कार्डिनल माईकेल चरनी कार्डिनल माईकेल चरनी 

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मेरा परिवार, कार्डिनल चरनी

समग्र मानव विकास हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद के आप्रवासी एवं शरणार्थी विभाग के उपसचिव कार्डिनल माईकेल चरनी येसु समाजी ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपने परिवार का अनुभव साझा किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 7 दिसम्बर 2019 (रेई)˸ कार्डिनल माईकेल चरनी ने वाटिकन न्यूज की पत्रकार जोवन्ना ब्रोंकोवा को दिये एक साक्षात्कार में, चेकोस्लावाकिया में अपने परिवार की संकटपूर्ण स्थिति से अवगत कराते हुए, अपनी यहूदी पृष्टभूमि, अपने विश्वास, अपनी माँ का नाजी नजरबंद शिविर में डाला जाना, युद्ध और कनाडा पलायन की बातें बतलायीं। इन यादों के बीच कार्डिनल चरनी अपनी दादी की चित्रकारिता की भी याद करते हैं जिनमें से एक मिस्र से पलायन का चित्र भी है। उन्होंने इस तस्वीर से उनके कार्डिनल बनने के अवसर पर कार्ड तैयार कर वितरण किया।   

कार्डिनल चरनी ने बतलाया कि उनके माता-पिता युद्ध के समय में परिवार के अनुभवों को बहुत कम बोलते थे। इसके कई कारण हैं, ये यादें दुःखद हैं, अपने परिवार के इतिहास की गलत व्याख्याओं से बचना तथा वे कनाडा में नये जीवन की शुरूआत करना चाहते थे।  

प्रश्न ˸ द्वितीय विश्व युद्ध में आपके माता-पिता ने क्या अनुभव किया और वे उससे किस तरह प्रभावित हुए?

कार्डिनल चरनी ˸ मेरे माता-पिता मोरविया में रहते थे। मेरी माँ विनीफ्रेड हयेक चरनी को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कुल 20 महीनों के लिए जेल और नजरबंद शिविर में रहना पड़ा था। उन्हें भी खेत में मजदूर की तरह काम करना पड़ा था। वे यद्यपि रोमन काथलिक माता-पिता से जन्मी थीं, उनके दादा-दादी यहूदी माता पिता से जन्में थे अतः उन्हें नाजी अधिकारियों द्वारा यहूदी गिना गया। जिन्होंने मार्च 1939 से बोहेमिया और मोराविया के तथाकथित रक्षा क्षेत्र पर शासन किया।

मेरे पिताजी एगोन चरनी रोमन काथलिक थे और किसी यहूदी वंश से नहीं आते थे अतः वे नजरबंद शिविर से बच गये किन्तु उन्हें पोस्टोलोप्रेटे स्थित शिविर में जबरन मजदूर के रूप में, युद्ध के दिनों आठ महीनों तक रखा गया, क्योंकि उन्होंने मेरी माँ को तलाक देने से इन्कार किया था जब वे तेरेजिन शिविर में थीं।

प्रश्न˸ आपकी माता को क्यों जेल में एवं नजरबंद शिविर में डाला गया?

कार्डिनल चरनी˸ नाजी अधिकारियों ने आदेश दिया था कि प्रत्येक व्यक्ति जो एक यहूदी के रूप में पहचाना जाएगा वह अपनी सारी सम्पति उन्हें सौंप दे। ऐसा पाया गया कि मेरी माता ने कुछ पारिवारिक आभूषण को अपने पास रखा था। उनकी जाँच की गयी और उसपर चोरी का इल्जाम लगा, अतः उन्हें सजा के रूप में एक साल के लिए लेइपजिंग के महिला कैदखाने में डाल दिया गया।

प्रश्न ˸ एक बलिदान (होलोकॉस्ट) से बचे व्यक्ति के रूप में आपकी माँ का क्या मनोभाव है?

कार्डिनल चरनी˸ मेरी माँ अपने आपको इन शब्दों में कल्पना नहीं कीं, क्योंकि बलिदान या होलोकॉस्ट यहूदी समुदाय के लिए था जबकि उसकी पहचान एक काथलिक के रूप में थी। उसे लगता था कि वह जानलेवा पागलपन के शासन द्वारा भाग्य से बच गयी जिसके लिए अत्याचार का कोई वैध आधार नहीं था जो किसी को भी उनकी पृष्ठभूमि के लिए सजा देती थी।

मेरी माँ अप्रैल 1995 में तेरेजिन लौटी थी और संग्राहलय की अतिथि डायरी में लिखी थी, "मैं बच गयी।" वह निश्चय ही राक्षसी बुराई से बच गयी थी जो मानव प्राणी की जान लेती थी। हरेक व्यक्ति अद्वितीय है किन्तु उन्हें गुमनाम बनाया गया, पहले उनकी संख्या को जबरदस्ती कम किया गया और फिर गैस अथवा आग से उन्हें राख और धूल में बदल दिया गया। अपनी कला कौशल में, मेरी माँ ने उस बुराई को उलट दिया। धूल अथवा मिट्टी से उन्होंने कई मानव मूर्ति बनाये जो लम्बे समय तक बने रहेंगे,  खासकर, जो व्यंग्यात्मक रूप से भट्ठी में तपाये गये हैं। हमारे परिवार ने तेरेजिन संग्राहालय को तीन मूर्तियां दान की है जिसमें मैं भी शामिल हूँ।

प्रश्न ˸ आपने मिस्र में पलायन को आपकी दादी अन्ना हायेक की चित्रकारी में पुनः देखा है, कृपया हमें उसके बारे बतलायें?

कार्डिनल चरनी ˸ एक पत्नी और तीन बच्चों की माँ के रूप में, अन्ना लोव हायेक एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी और शौकिया कलाकार थीं। उसकी बची हुई कलात्मक चित्रकारियों में दो दर्जन वॉटरकलर और पेंसिल स्केच के पृष्ठ शामिल हैं, साथ ही साथ स्थानीय शैली में ग्लास पर "मिस्र में पलायन" की पेंटिंग है जिसको मैंने मेरे कार्ड के लिए चुना है।

उनका जन्म 1893 में हुआ था। वे अपने पति हन्स के साथ जन्म से ही रोमन काथलिक थे किन्तु पूर्वजों के कारण यहूदी गिने गये। अपने पति और दो बेटों कार्ल रॉबर्ट और जॉर्ज के साथ, उन्हें 1942 या 1943 में टेरेज़िन नजरबंद शिविर में ले जाया गया। युद्ध समाप्त होने के कुछ सप्ताह बाद वह ऑशविच नजरबंद शिविर में मौत की शिकार हो गयी, जबकि बाकी तीन पहले ही मर चुके थे।

कार्डिनल बनाये जाते हुए कार्डिनल चरनी
कार्डिनल बनाये जाते हुए कार्डिनल चरनी

प्रश्न ˸ आपका परिवार किस तरह कनाडा पलायन किया

कार्डिनल चरनी ˸ मेरा जन्म ब्रनो में जुलाई 1946 में और मेरे भाई रोबर्ट का जन्म मई 1948 में हुआ था। उसी साल हमने पलायन किया। हमें कई चुनौतियों को पार करना तथा एक स्थान पाना था। मेरे माता-पिता ने खूब पूछताछ की। उन्हें मालूम हुआ कि कनाडा प्रवेश करने दे सकता है यदि वहाँ कोई मदद करने वाला हो। पहले हमारा एक रिश्तेदार मदद करने के लिए तैयार हुआ किन्तु बाद में इन्कार कर दिया। उसके बाद एक व्यापारी ने मदद करने के लिए हाँ कहा किन्तु फैक्टरी जलने के बाद उसने भी अपना मन बदल दिया।  

अंततः मेरे माता-पिता के एक सहपाठी ने मदद दी। वह खुद कुछ सालों पहले अपनी पत्नी और बेटे के साथ पलायन किया था। कनाडा में प्रवेश करने के लिए मदद करने की शर्त थी एक साथ तक उनकी मदद करने के खर्च की जोखिम उठाना, यदि उन्हें कोई काम न मिले। फिर भी इस परिवार ने मदद दी, हमारा स्वागत किया और हमारा मार्गदर्शन किया।

कनाडा में हमारा परिवार फ्रेच भाषी पड़ोसियों के साथ दो वर्षों तक रहा उसके बाद मोनट्रेयल चला गया और अंततः 1950 में अंग्रेजी भाषी पड़ोसियों के साथ रहा। इस तरह चेक बोलने के बाद, मैं फ्रेंच और अंग्रेजी भी बोलना सीख गया जो अभी मेरी प्रथम भाषा है।

प्रश्न ˸ क्या बाद में चेकोस्लावाकिया के साथ आपका कुछ संबंध रहा?

कार्डिनल चरनी ˸ एक युवा के रूप में मैं 15 अक्टूबर 1987 से 15 जनवरी 1988 तक चेकोस्लावाकिया लौटा था। मैं अपनी जन्म भूमि को देखना और साम्यवादी शासन में जीवन का अनुभव करना चाहता था। ब्रनो में मैंने जेसविट प्रोविंशल फादर जन पावलिक से कई बार मिला जो अपनी माता के घर में रहता था और उसका कार्यालय भी वहीं था।  

वहाँ से लौटने के बाद अप्रैल 1989 में मैं फादर पावलिक एवं स्लोवाकिया के प्रोविंशल फादर अंद्रेज ओस्वल्ड से वाजेक में मिला जहाँ वे पल्ली पुरोहित थे। इन सभी मुलाकातों में मैं उनके साहस एवं विश्वास से बहुत प्रभावित हुआ जिन्होंने साम्यवादी शासन के समय कलीसिया के जीवन एवं ख्रीस्तीय विश्वास की ज्वाला को प्रज्वलित रखा। इस तरह किसी ने अनुमान नहीं लगाया था कि केवल कुछ महीने दूर रहने के दरमियान मुझमें एक बड़ा परिवर्तन होगा।

प्रश्न ˸ कृपया आपके कॉर्ट ऑफ आर्म की व्याख्या करें?

कार्डिनल चरनी ˸ जनवरी 2017 में मैं विस्थापित एवं शरणार्थी विभाग का उपसचिव नियुक्त किया गया। इस मिशन एवं अपने जीवन को प्रतिबिम्बित करने के मेरे कॉर्ट ऑफ आर्म में एक नाव पर चार व्यक्ति सवार हैं जो मेरे परिवार, आप्रवासी एवं अन्य लोगों का प्रतीक है। वास्तव में मेरा परिवार भी 1948 में नाव से ही कनाडा पहुँचा था अतः नाव के नीचे का जल मुझे अटलांटिक महासागर की याद दिलाती है। नाव परम्परागत रूप से कलीसिया का भी प्रतीक है। नाव बहिष्कृत, वंचित और भूला दिये गये लोगों के प्रति करूणा के कार्य की भी याद दिलाती है। नाव के ऊपर सूरज येसु समाज का प्रतीक चिन्ह है। हरी पृष्टभूमि संत पापा फ्राँसिस के प्रेरितिक विश्व पत्र की याद दिलाती है जो हमारे आमघर की देखभाल का आह्वान करते हैं।

कॉ्ट ऑफ आर्म
कॉ्ट ऑफ आर्म

प्रश्न ˸ आपका मोटो?

कार्डिनल चरनी ˸ मेरा मोटो है "स्वीकार करो" (सुशीपे) जो आध्यात्मिक साधना के अंतिम चिंतन में संत इग्नासियुस की प्रार्थना का पहला शब्द है। इसके द्वारा मैं एक कार्डिनल के रूप में अपने आपको पूरी तरह ईश्वर को सौंपना चाहता हूँ।

प्रश्न ˸ आपने को जो क्रूस धारण किया है उसके बारे बतलाइये?

कार्डिनल चरनी ˸ मेरे क्रूस को इटली के एक शिल्पकार दोमेनिको पेलेग्रीनो ने बनाया है। उसने नाव के अवशेष से एक टुकड़े को लिया है जिसमें आप्रवासियों ने इटली के लम्पेदूसा द्वीप पहुँचने के लिए भूमध्यसागर पर यात्रा की थी।   

यह क्रूस लकड़ी का है जो दुनिया के पाप हरने के लिए, ईश्वर के पुत्र येसु द्वारा क्रूसित होने को दर्शाता है। कील येसु को क्रूस पर ठोके जाने की याद दिलाती है। लकड़ी मेरे निर्धनता के व्रत का प्रतीक है और विनम्रता पूर्वक कलीसिया की सेवा करने को प्रदर्शित करता है। लकड़ी यह भी दर्शाती है कि मेरे परिवार ने सुरक्षित पलायन की थी।

लाल रंग घाव, पीड़ा एवं क्रूसित किये जाने पर रक्त का प्रतीक है जो दुनिया में दया और न्याय की कमी से आती है। ऊपर का हल्का रंग प्रभु और मुक्तिदाता के पुनरूत्थान का प्रतीक है यह अनन्त जीवन का प्रतीक है जिसको देने के लिए वे बुलाये गये हैं।

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07 December 2019, 16:50