तीर्थयात्रा करते सिनॉड के प्रतिभागी तीर्थयात्रा करते सिनॉड के प्रतिभागी 

धर्माध्यक्षीय धर्मसभा का मुख्य वाक्य “सिनॉडलिटी”

गुरूवारीय प्रेस विज्ञप्ति के दौरान दो मुख्य बिन्दुओं, धर्मसभा की बातों का भविष्य में अनुपालन और कलीसिया में यौन दुराचार का कलंक।

 दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 26 अक्टूबर 2018(रेई) गुरूवार को धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के धर्माध्यक्षों और युवा प्रतिभागियों ने मोंते मारियों से संत पेत्रुस की कब्र तक छः किलो मीटर की तीर्थयात्रा पूरी की। तीर्थयात्रा के अंत में नवीन सुसमाचार प्रचार हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष रिनो फिसीकेला ने संत पेत्रुस के महागिरजाघर में ख्रीस्तीयाग अर्पित किया। संत पापा फ्रांसिस भी इस ख्रीस्तायाग समारोह में सम्मिलित हुए।  

सिनॉडालिटी

पेरू के महाधर्माध्यक्ष हेक्टर मिगुवेल काबेरेजोस विदार्ते, ओ. एफ. एम. ने कहा की धर्मसभा में काफी सहयोगिता का अनुभव रहा और कलीसिया धर्मसभा में विचार मंथन की गई बातों का महत्व समझती है। इस समय “सिनॉडलिटी” हमारे लिए मुख्य रूप से उभर कर आयी है जो हमें पवित्रता के द्वारा एक सच्चे उपहार स्वरुप प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि कलीसिया को उन बातों को अपने में आत्मसात करने की जरूरत है जिससे वह अपना विकास कर सके। धर्माध्यक्षों के संबंध में उन्होंने कहा कि वे कलीसिया में अपने सहयोग के विस्तार हेतु बुलाये जाते हैं। धर्माध्यक्षों ने संत पापा के साथ एकता के भाव में कलीसिया और ईश प्रजा की सेवा से संबंधित अपनी बातें रखी हैं।

केप भेरदे के कार्डिनल आर्लेन्दो गोमेज फुटाडो ने कहा कि धर्मसभा में हमने एकता का अनुभव किया। धर्मसभा की कार्य शैली ने सभी प्रतिभागियों में खुशी और सामुदायिकता को बढ़वा दिया जिसे कलीसिया को जारी रखने की आवश्यकता है।

ब्राजील के प्रतिभागी लुकस बरबोजा गलहार्दो ने कहा कि धर्मसभा में खुलापन औऱ खुशी का एक बड़ा महौल था। वे अनुभव करते हैं कि धर्मसभा में युवाओं की बातें सुनी गई उनका विश्वास है  कि यह प्रकिया धर्मसभा उपरांत भी जारी रहेगा।

यौन शोषण के मुद्दे

प्रेस विज्ञाप्ति में उपस्थिति लोगों ने बाल दुराचार के बारे में कहा। गालहर्दो ने कहा कि युवाओं के लिए यह एक तरह से कठिन जान पड़ता है क्योंकि उन्होंने अपने मित्रों के साक्ष्य को सुना जो यौन शोषण के शिकार हुए हैं, जो कि दर्दनाक घटनाएँ हैं। यह वह कलीसिया नहीं जिसके बारे में वे जानते हैं और जिसका अनुभव उन्होंने अपने बचपन में किया था। धर्मसभा में उन्होंने कलीसिया के उस रुप का अनुभव किया जिसमें वह सभों को अपने साथ लेकर चलती है। उन्होंने कहा कि उसके युवा मित्र यौन शोषण के बारे में कहते हैं, मानो यही पूरे विश्व की कलीसिया है। यौन शोषण की घटनाओँ के संबंध में कलीसिया का बचाव करना मुश्किल है और जो यौन शोषण करती वह येसु की कलीसिया नहीं वरन “एक दूसरी कलीसिया” है।

महाधर्माध्यक्ष भिदारेते ने कहा कि जो हुआ है वह अपने में दर्दनाक है क्योंकि इसके द्वारा शरीर को केवल नहीं वरन आत्मा को चोट पहुँचा है। हमें अपने में इस बात को याद करना उचित होगा कि सम्पूर्ण कलीसिया द्वारा नहीं बल्कि कुछ लोगों के द्वारा किया गया है। कलीसिया को इस परिस्थिति से पुनजीवित होते हुए आगे बढ़ने की जरुरत है।

कार्डिनल फुटाडो ने कहा यह कलीसिया में सबसे बड़ा कलंक है जो कि पूरे समाज की समस्या है। कलीसिया और समाज को एक साथ मिलकर विज्ञान के नये उपायों के द्वारा इसे जड़ से खत्म करने की जरुरत है। कलीसिया में हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते हैं हमें समाज को भी इस समस्या से मुक्त करना है।

इतालवी कार्डिनल गुआलतेरो बास्सेत्ती ने कहा कि यौन दुराचार के द्वारा कलीसिया रुपी येसु के सम्पूर्ण शरीर को घायल किया है। इसके कारण पूरी कलीसिया प्रभावित हुई है। कलीसिया को इसकी जिम्मेदारी लेने की जरूरत है जो हमें सामाजिक अधिकारियों और न्यायालय के साथ सहयोग करने की मांग करती है।

उन्होंने इस संबंध में आगे कहा कि इसका रोकथाम हमारे लिए महत्वपूर्ण है जिसके लिए गुरूकुलों को चाहिए कि वे मानव वैज्ञानिक संसधानों का उपयोग करते हुए धर्मसमाजी जीवन का चुनाव करने वालों को प्रशिक्षण प्रदान करें। कलीसिया में क्या हुआ है उसको बतलाना प्रर्याप्त नहीं है वरन् कलीसिया को हर संभव कोशिश द्वारा उसके रोकथाम हेतु पहल करने की जरूरत है। उन्हेंने कहा कि इटली के सभी धर्माध्यक्ष उस मुद्दें पर गहन विचार-मंथन करने हेतु नवम्बर के महीने में एक दिवसीय बैठक करेंगे।

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26 October 2018, 16:15