कि इसे अधिक गहराई से समझने के द्वारा कि अनिश्चितता और नाजुकता मानवीय स्थिति के निर्माणात्मक आयाम हैं। अतः इस सीमा का सम्मान किया जाना चाहिए और हर विकास परियोजना को ध्यान में रखते हुए, दूसरों की दुर्बलता का ख्याल रखना चाहिए, क्योंकि हम सभी एक-दूसरे के लिए सौंपे गये हैं। यह एक बदलाव है जो नुकसान के अनुभव को अस्तित्व में और सामाजिक रूप से शामिल एवं विस्तृत करने के लिए कहता है। इसी जागरूकता से शुरू कर, एक परिवर्तन में हमारी अंतरात्मा को शामिल करना संभव होगा जो हमें विश्व बंधुत्व में जिम्मेदारी को सहयोग करने के लिए प्रेरित करेगा।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

23 July 2020, 17:22