देवदूत प्रार्थना में पोप : येसु हमारी मुक्ति और ज्योति
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, रविवार, 2 फरवरी 2025 (रेई) : वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 2 फरवरी को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को संबोधित कर कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, शुभ रविवार।
आज की धर्मविधि का सुसमाचार पाठ (लूक. 2:22-40) हमें मरियम और योसेफ के बारे बतलाता है जो बालक येसु को येरूसालेम मंदिर ले गये। सहिंता के अनुसार उन्होंने उसे ईश्वर के मंदिर में चढ़ाया, यह याद करते हुए कि जीवन प्रभु से आता है। और जब पवित्र परिवार वही कार्य कर रहा था जो इस्राएली लोगों के बीच पीढ़ी दर पीढ़ी होता आया था, कुछ ऐसा घटी जो पहले कभी नहीं हुई था।
दो बुजुर्ग सिमेयोन और अन्ना येसु के बारे भविष्यवाणी करते हैं : वे ईश्वर की स्तुति करते एवं बालक के बारे में उन सभी लोगों को बतलाते हैं जो “येरूसालेम के छुटकारे की प्रतीक्षा कर रहे थे।” (पद 38) उनकी हृदयस्पर्शी आवाज मंदिर के प्राचीन पत्थरों से टकराकर इस्राएल की प्रतीक्षा की पूर्णता की घोषणा करती हैं। सचमुच ईश्वर लोगों के बीच उपस्थित हैं : इसलिए नहीं कि वे चार दीवारों के भीतर रहते, बल्कि इसलिए कि वे मनुष्यों के बीच मनुष्य के रूप में निवास करते हैं। सिमेयोन और अन्ना के बुढ़ापे में, वह नवीनता घटित होती है जो दुनिया के इतिहास को बदल देती है।
मरियम और जोसेफ येसु के लिए कहे गये शब्दों से विस्मित हो जाते हैं। वास्तव में, जब सिमेयोन बच्चे को अपनी बाहों में लेता है, तो वह उन्हें तीन सुंदर नामों से पुकारता है : येसु मुक्तिदाता हैं, येसु प्रकाश हैं; येसु विरोधाभास के संकेत हैं।
येसु मुक्तिदाता हैं
सिमेयोन ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहता है, “क्योंकि मेरी आँखों ने उस मुक्ति को देखा है, जिसे तूने सब राष़्ट्रों के लिए प्रस्तुत किया है।” (पद.30-31)
संत पापा ने कहा, “यह बात हमें हमेशा आश्चर्यचकित करती है कि दुनिया की मुक्ति सिर्फ एक व्यक्ति पर केंद्रित है क्योंकि मसीह में ईश्वरीय तत्व की परिपूर्णता अवतरित हो कर निवास करती है।” (कोलो. 2:9)
येसु प्रकाश हैं
येसु गैर-यहूदियों के प्रबोधन के लिए ज्योति और इस्राएल का गौरव हैं।(लूक. 2.32)
दुनियाभर के लिए एक सूरज की तरह, यह बालक इसे बुराई, दर्द और मौत के अंधेरे से मुक्ति दिलाएगा। संत पापा ने कहा कि आज भी हमें इस रोशनी की अति आवश्यकता है!
येसु विरोधाभास के संकेत
अंततः, सिमेयोन द्वारा आलिंगन किया गया बच्चा विरोधाभास का संकेत है, “ताकि हृदयों के विचार प्रकट हो सकें।” (पद 35)
येसु ने पूरे इतिहास और उसके नाटक, एवं हम में से हर एक के जीवन को परखने के लिए मानदंड प्रकट किया है। यह मानदंड प्रेम है: जो प्रेम करते हैं, वे जीवित रहते हैं; जो घृणा करते हैं, वे मर जाते हैं। अर्थात् येसु मुक्तिदाता हैं, येसु प्रकाश हैं और येसु विरोधाभास के चिन्ह हैं।
संत पापा ने सभी विश्वासियों को चिंतन हेतु प्रेरित करते हुए कहा, “येसु के साथ मुलाकात से प्रबुद्ध होकर, हम खुद से पूछें: मैं अपने जीवन में क्या उम्मीद करता हूँ? मेरी महान आशा क्या है? क्या मेरा दिल प्रभु का चेहरा देखना चाहता है? क्या मैं मानवता के लिए उद्धार की उनकी योजना के प्रकट होने की प्रतीक्षा कर रहा हूँ?
इसके बाद संत पापा ने कुँवारी मरियम से प्रार्थना करने का आह्वान करते हुए कहा, “आइये, हम अति निष्कलंक माता मरियम से एक साथ प्रार्थना करें, कि वे हमें इतिहास के प्रकाशों एवं अंधकारों के माध्यम से, हमें प्रभु से मुलाकात करने में हमारा साथ दें।
इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here