धन्य लाजरूस जिन्हें देवसहायम कहा जाता है धन्य लाजरूस जिन्हें देवसहायम कहा जाता है 

भारतीय शहीद, देवसहायम को संत घोषणा की मंजूरी

संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार, 21 फरवरी को कार्डिनल अन्जेलो बेच्चू के नेतृत्व में परमधर्मपीठीय सन्त प्रकरण परिषद द्वारा सन्त एवं धन्य घोषणा के लिये प्रस्तावित आज्ञप्तियों को अनुमोदन दे दिया है। जिनमें भारत के 18वीं सदी के शहीद धन्य देवसहायम की संत घोषणा को भी मंजूरी मिल गयी है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 22 फरवरी 20 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस ने 2 धन्यों की संत घोषणा एवं 8 ईश सेवकों की धन्य घोषणा के प्रस्तावों को अनुमोदन दिया है। उनके नाम इस प्रकार हैं-

धन्य लाजरूस जिन्हें देवसहायम कहा जाता है। वे एक विवाहित लोकधर्मी थे। उन्होंने हिन्दू धर्म त्याग कर ख्रीस्तीय धर्म स्वीकारा था। काथलिक विश्वास के लिए घृणा के कारण वे 14 जनवरी 1752 को मार डाले गये थे। उनका जन्म 23 अप्रैल 1712 को कन्याकुमारी के नत्तालाम गाँव में हुआ था।     

धन्य येसु की मरिया फ्राँचेस्का, लुआनो की कैपुचिन तृतीयक धर्मबहनों की संस्थापिका। उनका जन्म इटली में 14 फरवरी 1844 को एवं निधन उर्गुवे में 6 अगस्त 1904 में हुआ था।

ईश सेवक कार्लो अकुतिस, एक लोकधर्मी थे। उनका जन्म 3 मई 1991 को लंदन में एवं निधन 12 अक्टूबर 2006 को इटली में हुआ।

ईश सेवक शहीद रूतिलियो ग्रंदे गर्चा, येसु समाजी पुरोहित थे, जिन्हें दो अन्य लोकधर्मियों के साथ 12 मार्च 1977 को विश्वास के कारण मार डाला गया था।  

ईश सेवक ईमिलियो भेनतुरिनी, धर्मप्रांतीय पुरोहित, दुःखों की माता मरियम के सेवक धर्मबहनों के संस्थापक थे। उनका जन्म इटनी में 9 जनवरी 1842 को और निधन 1 दिसम्बर 1905 को हुआ था।

ईश सेवक पिर्रो स्कावित्सी, धर्मप्रांतीय पुरोहित थे। जन्म इटली में 31 मार्च 1884 को एवं निधन 9 सितम्बर 1964 को हुआ था।

ईश सेवक ईमिलियो रेकिया, हमारे प्रभु येसु मसीह के पवित्र घाव के धर्मसंघी पुरोहित थे। उनका जन्म इटली में 19 फरवरी 1888 को एवं निधन 27 जून 1969 को हुआ था।  

ईश सेवक मरिया हिरियार्ट पुलिदो, एक लोकधर्मी थे। उनका जन्म चिली के संतियागो में 23 जुलाई 1931 को एवं निधन 15 जुलाई 1964 को अमरीका में हुआ था।

 

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22 February 2020, 16:30