पोप ने आप्रवासियों के लिए सुसमाचार प्रचार और समर्थन पर ईएसएनई की सराहना की
वाटिकन न्यूज
पोप फ्राँसिस ने गुरुवार को संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित स्पेनिश भाषा के काथलिक नेटवर्क एल सेम्ब्राडोर - नुएवा इवेंजेलिज़ासियोन (ईएसएनई) के प्रतिनिधियों का अभिवादन किया।
पोप ने नेटवर्क के संस्थापक नोएल डिआज़ को धन्यवाद देते हुए अपने वक्तव्य की शुरुआत की, जो वाटिकन में प्रतिनिधियों के सात उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि वे डिआज़ की "विश्वास की दृष्टि और ईश्वर के प्रति उनके समर्पण" से बहुत प्रभावित हुए, तथा इस बात पर ज़ोर दिया कि "इसी तरह ईएसएनई की शुरुआत हुई।"
पोप ने ईएसएनई को "एक ऐसा सपना बताया जो संभव है और संचारकों के इस समुदाय और कई अन्य सहयोगियों की प्रतिबद्धता के कारण जारी है।"
सुसमाचार प्रचार की एक परियोजना
पोप ने ईएसएनई की सबसे हालिया परियोजनाओं में से एक का उल्लेख किया: "यो सोय एल 73", येसु के लिए एक विशेष समर्पण जिसका उद्देश्य सुसमाचार के आनंद और ईश्वर की दया को संप्रेषित करने में सक्षम प्रचारकों का एक समुदाय बनाना है।
आज, पोप ने कहा, "संचार के माध्यम से भी सुसमाचार प्रचार करते हुए, येसु ख्रीस्त द्वारा सौंपे गए मिशन को आगे बढ़ाने के लिए शिष्यों की बहुत आवश्यकता है।"
उन्होंने कहा कि संचार पेशेवरों का सबसे महत्वपूर्ण संरक्षक पवित्र तृत्व है, जो "संचार में जीवित है।" पोप फ्रांसिस ने अमेरिका और स्पानी भाषी देशों में इतने सारे लोगों तक पोप की आवाज और संदेश पहुंचाने के लिए उपस्थित प्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, "बहुत सारे भाईयों और बहनों को प्रार्थना करने, यदि व्यक्तिगत रूप से संभव न हो तो पवित्र मिस्सा में जुड़ने में, ख्रीस्तीय धर्मशिक्षा पाने और कलीसिया के समाचारों को जानने में मदद करने के लिए धन्यवाद।
अप्रवासियों से निकटता
इसके बाद पोप ने लैटिन अमेरिकी देशों से आए कई अप्रवासियों के करीब रहने के लिए टेलीविजन नेटवर्क द्वारा किए गए काम के प्रति आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि उन्हें "अपनी मूल भाषा में संदर्भ और आराम के बिंदुओं की आवश्यकता है" और ईएसएनई उन्हें बिल्कुल यही प्रदान करता है।
अपने संदेश को समाप्त करते हुए, पोप फ्रांसिस ने उपस्थित सभी लोगों को "आगे बढ़ने, स्वर्ग और अपने सबसे जरूरतमंद भाइयों और बहनों की ओर देखना बंद न करने" के लिए प्रोत्साहित किया, और उन्हें "उदारता और रचनात्मकता के साथ, हमेशा पीटर की चट्टान पर लंगर डाले हुए, हमेशा कलीसिया के मार्गदर्शन के प्रति विनम्र" रहने के लिए कहा।
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