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कार्डिनल परोलीन कार्डिनल परोलीन 

यूख्रारिस्त प्रेम का स्रोत, कार्डिनल परोलीन

70वीं राष्ट्रीय धर्मविधि सप्ताह के अवसर पर वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो परोलीन ने संत पापा की ओर से लोकधर्मियों के नाम एक पत्र प्रेषित कर धर्मविधि के अर्थ, उसकी भाषा, संकेतों, कला, संगीत और मौन रहने की गहराई को समझने का आहृवान किया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 26 अगस्त 2019 (रेई) वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो परोलीन ने 70वीं राष्ट्रीय धर्मविधि सप्ताह के अवसर पर धर्मविधि के मर्म की ओर लोकधर्मियों का ध्यान आकृषित कराया।

उन्होंने कहा “धर्मविधि की संरचना” हमें ईश्वर की ओर उन्मुख करते हुए अपने भाई-बहनों को येसु ख्रीस्त की तरह प्रेम करने में मदद करती है जहाँ हमारा मिलन येसु ख्रीस्त और दूसरों के साथ होता है। धर्मविधि में येसु के साथ हमारा मिलन हमें दूसरे के साथ अपने जीवन को साझा करने में में मदद करता है।

इस वर्ष धर्मविधि के संबंध में चिंतन की विषयवस्तु “धर्मविधिः बपतिस्मा की पवित्रता में हमारा बुलावा” निर्धारित की गई है। विदित हो कि इस अवसर पर हर साल हजारों की संख्या में लोग इटली धर्मप्रांत में सहभागी होते हैं।

कास्तेल्लानेता के धर्माध्यक्ष और धर्मविधि के कार्यक्रमों के अध्यक्ष मन्यावर क्लॉडियो मनियागो को संबोधित पत्र में कार्डिनल परोलीन ने कहा, “हम ख्रीस्तीय समुदाय को कलीसिया की प्रार्थना में पूर्णरूपेण सम्मिलत करें”, हम उन्हें धर्मविधि के अर्थ और धर्मविधि के सार को जानने में सहायता करें। उन्होंने कहा, “धर्मविधि अपने में तब सच्ची होगी जब उसमें सहभागी होने वाले विश्वासीगण अपने को इससे परिवर्तित होता हुए अनुभव करेंगे।” यह तब होगा जब पुरोहित और लोकधर्मी इसके अर्थ, इसकी भाषा, संकेतों, गीत औऱ संगीत तथा मौन रहने की स्थिति को और अधिक गरहाई से समझे पायेंगे।

पवित्रता और धर्मविधि

कार्डिनल परोलीन ने धर्मविधि के संबंध में वाटिकन द्वितीय महासभा का हवाला देते हुए पवित्रता और धर्मविधि के बीच एक वृहृद संबंध की चर्चा करते हुए कहा कि यह सैक्रोसंतुम कॉन्सिलियुम के संदर्भ में, पवित्र मुकुट पर संक्षिप्त संविधान है। धर्मसभा के धर्माध्यक्ष इस संबंध में इस बात पर बल देते हैं कि “यह पवित्रता का समरोह है जो इसमें सहभागी होने वालों को पवित्र करता है”।  संत पापा फ्रांसिस ने इस बात पर बल देते हुए कहा है, “धर्मविधि पूरी कलीसिया के लोगों का जीवन है”। “धर्मविधि में ईश्वर की पवित्रता को हम”  वास्तव में,  उनकी दया, अतुल्य प्रेम को मुफ्त में प्राप्त करते हैं जो हमारे जीवन को जीने में मदद करती है। संत पापा इस भांति अपनी उम्मीद जाहिर करते हैं कि धर्मविधि का यह सप्ताह हमें “ईश्वरीय पवित्रता की ओर उन्मुख करेगा।”

धर्मविधि परिवर्तन का स्रोत

धर्मविधि में पवित्र आत्मा हमारे दिव्य जीवन का अंग बनाते हैं जिसके फलस्वरुप हम “प्रेम के योग्य बनते” जैसे की येसु ने अपने जीवन को हमारे लिए समर्पित कर दिया। धर्मविधि, वास्तव में, “हमें येसु ख्रीस्त के मनोभाव से पोषित करती है जो हममें परिवर्तन लाते हैं”। यह नम्रता और प्रेम में हमारे “मैं” के मनोभाव को “हम” में परिवर्तित करती जहाँ हम एक सच्चे समुदाय का अंग बनाते हैं। 

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26 August 2019, 17:04