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पान-अमेरिकन जजों का शिखर सम्मेलन पान-अमेरिकन जजों का शिखर सम्मेलन  

पान-अमेरिकन जजों के शिखर सम्मेलन का बयान

सामाजिक अधिकारों और फ्रांसिस्कन सिद्धांत पर पहले पैन-अमेरिकी न्यायाधीशों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने वालो ने अपने बयानों पर हस्ताक्षर कर घोषित किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 5 जून 2019 (रेई) :  वाटिकन के संत पापा पियो चतुर्थ सभागार में 3 और 4 जून, दो दिवसीय सामाजिक अधिकारों और फ्रांसिस्कन सिद्धांत पर पहले पान-अमेरिकी न्यायाधीशों का शिखर सम्मेलन सम्पन्न हुआ। इसका आयोजन “पोंटिफिकल एकाडमी ऑफ सोशल साइंसेज” दवारा की गई थी। सम्मेलन के अंत में प्रतिभागी न्यायधीशों ने अपने बयान घोषित किया।

बयान निम्नलिखित हैः

हम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नियामक प्रणालियों के ह्रास और विशेष रूप से आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों के सार्वभौमिक अभ्यास में पतन के बारे में चिंतित हैं।

हम सामाजिक दोहरेपन की एक स्पष्ट वैश्विक प्रक्रिया का निरीक्षण करते हैं जो संरचनात्मक अन्याय और हिंसा को रोकती है। एक अभूतपूर्व तरीके से, कुछ लोग दुनिया के धन को जमा कर रहे हैं और लाखों लोगों की भलाई और गरिमा को कम कर रहे हैं।

साथ ही, हमने गौर किया कि वर्तमान वैश्विक आर्थिक प्रणाली पर्यावरण को स्थिर रखने के लिए बहुत कम या कुछ भी नहीं करती है।

संत पापा फ्राँसिस की शिक्षाएं और उदाहरण हमें खुद से सवाल करने हेतु प्रेरित करते हैं और हमारी व्यक्तिगत धार्मिक मान्यताओं के बावजूद, हमें अपने न्यायिक मिशन के दृष्टिकोण के तरीकों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

मानवता की वर्तमान स्थिति हमें न्यायिक रूप से मानव अधिकारों की पूर्ति, एक दृढ़ और साहसी रुख की निगरानी की बड़ी जिम्मेदारी सौंपती है,  तथा व्यवहारिक रुप से, उन कार्यों को सीमित करती है जो मानवता और हमारी पृथवी के लिए विनाशकारी और अपमानजनक है।

हम राष्ट्रों के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों की बिना शर्त प्रभावशीलता को स्वीकारते और सख्त अनुपालन के उद्देश्यों के लिए न्यायसंगत और निष्पक्ष संचालन प्राप्त करने हेतु उनकी बजटीय नीतियों को संशोधित करना आवश्यक मानते हैं।

हम संयुक्त राष्ट्र स्थायी विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी देशों का आह्वान करते हैं, जो हमारी पीढ़ी की विशिष्ट और समयबद्ध प्रतिबद्धताएं हैं और मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा एवं मानव अधिकारों के समझौतों को पूरा करती हैं।

हम सभी देशों से पेरिस जलवायु समझौते के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने की मांग करते हैं, जो मानव अस्तित्व और विशेष रूप से गरीबों और आने वाली पीढ़ियों की भलाई के लिए महत्वपूर्ण है।

हम समझते हैं कि जबतक हमारी राजनीतिक और सामाजिक प्रक्रियाएं लोगों को निराश करती और पर्यावरण को नष्ट करने का प्रयास करती है तबतक शांति और लोकतंत्र में रहना असंभव है।

हम राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्यों में मानवाधिकारों को सीमित करने, न्यायिक कार्यों को अस्वीकार करने और लोकतंत्र को नष्ट करने के लिए न्यायपालिका के शोषण के किसी भी प्रयास के खिलाफ चेतावनी देते हैं।

हम इस बात पर जोर देते हैं कि जब संचार प्रणाली सार्वजनिक अधिकारों के हनन के लिए सार्वजनिक शक्तियों पर दबाव डालने पर केंद्रित होती हैं, तो वे अपने अधिकारों को खो देते हैं और सार्वजनिक शक्तियों को संदिग्ध वैधता के मीडिया संचालन के साथ बदलकर संस्थानों को खतरे में डालते हैं।

ग्रहों के संकट के इस संदर्भ में, हम अमेरिका के अपने साथी न्यायाधीशों से अपील करते हैं कि वे समन्वय के प्रयासों, रणनीतियों की रूपरेखा तैयार करने और दैनिक आधार पर मानवीय गरिमा, वैश्विक शांति और सभी आयामों में मानवाधिकारों की प्राप्ति के लिए हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करें और यही वर्तमान समय की मांग है।

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05 June 2019, 16:54