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सिनॉड में भाग लेते धर्माध्यक्ष सिनॉड में भाग लेते धर्माध्यक्ष 

शुक्रवार को सिनॉड की प्रेस ब्रीफिंग

आयरलैंड के धर्माध्यक्षों ने शुक्रवार के प्रेस ब्रीफिंग में स्वीकार किया कि उन्होंने आवश्यक मात्रा में युवाओं को साथ और प्रोत्साहन नहीं दिया है।

उषा मनोरमा  तिरकी-वाटिकन सिटी

ऑस्ट्रिया के कार्डिनल ख्रीस्तोफ शॉनबोन तथा आयरलैंड के महाधर्माध्यक्ष एमोन मार्टिन ने कहा कि अपनी प्रेरितिक भय के बावजूद सिनॉड कृपा का समय रहा।  

कार्डिनल शॉनबोन ने कहा कि जब उन्हें सिनॉड में भाग लेने के लिए चुना गया तब उन्हें वियेन्ना से काफी समय तक दूर रहने की चिंता हुई। अब उनका कहना है कि यह सचमुच एक अच्छा अनुभव रहा, जब पूरी दुनिया के धर्माध्यक्ष युवाओं को सुन सके एवं उनकी बातों को साझा कर किया। सिनॉड में उन्होंने युवाओं के अनुभवों एवं जीवन की परिस्थितियों को सुना।

उन्होंने कहा कि विश्व में सिनॉड के समान नेताओं की कोई सामाजिक ईकाई नहीं है जो युवाओं को सुनने, उन्हें सहानुभूति देने तथा उनपर सचमुच ध्यान देने के लिए महीना भर का समय व्यतीत करे। यहाँ परिस्थिति ऐसी नहीं थी कि धर्माध्यक्ष युवाओं के सारे सवालों का उत्तर दे सकें बल्कि उन्होंने उनकी आकाक्षाओं एवं दर्शनों पर ध्यान दिया। सिनॉड में वे एक-दूसरे की खुशी में शरीक हुए। उनके बीच वास्तविक एकता थी। उन्होंने कहा कि युवाओं की तत्परता एवं साहस के कारण वे अपनी मिशनरी मनोभाव में अधिक दृढ़ होकर कार्य करना चाहते हैं। 

महाधर्माध्यक्ष मार्टिन ने कहा कि यह कृपा पूर्ण महीना था। उन्होंने भी स्वीकार किया कि सिनॉड में पहुँचने से पहले वे उलझन की स्थिति में थे। महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि उन्हें युवाओं के साथ जुड़ने की आवश्यकता है किन्तु इसके लिए उन्होंने अधिक मेहनत नहीं किया है। कलीसिया परिवारों एवं स्कूलों से जुड़ी है किन्तु युवाओं से भी जुड़ने की आवश्यकता है। सिनॉड ने उन्हें काफी चिंतन प्रदान किया है जिसके द्वारा वे युवाओं से जुड़ने के लिए आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि सिनॉड में संत पापा, धर्माध्यक्षों एवं युवाओं के साथ होना एक सच्ची कृपा थी। 

केन्या के महाधर्माध्यक्ष अंतोनी मुहेरिया ने कहा कि सिनॉड विश्वव्यापी कलीसिया का उसकी विविधता एवं एकरूपता के साथ एक अनुठा अनुभव था। उन्होंने कहा कि सिनॉड एक ज्वाला, एक आग के समान है जो युवाओं के साथ जुड़ने तथा कलीसिया में नवीनता लाने की चाह को फिर से ताजा कर दिया है। 

कलीसिया को एक काउंटर-सांस्कृतिक संदेश का प्रचार करना है

महाधर्माध्यक्ष मार्टिन ने कहा कि सिनॉड में सैद्धांतिक मुद्दों पर बहस नहीं किया गया। इसमें युवाओं के हर दृष्टिकोणों पर गौर किया गया। पहले सप्ताह में युवाओं की चुनौतियों जैसे- गरीबी, मानव तस्करी, विस्थापन, निराशा के कारण युवाओं के खोने, मानसिक बीमारी तथा उनकी उदासी के कारणों पर चर्चा की गयी। महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि धर्माध्यक्षों ने दुनिया जिसमें युवा डूब रहे हैं और घबराए हुए हैं उसमें एक काउंटर-संस्कृति संदेश पेश करने वाली कलीसिया के महत्व को फिर से महसूस किया। उन्हें लगा कि कलीसिया लोगों को आशा प्रदान करती तथा उन्हें उत्साह के साथ जीने की शक्ति देती है। 

भावी चुनौतियाँ

महाधर्माध्यक्ष मुहेरिया ने कहा कि अब धर्माध्यक्षों के लिए चुनौती है कि वे सिनॉड की ज्वाला को लोगों तक कैसे पहुँचायें। लोगों को आशा प्रदान करने की जरूरत है। उनके लिए रविवार को जब सिनॉड समाप्त हो जाएगा तभी वास्तविक समय आयेगा। उन्होंने कहा कि कठिनाइयों का सामना करने के लिए कलीसिया को युवाओं की मदद करनी चाहिए, इस तरह उनमें भविष्य की आशा जगेगी। उन्होंने कहा कि अधिकतर युवाओं की संख्या एशिया एवं अफ्रीका में है और सिनॉड को उनकी खास चुनौतियों के बावजूद उनसे जुड़ना चाहिए।  

महाधर्माध्यक्ष मार्टिन ने कहा कि वे घबराये हुए हैं कि उन्हें अब घर लौटना है जहाँ वे आयरलैंड की स्थानीय कलीसियाओं में सिनॉड की शक्ति, आनन्द एवं जीवन को बाटेंगे। उन्होंने कहा, मुझे सिनॉड का अग्रदूत बनना है।"  युवाओं को समकालीन कलीसिया में जुड़ना होगा। समाज में वे राजनीति, शिक्षा, सुरक्षाबल, प्रशासन एवं कानूनी प्रणाली में संलग्न हैं। यही कारण है कि कलीसिया को उनके साथ जुड़ने की आवश्यकता है ताकि वे समाज में बदलाव ला सकें। 

महाधर्माध्यक्ष मार्टिन ने कहा कि उन्हें महसूस हो गया है कि युवा प्रेरिताई के साधन नहीं बल्कि स्वयं सुसमाचार प्रचार के एजेंट हैं। युवाओं को अधिक संलग्न करना होगा ताकि वे मिशनरी शिष्य बन सकें। उन्हें अपनी पल्लियों एवं धर्मप्रांत के नवनिर्माण की आवश्यकता है जहां उन्हें अपने आप से एक सवाल पूछने की जरूरत है कि वे किस तरह दृढ़ विश्वासी युवाओं का निर्माण कर सकेंगे। 

क्यूबा के युवा प्रतिनिधि एरद्यून अलबेर्तो ओरतेगा लियाल ने कहा कि कलीसिया युवाओं की मदद करती है किन्तु उसे भविष्य में भी युवाओं के साथ जुड़ा हुआ एवं सक्रिय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कलीसिया के कुछ लोग अतीत की गलतियों को नहीं समझते। उन्होंने सिनॉड के प्रति आभार प्रकट किया जिसने एक बेहतर समझ लायी है।   

 

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27 October 2018, 16:11