सिस्टर वेरोनिका ओपनिबो सिस्टर वेरोनिका ओपनिबो  

कलीसिया को खुला और पारदर्शी होना जरूरी है, सिस्टर ओपनिबो

नाइजीरियाई सिस्टर वेरोनिका ओपनिबो ने ""कलीसिया में नाबालिगों की सुरक्षा" पर हो रहे शीर्ष सम्मेलन के तीसरे दिन सुबह सभा को संबोधित दिया, जिसमें पारदर्शिता का आह्वान किया गया और कलीसिया में दुरुपयोग के संकट को दूर करने के लिए आगे का रास्ता प्रस्तावित किया।

माग्रेट सुनिता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 23 फरवरी 2019 ( वाटिकन न्यूज): ‘सोसाइटी ऑफ द होली चाइल्ड जीसस’ की वर्तमान सुपीरियर जनरल सिस्टर वेरोनिका ने "कलीसियाई मिशन के परिणाम, विश्व के लिए खुलापन" विषय पर अपनी प्रस्तुति दी।

इस विषय पर टिप्पणी करते हुए, उन्होंने कहा, “याजकीय यौन शोषण एक जटिल संकट है जिसने कलीसिया की विश्वसनीयता को कम कर दिया है जबकि पारदर्शिता को येसु मसीह के अनुयायियों के रूप में मिशन की पहचान होना चाहिए।”

इस परेशान करने वाले संकट से “अपने युवा और कमजोर सदस्यों की सुरक्षा के लिए” कलीसिया को सब कुछ करना चाहिए। उन्होंने कहा, कलीसिया का ध्यान अपने अपमान पर नहीं बल्कि अपने मिशन को ईमानदारी और न्याय के साथ आगे बढ़ाना चाहिए।

उसने यौन शोषण के संबंध में एक मजबूत "शून्य सहिष्णुता" नीति का प्रस्ताव रखा।

अफ्रीका और एशिया भी दुर्व्यवहार से अछूता नहीं

सिस्टर वेरोनिका कई वर्षों तक यूरोप में रहीं और अमेरिका में अध्ययन किया था। उन्होंने कहा कि दुरुपयोग का मुद्दा केवल यूरोप और अन्य पश्चिमी देशों तक ही सीमित नहीं हैं। उसने स्वीकार किया कि पश्चिम में यह एक बहुत बड़ी समस्या है लेकिन अफ्रीकी और एशियाई महाद्वीपों में भी यौन शोषण होता हे। उसने नौ साल तक अपने मूल देश नाइजीरिया, यौन शोषण पीड़ितों के बीच काम किया और उनकी दर्दनाक कहानियों को सुना और कई लोगों की काउंसलिंग की। इस अवधि जिसके दौरान उसे एहसास हुआ कि मुद्दे कितने गंभीर थे और अब भी हैं। अधिकांश दुराचार कलीसिया के बाहर हुईं, लेकिन उन्हें याद आया कि कैसे 90 के दशक की शुरुआत में एक पुरोहित ने उन्हें बताया कि कोनवेंट और प्रशिक्षण केंद्रों में यौन शोषण होते रहे थे और पुरोहित ने,नाइजीरिया के तत्कालीन महिला सम्मेलन के अध्यक्ष के रूप में उन्हें इस मुद्दे पर कुछ ठोस कदम लेने को कहा।  सिस्टर वेरोनिका ने एक मरते हुए बूढ़े व्यक्ति के साथ अपनी मुलाकात के अनुभव को भी साझा किया, जिसे स्कूल में एक पुरोहित ने दुर्व्यवहार किया था और एक तेरह वर्षीय किशोरी के साथ भी पुरोहित ने दुर्व्यवहार किया था। 25 साल बाद जब वह उस पुरोहित से मिली तो उसने उसे पहचाना भी नहीं।

दुरुपयोग संकट को संबोधित करने में पारदर्शिता

शनिवार का सत्र "पारदर्शिता" के सामान्य विषय के लिए समर्पित था।  उसने कहा, "नाबालिगों के यौन शोषण के मुद्दे को कैसे और अधिक सीधे, पारदर्शी और साहस के साथ  कलीसया में संबोधित किया जाए"।

उन्होंने कहा, “आइए हम गलतियाँ करने के डर के कारण इस तरह की घटनाओं को कभी न छिपाएँ।”  दोषी पाये गये, सभी अपराधियों को उनकी स्थिति की परवाह किए बिना, उन्हें नाबालिगों के दुर्व्यवहार के लिए दंड दिया जाना चाहिए और पीड़ितों के लिए चिकित्सा की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा, "सच्ची पारदर्शिता की दिशा में पहला कदम गलत काम को स्वीकार करना है और फिर संत पापा जॉन पॉल द्वितीय  के समय से स्थिति को ठीक करने के लिए जो किया गया है उसे प्रकाशित करना है।"

उन्होंने कहा कि "पीड़ितों और अपराधियों दोनों को जांच समूहों के साथ आमने-सामने, पारदर्शी और साहसी वार्तालाप के माध्यम से मामलों की बेहतर तरीके से सुलझाना चाहिए।"

कलीसिया दुर्व्यवहार से लड़ने में सक्रिय होना चाहिए और एशिया और अफ्रीका के कुछ देशों में गरीबी, बीमारी, युद्ध और हिंसा के मुद्दों को देखते हुए यौन दुराचार की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

आगे की रणनीति

सिस्टर वेरोनिका ने कहा कि कलीसिया को पीड़ितों की बात सुनते रहना चाहिए और चंगाई प्रक्रिया में उनकी मदद करनी चाहिए। अनेक उदाहरण हैं जब पीड़ितों की बातें सुनी गई और वे मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक रूप से ठीक भी हुए हैं। उन्होंने कहा, "क्या हम सभी देशों में संवेदनशील और दयालु लोगों को इस सेवा के लिए प्रशिक्षित कर सकते हैं। इसमें गरीब देशों को भी शामिल किया जाए।  

उसने कहा कि कलीसिया को "यौन शिक्षा और मानव संबंधों के बारे लोगों को शिक्षित करने" के लिए सोशल मीडिया का बेहतर उपयोग करने के तरीकों की तलाश करनी चाहिए, जिसमें वेश्यावृत्ति और मानव तस्करी के मुद्दों को शामिल किया जाए।

अंत में उन्होंने  इस मुद्दे से निपटने के लिए नेतृत्व लेने हेतु संत पापा फ्राँसिस की सराहना की। निकाला।

उन्होंने सभा में महिला धर्मसंधियों के वरिष्ठ अधिकारियों को आमंत्रित करने के लिए संत पापा को धन्यवाद दिया, उन्होंने कहा: "महिलाओं ने इस क्षेत्र में बहुत उपयोगी अनुभव प्राप्त किया है और पीड़ितों का समर्थन करने के लिए बहुत कुछ किया है - ऐसी महिलाएं भी हैं जो खुद पीड़ित हैं और अपनी शक्ति और अधिकार का उपयोग करते हुए रचनात्मक रूप से काम कर रही हैं।”

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

23 February 2019, 17:15