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संत पापा फ्राँसिस एवं रोमी कार्यालय के सदस्यों की आध्यात्मिक साधना के संचालक बेनेडिक्टाइन भिक्षु डोम बर्नार्डो फ्रांसेस्को मारिया जॉनी संत पापा फ्राँसिस एवं रोमी कार्यालय के सदस्यों की आध्यात्मिक साधना के संचालक बेनेडिक्टाइन भिक्षु डोम बर्नार्डो फ्रांसेस्को मारिया जॉनी 

संत पापा और कूरिया अधिकारियों की आत्मिक साधना अरिच्चा में

संत पापा फ्राँसिस एवं रोमी कार्यालय के सदस्यों की आध्यात्मिक साधना का संचालन बेनेडिक्टाइन भिक्षु डोम बर्नार्डो फ्रांसेस्को मारिया जॉनी करेंगे।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 4 मार्च 2019 (रेई): रोम के बाहर अरिच्चा आध्यात्मिक साधना केंद्र में संत पापा फ्राँसिस एवं परमधर्माध्यक्षीय रोमी कार्यालय के सदस्यों की आध्यात्मिक साधना बेनेडिक्टाइन भिक्षु डोम बर्नार्डो फ्रांसेस्को मारिया जॉनी के संचालन में 10 से 15 मार्च तक होगी।

संचालक फादर बर्नार्डो फ्रांसेस्को मारिया जॉनी ने मारियो लूज़ी की 1997 कविता ‘"हम इसके लिए यहां हैं" के आधार पर मनन-चिंतन के विन्दु तैयार किया है। यह एक ऐसा साधन है जिसमें कलीसिया और नागर समाज को शामिल करने के लिए निरंतर खोज और विचार मंथन को प्रकट करता है।  

वाटिकन रेडियो के संवाददाता के साथ हुए साक्षात्कार में फादर जॉनी ने  संत पापा द्वारा फोन पर आध्यात्मिक साधना का संचालन की बात सुनकर सबसे पहले तो उन्हें घबराहट महसूस हुई। अपने आपको इस कार्य के लिए अपर्याप्त और छोटा महसूस करते हुए भी मैंने स्वीकार किया। मुझे निश्चित रूप से खुशी है पर सबसे ज्यादा मैं ईश्वर के प्रति अपना आभार प्रकट करता हूँ।

विषय का चुनाव

मारियो लूज़ी की 1997 कविता ‘"हम इसके लिए यहां हैं" के चुनाव के बारे पूछे जाने पर फादर जॉनी ने कहा कि उन्होंने प्रार्थना और काफी समय तक मनन-ध्यान करने के बाद ही इस विषय का चुनाव किया है। यह मठ में रहने वाले भिक्षुओं के रूप में हमारे जीवन के लिए बेहतर था जो भिक्षु के रुप में ईश्वर के पास पहुँचते हैं। लेकिन मेरी नजर में शहर के तनाव भरे जीवन में रहने वे लोगों के लिए भी यह ईश्वर के पास पहुँचने का जरिया हो सकता है। फिर मैंने संत पापा फ्राँसिस के प्रेरितिक उद्बोधन ‘एवांजली गाउदियुम’ को पढ़ा जहाँ मैंने संत पापा द्वारा उल्लेखित शहरों में ईश्वर की खोज पर बहुत ही सुन्दर विचार पाया। मैंने सोचा कि यह संत पापा और उनके सहयोगियों की वैध अपेक्षाओं के बीच सटीक विषय हो सकता है।

मारियो लूज़ी की कविता अनिवार्यता और प्रभावशीलता को ब्यां करती है जहाँ हम स्मृति और आशा, भाईचारे और वर्तमान की कठोरता के बीच एक तनाव को पाते हैं जो एक निश्चित आत्मत्याग की मांग करती है जो आज लगभग विलुप्त हो चुकी  है। वहीं हमें खुद को आग और उन चिनगारियों में खोजने की जरुरत है जिसके फलस्वरूप हम लोगों के जीवन, मानव समाज में  नई ऊर्जा का संचार कर सकें। 

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04 March 2019, 16:53