पोप फ्राँसिस बच्चों को समर्पित एक प्रेरितिक प्रबोधन लिखेंगे
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 4 फरवरी 2025 (रेई) : 3 फरवरी 2025 बच्चों के लिए समर्पित दिन था। वाटिकन ने पोप फ्राँसिस, अधिवक्ताओं और गैरसरकारी संगठनों के प्रमुखों की उपस्थिति में प्रेरितिक आवास में बच्चों के अधिकारों पर अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन आयोजित किया।
दुनियाभर से आए वक्ताओं ने बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित लाखों बच्चों के वैश्विक संकट पर चर्चा की। शिखर सम्मेलन में जो संदेश गूंजा, वह था कि "किसी बच्चे के जीवन से बढ़कर कुछ भी नहीं है।"
बच्चों को समर्पित प्रेरितिक प्रबोधन
एक ऐसी दुनिया जहाँ बच्चे गरीबी, युद्ध, शिक्षा का अभाव, शोषणा, अन्याय और असहाय स्थिति महसूस कर रहे हैं। संत पापा फ्राँसिस ने सभी प्रतिभागियों और वक्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने “प्रेरितिक आवास के कमरों को दुनियाभर में बच्चों की वास्तविकता पर केंद्रित एक ‘देखभाल की चौकी’ बना दिया।”
निरीक्षण करने के साधारण स्थल से बढ़कर पोप ने सम्मेलन को एक “प्रयोगशाला” बतलाया तथा पवित्र भूमि के संरक्षक फादर इब्राहिम फाल्टास द्वारा कहे गए एक वाक्यांश पर प्रकाश डाला: "बच्चे हमें देख रहे हैं।" उन्होंने समझाया कि बच्चे "हमें देख रहे हैं कि हम जीवन में कैसे आगे बढ़ते हैं।"
संत पापा ने अपने वक्तव्य का समापन, बच्चों को समर्पित एक प्रेरितिक प्रबोधन लिखने की अपनी इच्छा को जाहिर करते हुए की ताकि इस प्रतिबद्धता को जारी रखा जा सके एवं इसे पूरी कलीसिया में बढ़ावा दिया जा सके।
हर बच्चे को हमारे संरक्षण का अधिकार है
सात पैनलों में विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई: आधुनिक विश्व में बच्चों के अधिकार और शिक्षा तक पहुंच से लेकर खाली समय के अधिकार तथा भोजन और स्वास्थ्य देखभाल के अधिकार तक।
आधुनिक दुनिया में बच्चों के अधिकारों पर अपने संदेश में, जॉर्डन की रानी रानिया अल अब्दुल्ला ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से हर बच्चे की देखभाल करने का आह्वान किया, चाहे उनकी स्थिति कुछ भी हो। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि दुनिया ने बच्चों से यही वादा किया है क्योंकि "हर बच्चे का हमारे संरक्षण और देखभाल पर समान अधिकार है।"
रानी ने गज़ा में बच्चों के लिए एक चौंकाने वाले आंकड़े पर जोर दिया: 96% ने बताया कि उन्हें लगता है कि उनकी मृत्यु निकट है और लगभग 50% ने कहा कि वे मरना चाहते हैं। उन्होंने सवाल उठाया, "हमने अपनी मानवता को इस स्थिति में कैसे आने दिया?" रानी अल अब्दुल्ला ने आगे कहा कि केवल तभी जब मनुष्य सचेत प्रयास करे, एक बेहतर दुनिया की सुंदर कल्पना एक साथ आ सकती है।
एक ग्रह कगार पर
एक अन्य वक्ता पूर्व अमेरिकी उपराष्ट्रपति अल गोर थे, जिन्होंने पारिस्थितिकी विनाश के खतरे के खिलाफ चेतावनी दी - जो "हमारे ग्रह के बच्चों पर हमारा द्वारा डाला गया बोझ है।" उन्होंने कहा कि "जानबूझकर अंधेपन" ने कई लोगों को ग्लोबल वार्मिंग, ग्रीनहाउस गैसों और जलवायु परिवर्तन के अन्य रूपों के प्रभावों को देखने से रोक रखा है। द क्लाइमेट रियलिटी प्रोजेक्ट के संस्थापक और अध्यक्ष गोर ने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान पीढ़ी नहीं, बल्कि हमारे बच्चों की पीढ़ियाँ इसके परिणामों के साथ जीयेंगीं।
समस्याओं के पीछे समस्या की खोज
जीकेएसडी इन्वेस्टमेंट होल्डिंग ग्रुप के अध्यक्ष कामेल घिरिबी ने कहा, "बच्चे दुनिया की खूबसूरती हैं।" उन्होंने तर्क दिया कि हमें बच्चों के लिए भूख और अन्याय का समाधान खोजने से आगे देखना चाहिए, "हमें समस्या के पीछे की समस्या ‘क्यों’ को खोजने की कोशिश करनी चाहिए।"
उन्होंने सम्मेलन में उपस्थित सभी सदस्यों एवं अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चुनौती दी कि इस शिखर सम्मेलन को दूसरों से अलग बनाने के लिए शब्दों से परे जाकर और शिखर सम्मेलन समाप्त होने के बाद भी बच्चों की सहायता करने के इस आह्वान को पूरा करें। घिरिबी ने एक साथ इकट्ठा होने और सुंदर भाषण सुनने के बजाय, शिखर सम्मेलन के सदस्यों से कार्रवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि जब हम सभी आज यहाँ से जाएंगे, तो हम ठोस कार्य करेंगे।"
कदम उठाने के लिए आह्वान
सम्मेलन के अंत में, अन्य वक्ताओं के साथ पोप फ्राँसिस ने बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा और देखभाल के बारे में 8 सिद्धांतों की घोषणा पर हस्ताक्षर किए।
इस कार्रवाई के आह्वान और न्यायपूर्ण भविष्य बनाने के लक्ष्य के साथ, शिखर सम्मेलन समाप्त हो गया, इसका मिशन तब तक जारी रहेगा जब तक कि हर बच्चे को सबसे बुनियादी मानवाधिकारों तक पहुंच नहीं मिल जाती।
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