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मानव बंधुत्व के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करते संत पापा मानव बंधुत्व के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करते संत पापा 

मानव बंधुत्व के निर्माण में महिलाएँ

मंगलवार को काथलिक महिलाओं के विश्वसंघ के संगठन द्वारा एक सम्मेलन का आयोजन किया गया तथा वाटिकन के लिए विभिन्न राजदूतों ने मानव बंधुत्व को प्रोत्साहन देने की भूमिका पर गौर किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

रोम, बुधवार, 4 मार्च 2020 (रेई)˸ काथलिक महिलाओं के विश्वसंघ के संगठन (डब्ल्यू यू सी डब्ल्यू ओ) ने लाखों महिलाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए मानव बंधुत्व को बढ़ावा देने वाले आंदोलन को अपनी आवाज दी।

मानव बंधुत्व पर दस्तावेज में संत पापा फ्राँसिस एवं अल अजहर के ग्रैंड इमाम के हस्ताक्षर से प्रेरित, काथलिक महिलाओं के विश्वसंघ के संगठन ने रोम में मंगलवार 3 मार्च को, एक सभा का आयोजन किया, जिसको वाटिकन के लिए ऑस्ट्रेलिया, फिलीपींस, एवं अर्जेंटीना के राजदूतों का समर्थन प्राप्त हुआ। अन्य राजदूत आवासों के कई प्रतिनिधियों ने भी सभा में भाग लिया।

मानव बंधुत्व की महिला निर्माताएँ

महिलाओं की इस सभा की विषयवस्तु थी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मद्देनजर, मानव बंधुत्व की महिला निर्माताएँ। अतिथि वक्ताओं ने मानव बंधुत्व पर दस्तावेज में विभिन्न धर्मों के दृष्टिकोणों को प्रस्तुत किया।

ईस्लामी दृष्टिकोण

ईरान के ईशशास्त्री प्रोफेसर शाहराजद हुसमन्ड ने संत पापा की अरब यात्रा की याद की विशेषकर, उनके मानव बंधुत्व पर दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने की महत्वपूर्ण घटना की।

प्रोफेसर ने कहा कि दस्तावेज का अनूठापन यह है कि इसमें हस्ताक्षर करने वाले एक समान हैं और एक ही समय पर हस्ताक्षर किये हैं जो विश्व के दो सबसे महान धर्मों के नेता हैं। दूसरी बात यह है कि दस्तावेज की शुरूआत ईश्वर का आह्वान करते हुए की गयी है और उसके आगे पृथ्वी के गरीबों को जोड़ा गया है।

इस प्रकार विश्व के दो महान धर्मों के नेताओं ने सभी लोगों का आह्वान किया है कि वे मौलिक मानवीय मूल्यों को अपनाने के लिए उनकी आवाज सुनें जो सभी को शांति और सौहार्द के साथ जीने देगा।  

बौद्धिक दृष्टिकोण

इताली बौद्ध संघ की उप-अध्याक्ष एलेना सेइशिन विवियानी ने माना कि मानव बंधुत्व पर दस्तावेज पर महिलाओं द्वारा हस्ताक्षर किया जाना एवं उसे प्रोत्साहन एवं मजबूती दी जानी चाहिए।  

उन्होंने कहा कि विश्व में दुःख के कारण के विरूद्ध सभी को एकजुट होकर सामना करना आवश्यक है। यह दूसरों के अधिकार को पहचानने एवं उसको सम्मान देने से शुरू होती है।  

विवियानी ने कहा कि करुणा और दूसरों के कष्टों के प्रति संवेदनशील रहने से मानवता को इस बात का एहसास होगा कि व्यक्तिगत भलाई, सभी के कल्याण को बढ़ावा देकर ही हासिल की जा सकती है। महिलाओं की इसमें दोहरी जिम्मेदारी है क्योंकि वे जीवन देती हैं, इस प्रकार मानव बंधुत्व को लागू करने के लिए आवश्यक करुणा, पूरी दुनिया में फैल जाएगी।

हिन्दू दृष्टिकोण

इटली में हिन्दू संघ की उप-अध्यक्ष स्वामीनी हंसनन्दा गिरि ने इंटरनेट के माध्यम से सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने कहा कि दस्तावेज वार्ता का एक महान चिन्ह है जिसको कार्य रूप दिया जाना है ताकि यह शांति का साधन बन जाए। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में एकता और सच्चाई को आगे बढ़ाने के लिए यह महत्वपूर्ण है। जो लोग प्रेम में ईश्वर की खोज करते हैं वे धन्य हैं किन्तु इसे कार्य में भी प्रकट होना चाहिए। उन्होंने साहस, दया और महिलाओं के लिए सम्मान को हिन्दू धर्म के तीन महान मूल्य बतलाया जिसकी शुरूआत परिवार में होती है।  

दस्तावेज में दुनिया में विभाजनों का उल्लेख है जो महिलाओं से उनके विशिष्ट योगदान की मांग करता है। हिन्दू नेता ने हिन्दू धर्म की शिक्षा एवं महात्मा गांधी की याद करते हुए उपस्थिति प्रतिभागियों को याद दिलाया कि महिलाओं की पुरुषों से तुलना बदनामी का एक रूप है। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि उन चीजों को पहचाना जाए जो मानव प्राणी के रूप में हम सभी में समानता का बोध कराती है जो मनुष्यों के बीच शांति एवं एकता लायेगी।

यहूदी दृष्टिकोण

इताली यहूदी समुदायों के संघ की बोर्ड की सदस्य सब्रिना कोएन ने सभा के प्रतिभागियों को स्मरण दिलाया कि धर्म बहुधा विश्व में युद्ध का कारण रहा है। जो लोग अक्सर अंतर के संदर्भ में खुद को परिभाषित करते हैं,  उन्हें आज आवश्यक है कि वे एकता की खोज की अभिलाषा रखें। एक-दूसरे को बेहतर तरीके से जानने का अवसर, प्रज्ञा प्राप्त करने का एक तरीका है, जो कि यहूदी धर्म द्वारा अपनाया गया एक मूल्य है, साथ ही यह एक नई नैतिक चेतना भी है। उन्होंने कहा कि तोराह महिलाओं को पुरूषों के सहयोगी स्वरूप प्रस्तुत करता है जो उन्हें सांस्कृतिक परम्परा द्वारा निर्मित पूर्वाग्रह का सामना करने में मदद देता है ताकि वे एक साथ जीने के बेहतर तरीकों को अपना सकें। शांति, सद्भाव, उत्तम मूल्य हैं जिनकी मांग दस्तावेज कर रहा है जिसे हम महिलाएँ बढ़ावा दे सकती हैं।

ख्रीस्तीय एकता दृष्टिकोण

कलीसियाओं की विश्व परिषद के सचिव प्रोफेसर इसावेल एपाओने सभा को इंटरनेट के माध्यम से सम्बोधित किया। उन्होंने गौर किया कि मानव बंधुत्व पर दस्तावेज, सभी को ईश्वर के पुत्र-पुत्रियों के रूप में आम प्रतिष्ठा को पहचान प्रदान करता है।

अफ्रीकी ख्रीस्तीय महिला के रूप में प्रोफेसर फिरि ने स्वीकारा किया कि दस्तावेज उस सच्चाई की नवीकृत समझ देता है कि हम सभी एक ही मानव परिवार के सदस्य हैं। पारिवारिक भाषा का प्रयोग करते हुए हम ईश्वर के राज्य पर ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकते हैं। महिलाएँ शांति निर्माण एवं वार्ता के रास्ते पर महत्वपूर्ण हैं, खासकर, धरातलीय स्तर पर।  

प्रोफेसर फिरि ने अंतरधार्मिक वार्ता में महिलाओं की उपस्थिति को प्रोत्साहन देने हेतु संत पापा फ्राँसिस की सराहना की।

काथलिक दृष्टिकोण

डब्ल्यू यू सी डब्ल्यू ओ की अध्यक्ष डॉ. मरिया लिया जेरविना ने कहा कि कई महिलाएँ हैं जिन्होंने दुनिया के इतिहास में एवं धर्म के इतिहास में मुख्य भूमिका अदा की हैं।

मानव बंधुत्व पर दस्तावेज आज की महिलाओं को एक प्रेरणा प्रदान कर रही है कि समाज जिसमें हम रहते हैं उसको आकार देने में अपनी जिम्मेदारी का दावा करें। हमारी पहले की महिलाओं ने जिस ईश्वर के प्रति विश्वास प्रकट किया था, आज हमें प्रेरणा दे रहा है कि हम मानव की भ्रातृत्व को वास्तविकता में बदलें। निडर होकर कार्य करना, अपनी कोमलता एवं नारीत्व को खोये बिना अपनी पेशेवर तैयारी का प्रयोग करना, आज के विश्व में सामना की जा रही बुराइयों का जवाब देने का रास्ता है।     

विविधताओं का सम्मान करते हुए एक साथ कार्य करना, हमारी महिलाओं को मार्ग में नेतृत्व करने का अवसर प्रदान करता है।

सभी विश्वासियों से अपील

सभा का समापन अंतिम दस्तावेज पर छः महिलाओं के हस्ताक्षर द्वारा किया गया।

मानव बंधुत्व पर दस्तावेज का हवाला देते हुए वक्तव्य में घोषित किया गया है कि "हम इस दस्तावेज को मानवता के ममतामय आलिंगन एवं एक साथ हमारी यात्रा के शुरूवाती विन्दु के रूप में एक विशिष्ठ दस्तावेज के समान देखते हैं।"  

वक्तव्य मानव भाईचारे पर दस्तावेज़ में व्यक्त अधिकारों को संक्षेप में प्रस्तुत करता है। यह बताता है कि हस्ताक्षरकर्ता निम्नलिखित बातों के लिए सहमत हैंः दस्तावेज में व्यक्त मूल्यों को बढ़ावा देने, परिवार की रक्षा करने, "करुणामय प्रेम और साहसी विश्वास" को गले लगाने और हमारे जीवन एवं हमारी पृथ्वी के संरक्षक होने के लिए हमारी नारी क्षमता को अद्यतन करने के लिए।”

वक्तव्य के अंत में सभी विश्वासियों से अपील की गयी है कि वे इस सहमति में शामिल हों।

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04 March 2020, 17:05