खोज

वाटिकन में उपदेश देते फादर कांतालामेस्सा वाटिकन में उपदेश देते फादर कांतालामेस्सा 

ईश्वर हमारे बीच हैं, फादर कांतालामेस्सा

परमधर्मपीठ के उपदेशक फादर रानिएरो कांतालामेस्सा ने 7 दिसम्बर को, आगमन काल हेतु प्रवचन दिया, जिसमें संत पापा फ्राँसिस भी उपस्थित थे।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 8 दिसम्बर 2018 (रेई)˸ आगमन काल के दौरान हर साल वाटिकन उपदेशक कपुचिन फादर रानिएरो कांतालामेल्ला के द्वारा शुक्रवार के दिन प्रेरितिक आवास रेदेमतोरिस मातेर प्रार्थनालय में प्रवचन दिया जाता है जिसमें संत पापा सहित परमधर्माध्यक्षीय रोमी कार्यालय के कर्मचारी तथा रोम के विकर एवं सहायक धर्माध्यक्ष भाग लेते हैं।

उपदेश में कपुचिन फादर ने स्तोत्र ग्रंथ के 42 अध्याय के दूसरे पद पर चिंतन किया। "मेरी आत्मा ईश्वर की, जीवन्त ईश्वर की प्यासी है।" उन्होंने कहा कि हम अपने दैनिक जीवन की समस्याओं में प्रभु को भूल जाते तथा उनके साथ हमारे व्यक्तिगत संबंध को दरकिनार कर देते हैं किन्तु ईश्वर के साथ हमारा यह संबंध हमें अपनी शांति एवं धैर्य खोये बिना समस्याओं का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है।

हम ईश्वर की खोज करें, काल्पनिक चीजों की नहीं

फादर कांतालामेस्सा ने जीवन्त ईश्वर की उपस्थिति को अनवरत एवं आश्वासनपूर्ण कहा जबकि उन्होंने गौर किया कि हमारे समय के स्त्री एवं पुरूष नई चीजों के अविष्कार एवं जीवन के नये चिन्हों की खोज में बहुत अधिक व्यस्त हैं। यह एक उचित रूचि है किन्तु उन्होंने खेद प्रकट किया कि जीवन्त ईश्वर जिन्होंने विश्व की सृष्टि की है, इतिहास में प्रवेश किया है तथा वे हमारे साथ रहते हैं उनके चिन्हों की खोज और उसपर अध्ययन करने वाले बहुत कम लोग हैं।

उन्होंने कहा, "वे हमारे बीच हैं फिर भी हम उन्हें अस्वीकार करते हैं और उन लोगों की खोज करते हैं जो बहुधा हमारी बहुत कम मदद कर पाते हैं। वे हमें मृत्यु से नहीं बचा सकते।"

फादर कांतालामेस्सा ने बतलाया कि ईश्वर द्वारा की गयी हर प्रतिज्ञा को उनके पुत्र ने पूरा किया। वे विश्वासियों को निमंत्रण देते हैं कि वे यह न भूलें कि ईश्वर कोई कल्पना नहीं हैं बल्कि वास्तविक हैं।

जीवन्त ईश्वर की खोज

उपदेशक फादर ने लोगों के मन-परिवर्तन की घटनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन स्त्री पुरूषों को ईश्वर की प्रकाशना मिली। ईश्वर ने उनके जीवन में अपने को प्रकट किया और कई बार उसे नहीं पहचानने एवं इन्कार करने के बाद, अंततः उन्होंने उन्हें स्वीकार कर लिया।

फादर ने उस दिव्य प्रकाशना को रोकने अथवा उसमें बाधा डालने के प्रलोभन से बचने की चेतावनी दी और कहा कि हम चिन्हों के परे जायें  तथा ईश्वर के प्रति हमारे विचार की सीमाओं को तोड़ें जिससे कि उनकी खुशबू से हमारा पूरा घर भर जाए।

ईश्वरत्व दुनिया की सभी चीजों से अलग है जिसकी परिभाषा नहीं दी जा सकती है किन्तु केवल संकेत दिया जा सकता है। हम उसके बारे समान एवं उसके विपरीत चिन्हों के माध्यम से बातें कर सकते हैं। बाईबिल में उनकी तुलना चट्टान से की गयी है।

ईश्वर मेरे साथ हैं यही पर्याप्त है

फादर कांतालामेस्सा ने अपने उपदेश का समापन संत फ्राँसिस असीसी के जीवन में अंधकार एवं निराशा की घड़ी की याद दिलाते हुए कहा, "उन्होंने अपने इर्द गिर्द कुछ विभाजन भी देखा था जो उनके कुछ आरम्भिक धर्मबंधुओं की जीवन शैली से उत्पन्न हुआ था किन्तु वे इसी भावना से प्रेरित होकर दृढ़ता का अनुभव किये कि ईश्वर मेरे साथ हैं और यही पर्याप्त है।"

फादर ने सभी का आह्वान करते हुए कहा, "जब हमारे जीवन में अथवा कलीसिया में हमारी स्थिति भी संत फ्राँसिस असीसी की तरह हो जाए तो हम उनके ही शब्दों को दुहरायें, "ईश्वर मेरे साथ हैं यही पर्याप्त है।"  

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

08 December 2018, 14:25