माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, बुधवार,17 अक्टूबर 2018 ( वाटिकन न्यूज) : वाटिकन में चल रहे पंद्रहवीं धर्माध्यक्षीय धर्मसभा में विश्व के धर्मबहनों के धर्मसमाजों का प्रतिनिधित्व सात धर्मबहनें कर रही हैं। वे हैं- फ्रांस से सिस्टर नाथाली, चीन से सिस्टर तेरेसीना चेंग चाओइंग, अमेरिका से सिस्टर सैली मेरी होडगन, कोरिया से सिस्टर मीना क्वोन, इटली के सिस्टर एलेसांन्ड्रा स्मरिली, केन्या से सिस्टर लुसी मुथोनी नेदेरी और स्पेन से सिस्टर मरिया लुइसा बर्ज़ोसा गोंज़ालेज। उन्होंने सोमवार की शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया। अंग्रेजी बोलने वाली दो धर्मबहनों ने धर्मसभा की गतिविधियों पर अपने विचार प्रकट किये।
खुलकर सुनना
शंबेरी के संत जोसेफ की धर्मबहनों के सुपीरियर जेनरल सिस्टर सैली मेरी होडगडन ने कहा कि धर्मसभा में भाग लेने वाले "कुछ नया करना चाहते हैं" और "वे खुलेपन की भावना" से सुन रहे हैं। ‘इंस्ट्रूमेंटुम लाबोरिस’ का पहला भाग जो ‘सुनने’ पर केंद्रित था, सिस्टर सैली ने साझा करते हुए कहा कि "हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि कलीसिया हमारे युवाओं को अलग तरीके से सुनें जो कलीसिया में मौजूद हैं... और जो हमारे भविष्य के सह-निर्माण में मदद करेंगे।"
पीछे छोड़ देने की चुनौती
सिस्टर सैली ने कहा कि धर्माध्यक्षों के सामने एक बड़ी चुनौती है कि वे "युवाओं के प्रति अपने पारंपरिक विचारों" जैसे वे जिम्मेदार या भरोसेमंद नहीं हैं, को छोड़ दें, इसके बजाय "वे युवाओं के विचारों को गले लगायें जिसे उन्होंने खुलकर उनके सामने पेश किया है।
चुनौतीपूर्ण नये विचार
सिस्टर सैली ने कहा कि धर्मसभा में न केवल युवा लेकिन कुछ धर्माध्यक्ष और कार्डिनल भी नये रचनात्मक एवं महत्वपूर्ण विचार पेश कर करते हैं। "युवाओं ने इस तरह की महान अंतर्दृष्टि की पेशकश की है और हमें उनके संदर्भ में काफी स्पष्ट रूप से बताया है। हमें उनके संदर्भ को जानने की जरूरत है।" उन्होंने पुष्टि की है कि छोटे समूहों में हर किसी की बातें ध्यान से सुनी गई है "और उनके सभी विचार अक्सर दस्तावेज़ में संशोधन के रूप में स्वीकार किए जाते हैं, भले ही वह एक युवा, धर्मबहन या धर्माध्यक्ष या कार्डिनल हो।"
सुनना-एक उपहार
केन्या से सलेसियन धर्मबहन लुसी मुथोनी नेदेरी जो युवा प्रेरितिक कार्यों में संलग्न हैं उन्होंने कहा कि वे धर्माध्यक्षीय धर्मसभा में सुनने की संस्कृति को मानने की प्रतिबद्धता से खुश हैं। यह युवा लोगों के लिए एक उपहार है। सिनॉड के दूसरे विषय ‘संगतता’ की ओर ध्यान केंद्रित करते हुए सिस्टर लुसी ने कहा कि कई युवा कहते हैं, "आप येसु से मिलाने से पहले अपने बहुत सारे मानदंडों, नियमों, परंपराओं पर संवाद करते हैं। हम येसु से मुलाकात करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि कलीसिया हमें येसु से संवाद करने में मदद करे।" उन्होंने इसे अदन वाटिका में "सांप के तर्क" के रूप में वर्णित किया। परीक्षक इस बात पर जोर देता है कि ईश्वर ने क्या नहीं करने को कहा लेकिन वह यह नहीं कहता ईश्वर ने क्या करने को कहा।
आभार
अंत में सिस्टर लुसी ने ईश्वर को इतना सुन्दर अवसर देने के लिए धन्यवाद दिया, साथ ही संत पापा फ्राँसिस के प्रति अपना आभार प्रकट किया जिन्होंने धर्मसभा में भाग लेने और सुनने के लिए आमंत्रित किया।