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संत पापा फ्राँसिस  रोमा कार्यालय के सदस्यों के साथ संत पापा फ्राँसिस रोमा कार्यालय के सदस्यों के साथ 

संत पापा:कलीसिया में गंभीर घोटाले, लेकिन अंधकार से बढ़कर प्रकाश

संत पापा फ्राँसिस ने परमधर्मपीठीय रोमी कार्यालय के सदस्यों के साथ पारंपरिक क्रिसमस अभिवादन किया और कलीसिया की गंभीर घोटालों को सूचिबद्ध किया, साथ ही उन्होंने कहा कि कलीसिया उनसे ऊपर उठकर, शुद्ध और अधिक सुंदर दिखाई देगी।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार 22 दिसम्बर 2018 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को वाटिकन के संत क्लेमेंटीन सभागार में रोमी कार्यालय के सदस्यों के साथ ख्रीस्त जयंती की बधाई का आदान-प्रदान किया। इस अवसर का लाभ उठाते हुए उन्होंने वर्तमान समय में काथलिक कलीसिया की खुशियों और कठिनाइयों को साझा किया।

नवीनीकरण के रास्ते पर कलीसिया

संत पापा ने कहा, "बड़ा दिन", "हमें खुशी से भर देता है और हमें यह सुनिश्चित करता है कि ईश्वर की दया से कभी भी कोई पाप बड़ा नहीं है।" उन्होंने संत पौलुस द्वारा रोमियों को लिखे पत्र के एक पद पर (13:12) अपना ध्यान केंद्रित किया : "रात प्रायः बीत चुकी है और दिन निकलने को है, इसलिए हम अंधकार के कामों को  त्याग कर, ज्योति के शस्त्र धारण कर लें।"

संत पापा ने चेतावनी दी कि ख्रीस्तीय होने का मतलब यह नहीं है कि हम उन ज्ञानी (एलीट) समूह की तरह अभिनय करें जो सोचते हैं कि उन्होंने ईश्वर को अपने वश में या अपने जेब में रखा है।" उन्होंने कहा कि कलीसिया हमेशा तपस्या और नवीनीकरण के मार्ग पर चलती है और इसीलिए "वह पवित्र है और उसे हमेशा शुद्धिकरण की आवश्यकता" होती है।

यातनायें

संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि इस वर्ष इस कलीसिया को "तेज हवाओं और भयानक तूफानों का सामना करना पड़ा है।  कुछ लोग, समाचार पत्रकारों से निराश हैं और कलीसिया को छोड़ दिये हैं। अन्यों ने डर के कारण या व्यक्तिगत लाभ के लिए कलीसिया पर हमला किया है, जबकि कुछ "कलीसिया को दुःख सहते देखकर खुश होते हैं।" लेकिन अन्य लोग कलीसिया के प्रति आसक्त बने हुए हैं।

संत पापा ने उन प्रवासियों को याद किया जो अपने देश में गरीबी, हिंसा और पीड़ा सहते हैं साथ ही उन्हें मेजबान देशों में भय और पूर्वाग्रह का सामना करना पड़ता है। बहुत से ख्रीस्तियों को धर्म के कारण यातनाओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा, "फिर भी वे मसीह को इनकार करने के बजाय मृत्यु को गले लगाने का साहस रखते हैं और अपना ख्रीस्तीय जीवन जारी रखते हैं।"

दुर्व्यवहार

संत पापा फ्राँसिस ने "दुर्व्यवहार और अविश्वास के संकट" के बारे में बातें की।

"कलीसिया कुछ समय से दुर्व्यवहार की बुराई को खत्म करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है जो पुरोहितों और ईश्वर को समर्पित लोगों द्वारा नाबालिगों पर यौन दुर्व्यवहार और शक्ति का दुरुपयोग किया गया। ईश्वर कई नाबालिगों द्वारा अनुभव किए जाने वाले पीड़ा का हमेशा ध्यान रखता है।"

उन्होंने कहा, "दुर्व्यवहार करने वाले ईश्वर या उनके फैसले" से कहीं ज्यादा अपने कुकर्म का पर्दाफास होने से अधिक डरते हैं। "ईश्वर को समर्पित लोगों के पाप और अपराध ईश्वर के प्रति बेवफाई और बहुत ही शर्मनाक कृत्य हैं।  वे कलीसिया के चेहरे को खराब करते हैं और उसकी विश्वसनीयता को कमजोर करते हैं।"

संत पापा फ्राँसिस ने जोरदार कहा कि जिन्होंने इस तरह के अपराध किए हैं, कलीसिया उनका "न्याय करने के लिए जरूरी प्रयास करने से कभी पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने अगली फरवरी को ‘नाबालिगों की सुरक्षा’ पर धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्षों की बैठक के बारे कहा कि "कलीसिया शुद्धिकरण के मार्ग को अचूक तरीके से आगे बढ़ाने के अपने संकल्प को दोबारा बहाल करेगी।" यह बैठक अतीत के यौन शोषण की गलतियों को "दूर करने के अवसरों" में बदलने की कोशिश करेगी।

संत पापा ने कहा कि कुछ लोग व्यापक समाज में दुर्व्यवहार को अनदेखा करने और "भ्राँति" फैलाने का आरोप मीडिया पर लगाते हैं कि यह केवल काथलिक कलीसिया को प्रभावित करता है। संत पापा फ्राँसिस ने उन पत्रकारों को "दिल से धन्यवाद" दिया, जो ईमानदार और निष्पक्ष थे। उन्होंने इन अपराधियों को पर्दाफास किया और पीड़ितों की आवाज़ों को सबके सामने रखी।"

उन्होंने कहा, "इस मामले में अधिक घोटाला सच बोलने का है।"

संत पापा ने रोमी कार्यालय के सदस्यों से अपील की कि वे कलीसिया को "झूठे और वास्तविक मामलों को, निंदा से आरोपों को, विद्रोह से शिकायतों को, और गपशप से मानहानि को पहचानने में मदद करें।" उन्होंने उन लोगों से भी आग्रह किया कि जिन्होंने नाबालिगों के साथ दुर्व्यवहार किया है वे खुद को "सामाजिक न्याय, और दिव्य न्याय के लिए तैयार करें।"

बेवफ़ाई

संत पापा फ्राँसिस ने एक और दुःख को सूचीबद्ध किया वह है, "अपने बुलाहट को धोखा देने वाले लोगों की बेवफाई।" वे अपने अपने भाइयों और बहनों की भलाई करने के बदले उनके बीच विभाजन और परेशानियों के बीज बोते हैं। संत पापा ने उन्हें यूदस इस्कारयोती की संज्ञा दी जिसने येसु को धोखा दिया लेकिन पश्चाताप नहीं किया। वे भी अपने "विनाश के मार्ग" को जारी रखने के लिए बौद्धिक और आध्यात्मिक बहाने ढूँढ़ते हैं।

संत पापा ने कहा कि हम सभी का कर्तव्य है कि हम आध्यात्मिक भ्रष्टाचार से लड़ें।

खुशियाँ

संत पापा फ्राँसिस ने पिछले साल की कई खुशियों को भी याद की। उन्होंने युवा लोगों पर धर्माध्यक्षीय धर्मसभा की सराहना की।  रोमी कार्यालय में सुधार में प्रगति हुई, वाटिकन के वित्तीय मामलों में स्पष्टता और पारदर्शिता के प्रयासों और वाटिकन में श्रम पर बने एक नये डिक्री की सराहना की।

उन्होंने हाल ही में अल्जीरिया के 19 शहीदों की धन्य घोषणा के बारे बताया। कई लोग बपतिस्मा ग्रहण कर कलीसिया से जुड़ गये। बहुत से युवाओं ने पुरोहिताई जीवन और समर्पित जीवन को स्वीकार किया है।

संत पापा ने कलीसिया के उन सदस्यों विशेष रुप से उन पल्ली पुरोहितों की सराहना की जो अपनी पल्ली के विश्वासियों की आध्यात्मिक भलाई के लिए निष्ठापूर्वक कार्य करते हैं। उन्हें मीडिया अनदेखा करती है। परंतु वे प्रार्थनामय जीवन बिताते जिसके कारण वे सांसारिक बुराइयों से अपने आप को दूर रख पाते हैं।  

अंत में,संत पापा फ्राँसिस ने रोमी कार्यालय के सदस्यों को अपने दिल को येसु मसीह के लिए खोलने हेतु आमंत्रित किया। "वे भलाई की रोशनी हैं, उन्होंने बुराई पर विजय पाई है।"

"क्रिसमस" "हमें  इस बात को सुनिश्चित करता है कि हमारे मानवीय दुःखों के बावजूद ईश्वर की रोशनी चमकती रहेगी" और "कलीसिया इन विपत्तियों से उभरकर और भी सुंदर, शुद्ध और उज्ज्वल बने।"

 

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22 December 2018, 14:14