मानव विरोधी सुरंग निकालता एक स्वयंसेवक मानव विरोधी सुरंग निकालता एक स्वयंसेवक 

मानव विरोधी सुरंग सम्विदा जीवन की संस्कृति की विजय

ओस्लो में मानव विरोधी सुरंगों पर सम्पन्न सम्विदा के पुनरावलोकन हेतु विगत माह आयोजित चौथे सम्मेलन को एक सन्देश प्रेषित कर सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि उक्त सम्विदा जीवन की संस्कृति की विजय है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

ओस्लो, शुक्रवार, 13 दिसम्बर 2019 (रेई, वाटिकन रेडियो): ओस्लो में मानव विरोधी सुरंगों पर सम्पन्न सम्विदा के पुनरावलोकन हेतु विगत माह आयोजित चौथे सम्मेलन को एक सन्देश प्रेषित कर सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि उक्त सम्विदा जीवन की संस्कृति की विजय है।

भय एवं मृत्यु पर शांति की विजय

सन्त पापा ने कहा कि सम्विदा पर बाईस वर्षों पूर्व ओस्लो सम्मेलन में इस सम्विदा पर हस्ताक्षर किये गये थे किन्तु जब से अब तक यह शांति का महत्वपूर्ण अस्त्र अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को एक परिवार रूप में एकत्रित करने में एक उत्प्रेरक सिद्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि मानव विरोधी सुरंगों पर सम्पन्न सम्विदा इसलिये भी सफल रही है क्योंकि यह राजनीतिक, आर्थिक या वैचारिक हितों द्वारा निर्देशित नहीं थी, अपितु मानव व्यक्ति एवं मानव जीवन के प्रति हमारी चिन्ताओं एवं साझा ज़िम्मेदारी के कारण यह नैतिक अनिवार्यता से ओत्-प्रोत् रही है।

सन्त पापा ने कहा, "मानव विरोधी सुरंगों से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित लोगों के लिये ओस्लो सम्विदा जीवन की संस्कृति की विजय तथा भय एवं मृत्यु पर शांति की विजय का संकेत है।"   

सन्त पापा ने कहा, "प्रत्येक मानव व्यक्ति शांति की तलाश में रहता है जो कि भय के विरुद्ध है। संघर्ष, लोगों और राष्ट्रों के बीच व्याप्त बन्धनों को तोड़ देता है तथा निर्दोष नागरिकों को अपना शिकार बनता है। विशेष रूप से, मानव विरोधी सुरंगें जीवन और जीने के साधनों को नष्ट करती तथा बच्चों सहित कई लोगों को आजीवन विकंलाग बना देती है। ये सुरंगें लोगों के बीच पुनर्मिलन, शांति और अखण्ड विकास को अवरुद्ध करती हैं।"

सम्विदा का लक्ष्य

2025 तक विश्व को मानवविरोधी सुरंगों से स्वतंत्र करने के लक्ष्य के सन्दर्भ में सन्त पापा ने स्मरण दिलाया कि अभी भी विश्व के कई क्षेत्रों में अनेकानेक लोग मानव विरोधी सुरंगों के शिकार हो रहे हैं तथा हज़ारों एकड़ भूमि पर ये सुरंगें बिछी हुई है जो जन-जीवन को अवरुद्ध कर रही हैं तथा लोगों एवं समुदायों की रोज़मर्रा की जिन्दगी को तहस-नहस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्रातिशीघ्र सभी भूमि क्षेत्रों को इन सुरंगों से स्वतंत्र करना, सुरंगों से घायल हुए लोगों के पुनर्वास को सुनिश्चित करना तथा इन जीवन विरोधी हथियारों के उत्पादन पर पूर्णतः रोक लगाने को प्राथमिकता दिया जाना एकात्मता एवं शांति के लिये नितान्त आवश्यक है।   

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

13 December 2019, 11:57