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कार्डिनल एलियो स्ग्रेच्चा कार्डिनल एलियो स्ग्रेच्चा  

कार्डिनल एलियो स्ग्रेच्चा अब नहीं रहे

जीवन के लिए परमधर्मपीठीय परिषद के सेवानिवृत कार्डिनल एलियो स्ग्रेच्चा का आज, 5 जून को निधन हो गया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 5 जून 2019 (रेई) : वाटिकन प्रेस कार्यालय ने सूचित किया कि हाल के दिनों में, जमेली पॉलीक्लिनिक में भर्ती होने के बाद, कार्डिनल एलियो ने रोम, अपने निवास वापस लौटने की इच्छा व्यक्त की थी। पॉलीक्लिनिक के डाक्टरों ने उन्हें लौटने की अनुमति दे दी थी और बुधवार 5 जून 2019 को 12.15 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली और इस यात्रा को समाप्त कर प्रभु में लीन हो गये।

उनकी मृत्यु से कार्डिनल मंडल की संख्या 220 हो गई जिनमें से 120 कार्डिनल मतदान देने में सक्षम हैं और 100 कार्डिनल मतदाता नहीं हैं।

कार्डिनल एलियो स्ग्रेच्चा का जन्म 6 जून 1928 को इटली के आर्चेविया स्थित निदास्तोरे में हुआ था।

द्वितीय विश्व युद्ध के अंत तक सेमिनरी में प्रवेश हेतु इंतजार करने के लिए मजबूर हुए। 29 जून 1952 को उनका पुरोहिताभिषेक हुआ। उन्होंने पुरोहित के रुप में पहली बार काथलिक एक्शन युवा समूहों के निदेशक और सेमिनरी के उप-रेक्टर के रूप में कार्य किया।

1972 में धर्माध्यक्षों के निर्णय पर पवित्र हृदय के रोमन विश्वविद्यालय में चिकित्सा के संकाय में आध्यात्मिक सलाहकार के रूप में अपनी सेवा दी। वे नैतिकता और चिकित्सा के क्षेत्र में कॉलेज समुदाय के लिए संदर्भ का एक बिंदु बन गये थे। उन्होंने दवा और शल्य-चिकित्सा के संकाय में बायोएथिक्स संस्थान के निदेशक के रूप में सेवा दी। 1990 से 2006 तक वे इतालवी नेशनल बायोएथिक्स समिति के सदस्य थे।

5 नवंबर 1992 को उन्हें ज़ामा माइनर के धर्माध्यक्ष और परिवार के लिए बनी परमधर्मपीठीय सम्मेलन के सचिव नियुक्त किया गया। उन्हें 6 जनवरी 1993 को उनका धर्मध्यक्षीय अभिषेक हुआ।

1 जून 1994 को उन्हें जीवन के लिए परमधर्मपीठीय संगठन के उपाध्यक्ष के रूप में स्थानांतरित कर दिया गया और 3 जनवरी 2005 से 17 जून 2008 तक उन्होंने अध्यक्ष का पद संभाला।

20 नवंबर 2010 को संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें  द्वारा कार्डिनल घोषित किया गये।

वे "मैनुअल दी बायोटिका" के लेखक हैं । स्वास्थ्य प्रेरितिक देखभाल, नैतिक चिकित्सा और परिवार पर उनकी कई लेख प्रकाशित हुई हैं।

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05 June 2019, 17:10