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अंतरधार्मिक वार्ता हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल जॉन लुईस तौरान अंतरधार्मिक वार्ता हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल जॉन लुईस तौरान 

कार्डिनल तौरान का निधन

अंतरधार्मिक वार्ता हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल जॉन लुईस तौरान का निधन बृहस्पतिवार 5 जुलाई को वाटिकन में हुआ। संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने 21 अक्टूबर 2003 में उन्हें कार्डिनल नियुक्त किया था। वे अंतरधार्मिक वार्ता के माध्यम से विश्व में शांति को प्रोत्साहन देने के अथक प्रयास के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं। उन्होंने 13 मार्च 2013 को संत पेत्रुस महागिरजाघर के पोर्टिको से संत पापा फ्राँसिस की घोषणा की थी।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 6 जुलाई 2018 (रेई)˸ वाटिकन प्रेस कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, अंतरधार्मिक वार्ता हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल जॉन लुईस तौरान का निधन बृहस्पतिवार 5 जुलाई को वाटिकन में हुआ। वे 75 वर्ष के थे। वे पार्किंसंस की बीमारी से पीड़ित थे।

शांति के संदेशवाहक

संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने 21 अक्टूबर 2003 में उन्हें कार्डिनल नियुक्त किया था। वे अंतरधार्मिक वार्ता के माध्यम से विश्व में शांति को प्रोत्साहन देने के अथक प्रयास के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं। उन्होंने 13 मार्च 2013 को संत पेत्रुस महागिरजाघर के पोर्टिको से संत पापा फ्राँसिस की घोषणा की थी।

कार्डिनल तौरान की जीवनी

कार्डिनल जॉन लुईस तौरान का जन्म 5 अप्रैल 1943 को फ्राँस के बोरदेयौक्स में हुआ था। उनका पुरोहिताभिषेक 20 सितम्बर 1969 को हुआ था। उन्होंने दर्शनशास्त्र एवं ईशशास्त्र में लासेंसियेट की थी तथा कलीसिया के नियम में डिग्री हासिल की थी।

पुरोहिताभिषेक के बाद उन्होंने बोरदेऔक्स में सहायक पल्ली पुरोहित के रूप में सेवा दी। मार्च 1975 में वे परमधर्मपीठ के राजनयिक सेवा में प्रवेश किया तथा वे दोमिनिकन रिपब्लिकन में प्रेरितिक राजदूतावास में सेवा देने हेतु नियुक्त किये गये। बाद में उन्हें लेबनान का प्रेरितिक राजदूतावास में स्थानांतरित किया गया।

कलीसिया एवं विश्व में उनकी सेवाएँ

सन् 1988 में उन्हें कलीसिया के लोक मामलों के लिए परिषद का सचिव नियुक्त किया गया। 6 जनवरी 1991 को वे थेलेप्ट के महाधर्माध्यक्ष तथा समिति के सचिव (जिसे आज वाटिकन विदेश सचिव कहा जाता है) नियुक्त किये गये। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में परमधर्मपीठ का प्रतिनिधितिव किया।

24 नवम्बर 2003 को पवित्र काथलिक कलीसिया के मनोनीत पुरालेखपाल और पुस्तकालय अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

25 जून 2007 को वे अंतरधार्मिक वार्ता हेतु गठि परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष बने।

26 जून 2013 को उन्हें धर्म के कार्यों की संस्था (आईओआर) में परमधर्मपीठीय सूचना आयोग का सदस्य नामित किया गया।

20 दिसम्बर 2014 को संत पापा प्राँसिस ने उन्हें काथलिक कलीसिया का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया।

उन्होंने 2005 और 2013 के कॉनक्लेव (संत पापा का चुनाव करने वाली सभा) में भाग लिया।

कार्डिनल के निधन पर संत पापा फ्राँसिस की हार्दिक संवेदना

संत पापा फ्राँसिस ने कार्डिनल जॉन लुईस तौरान की बहन जेनेविव दुबर्ट को एक तार संदेश प्रेषित कर उन्हें अपनी हार्दिक संवेदना प्रकट की। उन्होंने लिखा, "बड़े दुःख के साथ आपके भाई कार्डिनल जॉन लुईस तौरान के निधन की खबर सुन, मैं आपको अपनी हार्दिक संवेदना प्रकट करता तथा परिवार वालों के साथ उनकी आत्मा की अनन्त शांति हेतु प्रार्थना करता हूँ।"

उन्होंने प्रार्थना की कि "प्रभु अपने इस सेवक को अपने शांति एवं आनन्द के धाम में प्रवेश पाने दे।" संत पापा ने परिवार के सभी सदस्यों, बोरदँ जकों एवं विश्वासियों दस्यों, कार्डिनल े धाम में प्रवेश पाने दे। के अथक प्रयास के लिए दुनिया भर मे जाने जाते हैं। ामी रक्षिऔक्स के सभी कार्डिनलों, याजकों, विश्वासियों एवं अंतिम संस्कार में भाग लेने वालों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

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अंतरधार्मिक वार्ता हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल जॉन लुईस तौरान
06 July 2018, 15:56