युवाओं के नाम धर्माध्यक्षों का पत्र युवाओं के नाम धर्माध्यक्षों का पत्र 

युवाओं के नाम धर्माध्यक्षों के पत्र

युवाओं की धर्माध्यक्षीय धर्मसभा की समाप्ति के उपरांत धर्मसभा के धर्माध्यक्षों ने युवाओं के नाम एक पत्र लिखा।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

विश्व के युवाओं, धर्मसभा के धर्माध्यक्षगण आप को आशा, विश्वास और सांत्वना के शब्द से संबोधित करते हैं। इन दिनों हमने एक साथ मिलकर येसु “स्वर्गीय युवा” की आवाज को सुनने हेतु एक साथ चला है, और उन में आप की बहुत-सी आवाजों, पुकार, रूदन और मौन भरे क्षणों को पहचाने का प्रयास किया है।

हम आप की आतंरिक खोज, आनन्द और आशाओं, दुःख और विषाद से वाकिफ हैं जो आप के जीवन की लालसा है। अब हम आप लोगों से चाहेंगे कि आप एक शब्द सुनेः हम आप की खुशी में शामिल होना चाहते हैं जिससे आप की अभिलाषाएं को जीवन मिल सकें। हम इस बात से अश्वस्त है कि जीवन के प्रति जोश से आप अपने को देख सकेंगे जिससे आपके सपने साकार हो सकें और जिससे आप इतिहास का निर्माण करें।

हमारी कमजोरियाँ आप को भयभीत न करे, हमारी कमजोरियां और गलतियाँ आप के भरोसे में रोड़ा न बने। कलीसिया आप की माता है, वह आप का परित्याग नहीं करती है, वह आप के जीवन की नयी राह में आप का साथ देना चाहती है, जीवन की ऊंची राहों में जहाँ पवित्र आत्मा हमें मजबूती प्रदान करता- जो हमारे जीवन की उदासीनता, छिछलेपन और निराश भरे क्षणों को दूर करती है।

जब दुनिया, जिसे ईश्वर ने अत्यधिक प्रेम किया और अपने पुत्र को भी दे दिया, जो भैतिक जीवन की वस्तुओं, छोटी सफलता, खुशी पर केन्द्रित है, जब दुनिया कमजोरों का दमन करती है तो आप उन्हें उठने हेतु सहायता करें और उन्हें प्रेम, सुन्दरता, सत्य और न्याय प्रदान करें।

एक महीने तक हमने आप के साथ और अन्य युवाओं के साथ जो प्रार्थना और प्रेम में हमारे साथ संयुक्त थे,  मिलकर चला है। हम आशा करते हैं कि हमारी यह यात्रा दुनिया के हर एक स्थान पर जारी रहेगी जहाँ येसु हमें प्रेरिताई हेतु शिष्य के रुप में भेजते हैं।

कलीसिया और विश्वास को आप के उत्साह की अति आवश्यकता है। आप अपने जीवन में अति संवेदनशील, गरीब  और जीवन से घालय हो गये युवाओं को अपनी जीवन की यात्रा में मित्र बनायें।

आप वर्तमान हैं, आप भविष्य को उज्ज्वल बनायें।

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29 October 2018, 17:30