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वाटिकन के संत अन्ना पल्ली में ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा वाटिकन के संत अन्ना पल्ली में ख्रीस्तयाग अर्पित करते संत पापा 

संत अन्ना और संत ज्वाकिम के जीवन की झलक कुँवारी मरियम में

जिस तरह परिवार मरियम की शिक्षा-दीक्षा और विकास के लिए एक आधारभूत आवश्यकता थी, उसी तरह सभी माता-पिताओं का अपने बच्चों के प्रति बड़ा मिशन और जिम्मेदारी है। उक्त बात वाटिकन सिटी के विकर जेनेरल कार्डिनल अंजेलो कोमस्त्री ने वाटिकन सिटी की पल्ली संत अन्ना में 26 जुलाई को, संत ज्वाकिम एवं संत अन्ना के पर्व दिवस पर ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुई कही।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन में एक ही पल्ली है जिसे संत अन्ना को समर्पित किया गया है। संत अन्ना और संत ज्वाकिम कुँवारी मरियम के माता-पिता एवं येसु के नाना-नानी थे।

  

मरियम के माता-पिता का महत्व

प्रवचन में कार्डिनल ने गौर किया कि सुसमाचार कुँवारी मरियम के माता-पिता संत अन्ना और संत ज्वाकिम के बारे बहुत कम बतलाता है। कुँवारी मरियम के जीवन के बारे बोलते समय उनके बारे कोई जिक्र नहीं किया गया है। फिर भी, उनकी पुत्री को देखकर हम उनके कार्यों को समझ सकते हैं। जब गाब्रिएल महादूत ने मरियम को संदेश दिया तब उसने बेहिचक "हाँ" कहा यह तत्परता उसने जरूर अपने माता-पिता से सीखा था। हम मरियम की अपनी कुटुम्बनी एलिजाबेथ से मुलाकात में भी उनके माता-पिता के पड़ोसियों के प्रति प्रेम एवं सेवा के लिए तत्परता को देख सकते हैं। गाब्रिएल दूत के संदेश के बाद मरियम चुप बैठी नहीं रही वह तुरन्त एलिजाबेथ की सेवा के लिए चल पड़ी। वह हमेशा दूसरों की सेवा के लिए तैयार रहती थी।

संत अन्ना और संत ज्वाकिम
संत अन्ना और संत ज्वाकिम

संत अन्ना और संत ज्वाकिम के जीवन की झलक हम काना के विवाह भोज में भी पाते हैं जहाँ मरियम ने महसूस किया कि वहाँ दाखरस की कमी हो गयी थी और उन्होंने पूर्ण विश्वास के साथ अपने पुत्र से आग्रह किया था।  

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27 July 2019, 14:30