"हमें संत पापा के साथ एकजुट होना चाहिए," कार्डिनल परोलिन
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शनिवार 15 जून 2019 (रेई) : वाटिकन में चार दिनों से चल रहे परमधर्मपीठ के प्रतिनिधियों का सम्मेलन आज समाप्त हो रहा है। इस अवसर पर वाटिकन न्यूज के मुख्य संपादक अंद्रेया तोरनेल्ली ने वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो परोलिन का साक्षात्कार कर प्रेरितिक राजदूतों के साथ संत पापा की मुलाकात पर उनके आकलन के बारे में पूछा।
सकारात्मक संतुलन
कार्डिनल पियेत्रो परोलिन ने कहा कि उनकी बैठक एक "सकारात्मक संतुलन", "सादगी" और "भाईचारे" की भावना में संपन्न हुई। इन बैठकों का अपने आप में एक महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि भले ही वे एक दूसरो से बहुत दूर रहते हों पर कलीसिया और विशेष रूप से संत पापा के लिए एक ही उद्देश्य के साथ और एक समान भावना और समान वास्तविकता की सेवा में हैं और फिर इन दिनों में विभिन्न मुद्दों पर किये गये विभिन्न बैठकों के बाद प्रतिभागियों में रुचि और जागरुकता स्पष्ट देखने को मिली। बहुतों को चर्चा के समय अपने विचारों को प्रकट करने का अवसर मिला। उसके बाद अर्जेंटीना के प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोन कलेंगा की मृत्यु भी अनेकों की भागीदारी का क्षण था, जिसने सभी को अंतिम संस्कार की पूजन विधि के दौरान संत पापा के साथ प्रार्थना में एकजुट किया।
संत पापा के संदेश का स्वागत
तोरनेल्ली ने संत पापा द्वारा प्रेरितिक राजदूतों को दिये गये संदेश के बारे में उनके विचार पूछते हुए कहा कि मीडिया ने तो उनके कुछ सिफारिशों पर प्रकाश डाला है और निंदा को रेखांकित किया है
"मैंने देखा कि संत पापा के संदेश का स्वागत किया गया और यह भी काफी स्पष्ट था। मीडिया हमेशा इस बात की अगुवाई करने के लिए प्रेरित होता है कि संत पापा या कलीसिया के अन्य सदस्यों का हस्तक्षेप क्या दुःख पहुचाने के लिए रहा है। व्यक्तिगत रूप से, मुझे विश्वास नहीं होता कि हम केवल इन पहलुओं को समझने के लिए खुद को सीमित करें। अपने परिचय अभिवादन में मैंने संत पापा से "सुधार" की बात की थी। मैंने कहा था: हम हर प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए खुले हैं और हर सुधार को भी पूरा कर सकते हैं जो वास्तव में हमारी सेवा को बेहतर बना सकता है, क्योंकि हम संत पापा, कलीसिया और सभी लोगों के लिए अधिक से अधिक सेवा प्रदान करना चाहते हैं। इसलिए संत पापा के भाषण के संदर्भों को भी इस सकारात्मक संदर्भ में पढ़ा जाना चाहिए। मुझे ऐसा लगता है कि वे प्रतिभागियों द्वारा स्वीकार किए गए हैं।
बंद दरवाजों के अंदर की बैठक
बंद दरवाजे के अंदर संत पापा और प्रेरितिक राजदूतों के बीच हुए वार्ता के बारे पूछे जाने पर कार्डिनल परोलिन ने कहा, “यह एक बहुत ही खुला और स्पष्ट संवाद था, जिसके दौरान, बड़ी सादगी और बहुत ही भाईचारे की भावना से कुछ विषयों को प्रस्तुत किया गया, लेकिन मैं विषयों का जिक्र नहीं करना चाहूंगा, यह बंद दरवाजों के पीछे की बैठक का सवाल है। निश्चित रूप से राजदूतों ने संत पापा द्वारा दिए गए जवाबों की सराहना की, क्योंकि वे उनके बारे में बहुत खुलकर और खुलेपन से बात करके नाजुक मुद्दों में प्रवेश करने से डरते नहीं थे।”
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