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संत पापा ने कास्केस में स्कोलास ऑक्युरेंटेस के युवाओं के साथ संत पापा ने कास्केस में स्कोलास ऑक्युरेंटेस के युवाओं के साथ  (© 2023 LUSA - Agência de Notícias de Portugal, S.A.)

संत पापा: शिक्षा में 'दिमाग, दिल, हाथ' का मेल होना चाहिए

संत पापा फ्राँसिस ने मनीला में चौथे वैश्विक विश्वविद्यालय संगोष्ठी को एक संदेश भेजा और शिक्षा, भावनाओं और सेवा के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए शिक्षा का आह्वान किया।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, शुक्रवार 10 नवम्बर 2023 : फिलीपीन की राजधानी मनीला में डी ला सैले विश्वविद्यालय ने 8-9 नवंबर को एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें सेवा-शिक्षण के विभिन्न पहलुओं की खोज करने हेतु विशेषज्ञों और विश्वविद्यालय के छात्रों को एक साथ लाया गया।

इस कार्यक्रम का समन्वय पोर्टिकस और अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन, सीएलवाईएसएस द्वारा, ऑस्ट्रेलियाई काथलिक विश्वविद्यालय के सहयोग से, संत पापा फ्राँसिस द्वारा शुरू किए गए शिक्षा पर वैश्विक समझौते का बारीकी से पालन करते हुए किया गया था।

संत पापा ने प्रोत्साहन और कृतज्ञता का एक पत्र भेजा, जिसे गुरुवार को कार्यक्रम में पढ़ा गया।

पढ़ाई के साथ सेवा करना

अपने संदेश में, संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि संगोष्ठी ने सेवा-शिक्षण के क्षेत्र में अपने अनुभवों और शोध को साझा करने के लक्ष्य के साथ रेक्टर, प्रोफेसरों और विश्वविद्यालय के छात्रों को एक साथ लाया।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह आयोजन युवाओं में "उस रिश्ते के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करेगा जो दिमाग, दिल और हाथों की 'भाषाओं' के बीच मौजूद होना चाहिए।"

उन्होंने कहा, “इस तरह, शिक्षक अपनी देखभाल में सौंपे गए छात्रों को न सिर्फ किताबी ज्ञान, परंतु उनके व्यक्तित्व को बना सकते हैं ताकि सभी जो महसूस करते हैं और करते हैं उसके अनुरूप सोचना सीख सकें; वे जो सोचते हैं और करते हैं उसके अनुरूप सामंजस्य महसूस करें और वे जो महसूस करते हैं और सोचते हैं उसके अनुरूप काम करें।'

अभिन्न शिक्षा और आध्यात्मिकता

संत पापा फ्राँसिस ने शिक्षा के प्रति एक अभिन्न दृष्टिकोण की हिमायत की, ताकि युवा हमारे वैश्विक समाज के लिए बेहतर भविष्य के निर्माण में नेता बन सकें।

उन्होंने शिक्षा में आध्यात्मिक आयाम के महत्व को भी याद किया। उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि संगोष्ठी का प्रयास, मिशनरी शिष्यों के रूप में आम भलाई की सेवा में भाग लेने वाले सभी लोगों का उत्साह बढ़ाएगा और वे मानव जीवन में सुसमाचार के परिवर्तनकारी सत्य, सौंदर्य और आनंद को लाने में सक्षम होंगे। इस प्रकार भाईचारे की एकजुटता, न्याय और शांति के ईश्वर के राज्य को आगे बढ़ाया जा सके।''

अंत में, संत पापा ने संगोष्ठी के प्रतिभागियों को अपनी प्रार्थनाओं का आश्वासन दिया और अपने प्रेरितिक आशीर्वाद द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उनके निरंतर काम को प्रोत्साहित किया।

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10 November 2023, 16:07