स्कूलों से मिलकर कार्य करें, माता-पिताओं को संत पापा की सलाह

इटली में अभिभावक एसोसिएशन, माता-पिताओं को परिवार के प्रति समर्पण एवं ख्रीस्तीय नैतिक मूल्यों के अनुसार बच्चों को शिक्षा देने हेतु सहायता प्रदान करता है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 7 सितम्बर को वाटिकन के पौल षष्ठम सभागार में, इटली में माता-पिताओं के एसोशिएशन की 50वीं सालगिराह के उपलक्ष्य में उसके सदस्यों से मुलाकात की।

माता-पिता एवं शिक्षा

स्कूल में बच्चों की शिक्षा के संदर्भ में एसोशिएशन के काम की प्रशंसा करते हुए, संत पापा फ्रांसिस ने परिवारों और स्कूल प्रणाली के बीच संबंध का उल्लेख किया किन्तु उन्होंने इस बात पर भी गौर किया कि इस समय इस संगठन के कार्य में जोखिम है खासकर, इसलिए क्योंकि अनेक परिवार, शिक्षकों के काम की सराहना नहीं कर रहे हैं तथा स्कूलों में माता-पिता के आक्रामक प्रभाव को महसूस किया जा रहा है।

संत पापा ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में बदलाव लाने के लिए किसी को पहले कदम लेने की आवश्यकता है ताकि एक दूसरे के प्रति भरोसा को जगाया जा सके।

उन्होंने जोर दिया कि स्कूलों एवं शिक्षकों के अभाव में माता-पिता शैक्षणिक गतविधियों में अकेले हो जाने की जोखिम उठाते हैं और इस तरह वे शिक्षा की नई चुनौतियों का सामना करने में समर्थ होते हैं जो समकालीन संस्कृति, समाज, संचार माध्यमों एवं नई तकनीकियों से आती हैं।  

संचार एवं सहयोग

अपने प्रेरितिक विश्व पत्र अमोरिस लेतित्सिया का हवाला देते हुए संत पापा ने कहा कि "स्कूल माता–पिता के लिए विकल्प नहीं किन्तु एक पूरक है। अतः स्कूल में शैक्षणिक अवयवों के साथ शिक्षा और सहयोग में कभी कमी नहीं होनी चाहिए। बिना सम्पर्क एवं आपसी भरोसा के समुदाय का निर्माण नहीं किया जा सकता है और बिना समुदाय के शिक्षा देना असम्भव है।"  

अभिभावकों एवं शिक्षकों के बीच सहयोग की भावना पर जोर देते हुए संत पापा ने कहा कि कलीसिया को इसके लिए मदद देना चाहिए। उन्होंने कहा, यह कलीसिया का कार्य है कि परिवारों के शैक्षणिक एकाकीपन को दूर करने में उसकी मदद करे क्योंकि कलीसियाई समुदाय ही वह स्थान है जहाँ माता-पिता भरोसा और सहयोग प्राप्त कर सकते हैं।

अंततः संत पापा ने उपस्थित माता-पिताओं को बतलाया कि बच्चे अत्यन्त मूल्यवान हैं जिनको उन्होंने ईश्वर से प्राप्त किया है और वे अपने समर्पण एवं उदारता के द्वारा ही बच्चों को विश्वास में बढ़ने तथा उन्हें चरित्र का गठन करने में मदद कर सकते हैं।

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08 September 2018, 15:06