स्पेन में धर्मों पर सम्मेलन, 2018 स्पेन में धर्मों पर सम्मेलन, 2018 

मानवजाति के विकास के प्रमुख खिलाड़ी हैं धर्म, कार्डिनल टर्कसन

वाटिकन के वरिष्ठ कार्डिनल पीटर टर्कसन ने कहा है कि धारणीय विकास हेतु धर्मों की भूमिका अहं है। अखण्ड मानव विकास सम्बन्धी परमधर्मपीठीय परिषद तथा अन्तरधार्मिक सम्वाद सम्बन्धी परमधर्मपीठीय परिषद के तत्वाधान में सम्मेलन का आयोजन किया गया है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 8 मार्च 2019 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन के वरिष्ठ कार्डिनल पीटर कर्कसन ने कहा है कि धारणीय विकास हेतु धर्मों की भूमिका अहम है. अखण्ड मानव विकास सम्बन्धी परमधर्मपीठीय परिषद तथा अन्तरधार्मिक सम्वाद सम्बन्धी परमधर्मपीठीय परिषद के तत्वाधान में सम्मेलन का आयोजन किया गया है.

धर्म और धारणीय विकास

वाटिकन में 07 से 09 मार्च तक धर्मों एवं धारणीय विकास पर आयोजित अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन में उपस्थित विश्व के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए अखण्ड मानव विकास सम्बन्धी परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल टर्कसन ने कहा “यह सम्मेलन विभिन्न धर्मों के बीच वार्ताओं को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है ताकि धारणीय विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु धर्मों की विशाल भूमिका को मान्यता प्रदान की जा सके. साथ ही, सभी धर्म अपने समुदायों के भीतर व्याप्त नैतिक और प्रेरक शक्ति से, लक्ष्यों के कार्यान्वयन के लिए कृतसंकल्प हो सकें."

उन्होंने कहा, "मानवजाति के विकास में धर्मों की भूमिका महान है. धर्मों ने सम्पूर्ण विश्व में शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर बहुत अधिक निवेश किया है और प्राकृतिक आपदाओं के मौकों पर धर्म ही राहत सेवाओं के प्रथम उत्तरदाता हुआ करते हैं."

लोकोपकारी कार्यों में धर्म अग्रणी

संयुक्त राष्ट्र संघीय बाल निधि यूनीसेफ की रिपोर्ट का हवाला देकर उन्होंने बताया कि विभिन्न धर्मों द्वारा संचालित लोकोपकारी संस्थाएं अफ्रीका उप-सहारा क्षेत्रों में 64 प्रतिशत शिक्षा केन्द्रों का संचालन कर रहे हैं तथा धरती पर संचालित एक तिहाई चिकित्सा केन्द्र एवं सुविधाएँ भी इन्हीं संस्थाओं द्वारा संचालित हैं.

सन्त पापा पौल षष्टम के शब्दों को उद्धृत कर कार्डिनल महोदय ने कहा “कलीसिया से भयभीत न होवें क्योंकि कलीसिया आपका सम्मान करती है, कलीसिया आपके लिये ईमानदार एवं निष्ठावान नागरिकों का निर्माण करती है, वह प्रतिद्वंद्विता और विभाजन को बढ़ावा नहीं देती अपितु, स्वस्थ स्वतंत्रता , सामाजिक न्याय और शांति को प्रोत्साहन देती है. कलीसिया की अगर कोई प्राथमिकता है, तो यह गरीबों के लिए है, निम्न स्तरीय लोगों की शिक्षा के लिए और पीड़ितों की देखभाल के लिए है. कलीसिया अपने अनुयायियों को नागरिक जीवन और राष्ट्रीय हितों के प्रति उदासीन नहीं बनाती; इसके विपरीत, वह जनकल्याण हेतु सेवाओं के लिये उन्हें प्रशिक्षित करती है ".

धर्म हैं रचनात्मक परिवर्तन के प्रेरक

कार्डिनल टर्कसन ने कहा, "मानव के अखण्ड विकास को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ धर्म रचनात्मक परिवर्तन के प्रेरक होते हैं, इसलिये यदि हम धारणीय विकास चाहते हैं तो हमें अपनी जीवन शैली को बदलना होगा. उत्पादन तरीकों, व्यापार, उपभोग और बर्बाद करने के तरीकों को बदलना होगा तथा मानवकेन्द्रित विकास पर ध्यान देना पड़ेगा तब ही धारणीय विकास का सपना पूरा किया जा सकेगा."    

 

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08 March 2019, 11:43