वाटिकन में आध्यात्मिक साधना वाटिकन में आध्यात्मिक साधना 

वाटिकन के उपदेशक ने "ईश माता" शीर्षक पर किया चिन्तन

वाटिकन में परमधर्मपीठ के धर्माधिकारियों के लिये आगमनकालीन आध्यात्मिक साधना के अवसर पर प्रवचन करते हुए उपदेशक फादर रानियेरो कान्तालामेसा ने शुक्रवार को मरियम को प्रदत्त "ईश माता" शीर्षक पर चिन्तन किया।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 20 दिसम्बर 2019 (रेई, वाटिकन रेडियो):  वाटिकन में परमधर्मपीठ के धर्माधिकारियों के लिये आगमनकालीन आध्यात्मिक साधना के अवसर पर प्रवचन करते हुए उपदेशक फादर रानियेरो कान्तालामेसा ने शुक्रवार को मरियम को प्रदत्त "ईश माता" शीर्षक पर चिन्तन किया।

उन्होंने कहा कि लातीनी रीति की कलीसिया द्वारा मरियम के लिये प्रयुक्त, "देई जेनीट्रिक्स" अर्थात् ईश माता शीर्षक गर्भधारण के क्षण पर बल देता है, जबकि ग्रीक कलीसिया द्वारा प्रयुक्त शीर्षक "थेयोतोकोस" जीवन के दूसरे क्षण यानि जन्म देने के क्षण को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा, "पहला क्षण अर्थात् गर्भधारण पिता और माता में सामान्य है, जबकि दूसरा क्षण अर्थात् जन्म देना, केवल और, विशेष रूप से, माँ का ही अधिकार है।"  

विश्वास का सत्य  

फादर कान्तालामेसा ने कहा कि ईश माता ऐसा शीर्षक है जो एक महानतम रहस्यों में से एक को प्रकट करता है तथा मानवीय तर्कणा के अनुकूल, यह ख्रीस्तीय धर्म के सर्वाधिक महान विरोधाभासों में से एक है। उन्होंने कहा, "मरियम को दिया गया "ईश माता" शीर्षक एक प्राचीनतम एवं एक अति अधिक महत्वपूर्ण शीर्षक है, इसलिये कि सन् 431 ई. में सम्पन्न एफेसुस की महासभा में कलीसिया द्वारा इसे "विश्वास के सत्य" के सदृश परिभाषित किया गया था।"

मरियम के दैवीय मातृत्व

उन्होंने कहा कि "ईश माता" शीर्षक मरियम की महानता का मूलभूत आधार है। यह स्वयं मरियमशास्त्र का खास सिद्धान्त है। उन्होंने कहा, "इस धर्मसिद्धान्त की वजह से ही मरियम ख्रीस्तीय लोगों के लिये केवल भक्ति का लक्ष्य नहीं है, अपितु वह ईशशास्त्र और धर्मसिद्धान्त का भी विषय है और इसका अर्थ है कि मरियम ईश्वर पर चर्चा का अभिन्न अंग हैं, क्योंकि ईश्वर ख़ुदबख़ुद मरियम के दैवीय मातृत्व के साथ संलग्न हैं।       

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20 December 2019, 10:08