दक्षिण सूडान के बच्चे और युवा दक्षिण सूडान के बच्चे और युवा 

द. सूडान के धर्माध्यक्षों द्वारा युद्ध आक्रांत पीढ़ी की चिंता

वाटिकन में चल रहे युवा लोगों पर सिनॉड में, तुंबुरा-याम्बियो के धर्माध्यक्ष बरानी एडवार्डो हाइबोरो कुसाला, जो सूडान काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (एससीबीसी) के अध्यक्ष भी हैं, कलीसिया की कई उम्मीदों के साथ उनकी कई चिंताओं को भी साझा किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी,बुधवार 10 अक्टूबर 2018 (वाटिकन न्यूज) : वाटिकन में चल रहे युवा लोगों पर सिनॉड के प्रतिभागी के रुप में धर्माध्यक्ष बरानी एडवार्डो इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की कि दक्षिण सूडान में 2013 में शुरू हुए सशस्त्र संघर्ष से पीड़ित युवा पीढ़ी को आघात से किस प्रकार बचाया जाए।

युवा लोगों में उम्मीद जगाने की जरूरत

धर्माध्यक्ष ने वाटिकन संवाददाता पॉल सामासूमो को बताया, यह बहुत खेदजनक है कि दक्षिण सूडान के कई बच्चे और युवा लोग स्कूली शिक्षा से वंचित हैं, उन्हें शरणार्थी शिविरों में रहना और हिंसा का सामना करना पड़ता है। कम उम्र में सैन्य गिरोहों में रहने के लिए मजबूर किया जाता है और वे बिना भविष्य के, आशा के बिना जी रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे देश में अधिक संख्या युवा लोगों की है। अतः हमारे लिए कलीसिया में, निश्चित रूप से हमारी प्रमुख जिम्मेदारी है कि हम युवा लोगों को उनके मूल्यों के प्रति उन्मुख करें, ताकि वे खुद का और दूसरों का सम्मान कर सकें। वे अपनी, दूसरों और देश की परवाह कर सकें।साथ ही हम यह सुनिश्चित करने के लिए अपने देश को भी प्रोत्साहित करते हैं कि कोई भी इन युवा लोगों का दुरुपयोग नहीं करे। हम उनके लिए उन कार्यक्रमों को ला रहे हैं जिनके द्वारा वे अपने समाज की सुंदरता, एकजुटता के महत्व और अपने कौशल को समझ पायेंगे। अपने जावन को अर्थपूर्ण और अच्छे भविष्य की आशा कर सकेंगे।

कौशल प्रशिक्षण 

धर्माध्यक्ष बरानी ने बताया कि युवाओं को सशक्त बनाने वाले कौशल को औपचारिक रूप से और सिर्फ कक्षा में ही नहीं सिखाया जाना चाहिए। युवाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए घरेलू तकनीकी और प्रशिक्षण की आवश्यकता है। युवा लोगों को सशक्त बनाना एक महत्वपूर्ण कार्य है जिसे अकेले दक्षिण सूडानी सरकार के हाथों नहीं छोड़ा जा सकता है।

कलीसिया द्वारा युवाओं की शिक्षा

दक्षिण सूडान के कुछ हिस्सों में, कलीसिया एकमात्र संस्थान है जो स्कूल या शैक्षिक केंद्र चला रही है। दक्षिण सूडान में काथलिक कलीसिया का महत्वपूर्ण कार्य स्कूल चलाना है। युद्ध के बावजूद, हमारे स्कूल देश के लिए सबसे बड़ा योगदान है। यहां तक कि हमारे काथलिक विश्वविद्यालय हैं जो लगातार युवा विद्यार्थियों को सशक्त बनाने की कोशिश करते हैं।" हमारे युवा, समुदाय का केंद्र हैं।  हम उन्हें आलस और अकेलापन से पूरी तरह बाहर निकलना चाहते हैं।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

10 October 2018, 17:01