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वाटिकन संग्रहालय में कला के संरक्षकों से मुलाकात करते संत पापा वाटिकन संग्रहालय में कला के संरक्षकों से मुलाकात करते संत पापा 

सौहार्द एवं शांति का स्रोत है कला, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को वाटिकन संग्रहालय में कला के संरक्षकों को, उनकी संरक्षण एवं उनकी सुरक्षा के प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा ने कहा, "आज के इस जटिल विश्व में, जिसको दुर्भाग्यवश, स्वार्थ एवं सत्ता की प्यास के कारण अकसर तोड़ा एवं नष्ट किया जाता है, कला की विश्वव्यापी आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है क्योंकि यह शांति और सौहार्द तथा आभार की भावना को व्यक्त करने का स्रोत है।"

संत पापा ने शुक्रवार को वाटिकन संग्रहालय की कला के संरक्षकों के संगठन की स्थापना की 35वीं वर्षगाँठ पर, संगठन के 45 सदस्यों से मुलाकात की। संगठन की स्थापना 1983 को हुई थी जिसका मुख्य उद्देश्य था वाटिकन संग्रहालय की सुरक्षा एवं रख-रखाव हेतु सहयोग देना।

कला में ईश्वर की छवि

संगठन के सदस्यों को सम्बोधित करते हुए संत पापा ने कहा कि "कला का अस्तित्व ईश्वर का साक्ष्य देने में है तथा यह हमें शब्दों से बढ़कर विचारों के माध्यम से विश्वास को प्राप्त करने में मदद देता है क्योंकि यह विश्वास के रास्ते का अनुसरण करता है जो सौंदर्य का रास्ता है।"

कला की सुन्दरता जीवन को समृद्ध बनाता है तथा एकता का निर्माण करता है क्योंकि यह ईश्वर, मानव एवं सृष्टि को एक साथ लाता है। यह भूत, वर्तमान एवं भविष्य को एक-दूसरे से जोड़ता है। एक ही स्थान पर एक ही दृष्टि से अलग-अलग एवं दूर के लोगों को आकर्षित करता है।    

संत पापा ने संगठन के सभी सदस्यों को वाटिकन संग्रहालय के रख-रखाव में उनके उदार सहयोग के लिए धन्यवाद दिया तथा कहा कि उनकी उदारता सदियों पुरानी परम्परा रही है। जिन्होंने कला के माध्यम से कलीसिया के इतिहास में योगदान देने वालों की उपलब्धियों का अनुकरण किया है।

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29 September 2018, 15:59