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कोविद महामारी के दौरान लॉकडाऊन की स्थिति में ड्राईव थ्रू मिस्सा, फ्राँस 17.05.2020 कोविद महामारी के दौरान लॉकडाऊन की स्थिति में ड्राईव थ्रू मिस्सा, फ्राँस 17.05.2020  

बढ़ती असहिष्णुता के बीच धार्मिक स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करें

असहिष्णुता एवं भेदभाव के प्रति जागरुकता को बढ़ावा देने हेतु, 25 तथा 26 मई को, यूरोप में सहयोग एवं सुरक्षा सम्बन्धी संगठन का सम्मेलन सम्पन्न हुआ जिसमें, वाटिकन की ओर से परमधर्मपीठ के स्थायी पर्येवेक्षक मान्यवर यानूस उरबानज़िक उपस्थित थे।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

विएना, शुक्रवार, 29 मई 2020 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन ने चेतावनी दी है कि कोविद -19 महामारी की स्थिति में बढ़ती असहिष्णुता और असमानता के बीच धार्मिक रूप से प्रेरित घृणा अपराधों में वृद्धि हो रही है।

इस सप्ताह, असहिष्णुता एवं भेदभाव के प्रति जागरुकता को बढ़ावा देने हेतु, 25 तथा 26 मई को, यूरोप में सहयोग एवं सुरक्षा सम्बन्धी संगठन का सम्मेलन सम्पन्न हुआ जिसमें, वाटिकन की ओर से परमधर्मपीठ के स्थायी पर्येवेक्षक मान्यवर यानूस उरबानज़िक उपस्थित थे।  

धार्मिक असहिष्णुता बढ़ रही है

मान्यवर उरबानज़िक ने कहा, "ईसाइयों और अन्य धर्मों के सदस्यों के खिलाफ घृणा अपराधों में इज़ाफा, मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इनमें धमकी, हिंसक हमले, हत्याएं और गिरजाघरों तथा पूजा स्थलों, कब्रिस्तानों और अन्य धार्मिक संपत्तियों पर हमले शामिल हैं।"

वाटिकन के प्रतिनिधि ने धार्मिक विश्वास और धर्मपालन के बीच विभाजन के बारे में "गहन चिंता" व्यक्त की। उन्होंने सचेत किया, "यह भ्रामक धारणा कि धर्मों का नकारात्मक प्रभाव हो सकता है या ये हमारे समाजों की भलाई के लिए ख़तरा उत्पन्न कर सकते हैं सरासर ग़लत है।" उन्होंने कहा कि विश्वासियों से प्रायः यह कहा जाना कि "प्रार्थना और धार्मिक विश्वास व्यक्ति का निजी मामला है जिसका सार्वजनिक क्षेत्र में कोई स्थान नहीं" भी एक मिथ्या और ग़लत विचार है।  

डिजिटल युग में भेदभाव

मान्यवर उरबानज़िग ने कहा, इंटरनेट और सोशल मीडिया, प्रायः, दूसरों को नीचा दिखाने अथवा सांस्कृतिक, राष्ट्रीय और धार्मिक समूहों द्वारा घृणा उकसाने का स्थान बन जाता है। दुर्भाग्यवश,  कोविद -19 महामारी ने प्रवृत्ति को बदत्तर कर दिया है, इसलिये कि लॉकडाउन के दौरान लोग ऑनलाइन पर अधिकाधिक समय बिता रहे हैं। इस बात की ओर उन्होंने ध्यान आकर्षित कराया कि सोशल मीडिया पर भेदभाव, हिंसा को प्रश्रय दे सकता है, जो मज़ाक से शुरु होकर सामाजिक असहिष्णुता तक जा सकती है।" उन्होंने कहा कि कोविद महामारी ने असमानता और भेदभावों को बढ़ावा दिया है तथा इस महामारी के बीच अधिकारों एवं स्वतंत्रता का उल्लंघन जारी है, इनमें  गिरजाघरों का बन्द होना तथा धर्मपालन पर लगे प्रतिबन्ध भी शामिल हैं।

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29 May 2020, 11:14