सिनॉड ब्रीफिंग, कलीसिया युवाओं का एक "साथी नेटवर्क"
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
"सुनना, सहानुभूति रखना एवं कठोरता का त्याग" शुक्रवार को धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के दौरान इन्हीं शब्दों को बारम्बार दुहराया गया। वाटिकन संचार परिषद एवं सिनॉड के लिए संचार आयोग के अध्यक्ष पाओलो रूफिनी ने जानकारी दी कि सभा के तीसरे और चौथे सत्रों की विषयवस्तु थी, पितृत्व एवं मातृत्व, शुद्धता का सवाल, लिंग का सिद्धांत तथा डिजिटल युग की चुनौतियाँ। उन्होंने कहा कि युवा महसूस करते हैं कि वे उस समाज के शिकार हो रहे हैं जो झूठ पर स्थापित है तथा वे सुने जाने एवं न केवल सुने जाने बल्कि उसे गंभीरता से लिए जाने की मांग करते हैं।
यौन दुराचार के लिए कलीसिया लज्जित
ऑस्ट्रिलिया के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष एवं सिडनी के महाधर्माध्यक्ष अंतोनी कोलिन फिसर ने पुनः एक बार व्यक्तिगत रूप से यौन दुराचार के लिए माफी मांगी। उन्होंने पत्रकारों से कहा, "हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि कलीसिया बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान है किन्तु जो कुछ हुआ है उसके लिए हम लज्जित हैं। कई युवा और कई पूर्व युवा इससे घायल हुए हैं लोगों के भरोसे को तोड़ा गया है अतः कलीसिया को उनसे बात करनी चाहिए।"
सिडनी के महाधर्माध्यक्ष ने बतलाया कि सिनॉड सभागार में कई अन्य विषयों पर चर्चा हुईं जैसे, बीच-बचाव की वास्तविकता, स्नेह एवं आशा जिसके द्वारा व्यक्ति युवाओं की ओर आगे बढ़ सकता है। ख्रीस्त ईश्वर हैं जो युवा बने, वे हमें नवीकृत करते, ठीक उसी तरह जिस तरह वे दुनिया को पीढ़ी दर पीढ़ी युवाओं द्वारा नवीकृत करते हैं। अंततः उन्होंने सिडनी में 2008 में आयोजित विश्व युवा दिवस के आनन्द एवं सुखद परिणामों की याद की और आशा व्यक्ति किया कि अगले साल पनामा में भी यह एक महान अवसर होगा।
इसी पृष्टभूमि पर पनामा के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के मोनसिन्योर मानवेल ओकोगाविया बाराहोना ने लातिनी अमरीका एवं करेबियन में युवाओं के प्रशिक्षण के महान कार्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "युवा वह स्थान है जहाँ ईश्वर हमसे बोलते हैं तथा कलीसिया आज करुणा तथा उन्हें सुनने के द्वारा उनके करीब रहने के लिए बुलायी जाती है।"
सिनॉड दुनिया के रंगों को इंकार करती है
ब्रीफिंग के दौरान मडागास्कर की राष्ट्रीय काथलिक विद्यार्थियों की अध्यक्ष ताहिरी मलाला मारिओन ने स्पष्ट किया कि सिनॉड शुरूआती विन्दु है तथा यह युवाओं के लिए सच्चा वरदान है जो दूसरे युवाओं के लिए प्रेरित बनेंगे। उन्होंने धर्मविधि में विशेष ध्यान देने की मांग की, खासकर, युवाओं के करीब रहने की।
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