याद कर विनती याद कर विनती  (© Biblioteca Apostolica Vaticana)

याद कर विनती

याद कर, हे परम दयालु कुँवारी मरियम, कि यह कभी सुनने में नहीं आया

कि कोई तेरी मदद माँगने और तेरी विन्तियों की सहायता खोजने तेरे पास आया

और तुझसे असहाय छोड़ा गया हो।  

हे कुँवारियों की कुँवारी, हे मेरी माँ, इसी आसरे से मैं तेरे पास दौड़ आता हूँ,

और कराहते हुए पापी के रूप में तेरे सामने खड़ा हूँ।  

हे खीस्त की माँ, मेरी विनती अस्वीकार मत कर, पर दया से उसको सुन और पूरा कर।  

आमेन।