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संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में युवाओं का मिस्सा समारोह संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में युवाओं का मिस्सा समारोह 

कलीसिया के लिए खमीर के रूप में युवा: कार्डिनल बास्सेत्ती

इटली के युवाओं की साप्ताहिक तीर्थयात्रा के अंत में संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में युखरीस्तीय समारोह में कार्डिनल बास्सेत्ती ने यात्रा और स्वागत के महत्व के पर प्रकाश डाला।

वाटिकन सिटी-माग्रेट सुनीता मिंज

वाटिकन सिटी, सोमवार, 13 अगस्त 2018 (रेई) : रविवार 12 अगस्त को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में इतालवी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष और पेरुज्जा के धर्माध्यक्ष कार्डिनल ग्वालतियेरो बास्सेत्ती ने इटली के विभिन्न धर्मप्रांतों से आये 70,000 युवाओं के लिए य़ुखारीस्तीय समारोह का अनुष्ठान किया। युखारीस्तीय समारोह में युवाओं के साथ आये 120 धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, धर्मबहनों और देश-विदेश से आये तीर्थयात्रियों ने भी भाग लिया।

अक्टूबर में युवा लोगों के लिए धर्माध्यक्षों की धर्मसभा और जनवरी 2019 में पानामा में होने वाले विश्व युवा दिवस के संदर्भ में इतालवी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के युवा कार्यालय द्वारा सप्ताह भर की तीर्थयात्रा का आयोजन किया गया था।

तीर्थयात्रा शुक्रिया अदा करने का सबसे अच्छा तरीका

कार्डिनल बास्सेत्ती ने बड़ी संख्या में आये युवाओं का स्वागत करते हुए कहा कि युवा लोग, "हमारे कलीसिया और हमारे समाज के लिए आशा के खमीर" हैं। तीर्थयात्रा "जीवन के लिए ईश्वर का शुक्रिया अदा करने का सबसे सुंदर तरीका है" और युवाओं ने सप्ताह भर दिन की गर्मी, भूख-प्यास, पीठ पर ‘बस्तों’ का भार लिए पैदल यात्रा कर थकान का अनुभव किया है। यात्रा के दौरान प्राकृतिक सुन्दरता का अवलोकन किया, आपस में बातें की, प्रार्थना और चिंतन किया। इस समय जरुर उन्होंने खुद से पूछा होगा क्या यह तीर्थयात्रा उनके लिए फायदेमंद था, क्या इस यात्रा को जारी रखा जाए।

कठिनाई से उबारने वाले ईश्वर

कार्डिनल ने कहा कि जीवन के मार्ग में थकान, विध्वंस, भ्रम और अविश्वास आते रहते हैं। अनिश्चितता, एक ऐसी परिस्थिति है जो भविष्य की योजनाओं को रोकती है। परिवार में रहने की कठिनाइयाँ, आपके पड़ोस या शहर में मौजूद कठिनाइयां आपको निराश कर सकती हैं, पर इन दिनों आप साथ-साथ चलकर, अपने साथियों के साथ अपनी कठिनाइयों को साझा करते हुए समझ गये होंगे कि किसी भी तरह की कठिनाइयों का सामना करने में हम सक्षम हैं बशर्ते हम उन्हें अकेले सामना न करें"। वास्तव में, "ईश्वर" अपने दूत को सही समय पर भेजते हैं, ताकि हम साहस के साथ कठिनाइयों का सामना कर सकें।

जीवन यात्रा का सच्चा साथी येसु

कार्डिनल बास्सेत्ती ने पहले पाठ पर चिंतन करते हुए कहा कि ईश्वर ने एलिय्याह को सबसे हताश क्षण में, अपने स्वर्गदूत के साथ यात्रा जारी रखने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि वह खुद को अपने लोगों के लिए समर्पित करे और दूसरों को भी इस सेवा में शामिल करे। कार्डिनल ने युवाओं से कहा कि वे अपनी जीवन यात्रा में येसु की तलाश करें और उनके साथ आगे बढ़ें। येसु उनकी हर तमन्ना को जानते हैं वे हर व्यक्ति के दिल की बातें समझते हैं क्योंकि येसु ही जीवन यात्रा के लक्ष्य और सच्चे जावन साथी हैं जो हमें कभी भी निराश नहीं करते हैं।

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13 August 2018, 15:27