पोप : ईश्वर युवाओं को आज भी बुलाते हैं ऐसे रास्ते पर जिनकी कल्पना नहीं होती
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 4 फरवरी 2025 (रेई) : मासिक प्रार्थना मनोरथ पर तैयार वीडियो में संत पापा फ्राँसिस एक युवा के रूप में अपनी बुलाहट की याद करते हैं। वे पुष्ट करते हैं कि युवाओं की बात सुनकर, वे ईश्वर के बुलावे का स्वागत कर सकते हैं “जिससे आज कलीसिया और विश्व की बेहतर सेवा हो सके।” संत पापा निमंत्रण देते हैं कि हम युवाओं पर विश्वास करें और सबसे बढ़कर, ईश्वर पर भरोसा रखें जो “सभी को बुलाते हैं।”
फरवरी 2025 के लिए संत पापा की प्रार्थना की प्रेरिताई की विषयवस्तु है, “पुरोहिताई और धर्मसंघी जीवन की बुलाहटों के लिए।” यह विषय उन्हें युवा लोगों के बारे में बात करने के लिए प्रेरित करता है, और उनके सपनों और चिंताओं के साथ उनका साथ देने की आवश्यकता पर जोर देता है। साथ ही, पोप इसमें अपने जीवन के एक महत्वपूर्ण क्षण के बारे में भी बात करते हैं।
युवा जॉर्ज और आज के युवा
पोप फ्राँसिस ने लॉस एंजेल्स महाधर्मप्रांत के सहयोग से पोप के विश्वव्यापी प्रार्थना नेटवर्क द्वारा निर्मित अपने वीडियो संदेश में कहा, "जब मैं 17 साल का था, तब मैं एक छात्र था और काम कर रहा था। मेरी अपनी योजनाएँ थीं। मैं पुरोहित बनने के बारे में बिल्कुल नहीं सोच रहा था। लेकिन एक दिन, मैं चर्च में गया... और ईश्वर वहाँ थे, वे मेरा इंतजार कर रहे थे!" समय बदलता है, परन्तु जो लोग प्रभु को खोजते हैं उनके हृदय से बात करने की प्रभु की क्षमता नहीं बदलती।
वास्तव में, पोप ने पुष्टि की कि “ईश्वर आज भी युवाओं को बुलाते हैं, कभी-कभी ऐसे तरीकों से जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते,” और वे उनके साथ “नई चीजें करते हैं।” यही कारण है कि एक सुनने वाला माहौल बनाना महत्वपूर्ण है जिसमें वे अपनी चिंताओं को व्यक्त कर सकें, और महसूस कर सकें कि “वे जैसे हैं, और जो हैं उसके लिए उन्हें प्यार किया जाता है,” एक ऐसा माहौल बनाना है जिसमें वे सुन सकें और स्वतंत्र रूप से प्रभु के बुलावे का उत्तर दे सकें, साथ ही एक स्वागत करनेवाला समुदाय भी हो।
पोप फ्रांसिस के शब्दों में, "उनके साथ चलना, उनकी बात सुनना... उन्हें येसु के पास ले जाना, हमेशा उनकी स्वतंत्रता का पक्ष लेना आवश्यक है।" इसलिए, पोप फ्रांसिस हमें आमंत्रित करते हैं कि जब पवित्र आत्मा "युवाओं की चिंताओं के माध्यम से बोलते हैं" तो हम उसकी बात सुनें। इस तरह, ईश्वर के आह्वान का स्वागत करना संभव होगा "जिससे आज कलीसिया और दुनिया की बेहतर सेवा हो सके।" और इसलिए, वे हमसे प्रार्थना करने के लिए कहते हैं कि "कलीसिया समुदाय उन युवा लोगों की इच्छाओं और शंकाओं का स्वागत कर सके जो पुरोहिताई और धार्मिक जीवन में मसीह के मिशन की सेवा करने के लिए बुलाये गये महसूस करते हैं।"
फरवरी माह की प्रार्थना की प्रेरिताई
जब मैं 17 साल का था, तब मैं एक छात्र था और काम करता था। मेरी अपनी योजनाएँ थीं। मैं पुरोहित बनने के बारे में बिल्कुल नहीं सोच रहा था। लेकिन एक दिन, मैं चर्च गया... और ईश्वर वहाँ थे, मेरा इंतज़ार कर रहे थे!
ईश्वर आज भी युवा लोगों को बुलाते हैं, कभी-कभी ऐसे तरीकों से जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। कभी-कभी हम सुन नहीं पाते क्योंकि हम अपने कामों, अपनी योजनाओं, यहाँ तक कि गिरजाघर में भी अपने कामों में बहुत व्यस्त रहते हैं।
लेकिन पवित्र आत्मा सपनों के माध्यम से हमसे बात करते हैं, और युवाओं के दिलों में जो चिंताएँ होती हैं उनके माध्यम से भी बात करते हैं। अगर हम उनकी यात्रा में साथ चलें, तो हम देखेंगे कि ईश्वर उनके साथ कैसे नई चीज़ें कर रहे हैं। और हम उनके बुलावे का स्वागत ऐसे तरीकों से कर पाएँगे जिनकी आज कलीसिया और दुनिया को आवश्यकता है।
आइए, युवाओं पर भरोसा करें! और, सबसे बढ़कर, हम ईश्वर पर भरोसा करें क्योंकि वे सभी को बुलाते हैं! आइए हम प्रार्थना करें कि कलीसियाई समुदाय उन युवाओं की इच्छाओं और शंकाओं का स्वागत करे जो जीवन में येसु के मिशन को जीने के लिए बुलाए गए हैं: या तो पुरोहित जीवन के माध्यम से, या धर्मसंघी जीवन के माध्यम से।
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